दुनियां – सत्ता संभालने से पहले ही ट्रंप दिखा रहे ट्रेलर, ईरान का क्या करके मानेंगे? – #INA
अमेरिका चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने शानदार जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया है. उनकी जीत के बाद दुनिया की नजर उनकी जिन नीतियों पर हैं उनमें मध्य पूर्व में ईरान और रूस यूक्रेन युद्ध शामिल है. उनकी जीत के ऐलान के बाद से ईरान की करेंसी अपने निचले स्तर पर पहुंच चुकी है और तेल निर्यात में भारी गिरावट आई है.
ट्रंप के सत्ता संभालते ही लगने लगा है कि ईरान के लिए बुरे दिन आने वाले हैं. इजराइल के हमले की वजह से अक्टूबर में ईरान के तेल निर्यात में तेजी से गिरावट आई और इसके अभी और बढ़ने की उम्मीद है. क्योंकि जानकार मान रहे है कि डोनाल्ड ट्रंप सत्ता संभालने के बाद ईरान पर और कड़े प्रतिबंध लगा सकते हैं.
बाइडेन काल में ईरान ने खुदको संभाला
ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान ईरान के खिलाफ कई कदम उठाए थे. उन्होंने परमाणु डील से हाथ खींचने के बाद ईरान पर कड़े प्रतिबंध लागू किए थे. कमोडिटी डेटा इंटेलिजेंस फर्म केप्लर के वरिष्ठ विश्लेषक होमायून फलकशाही ने ‘ईरान इंटरनेशनल’ को बताया कि 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप JCPOA से हाथ खींच लिया, जिसकी वजह से ईरान के तेल निर्यात में तेजी से गिरावट आई और दो साल के अंदर 2.5 मिलियन बैरल प्रति दिन से घटकर सिर्फ 350,000 बैरल रह गया. नतीजतन 2020 में ईरान का तेल राजस्व 2017 के स्तर के दसवें हिस्से से भी कम रह गया.
ट्रंप के बाद बाइडेन के सत्ता में आने के बाद ईरान के तेल निर्यात में हर साल बढ़ोत्तरी देखी गई, जो इस साल सबसे ज्यादा सितंबर में रिकॉर्ड 1.85 एमबी/डी पर पहुंच गया.
हालांकि जानकार मानते हैं कि ट्रंप की वापसी ईरान के तेल निर्यात में 2020 की तरह गिरावट नहीं आयेगी, लेकिन इसमें बढ़ोत्तरी की कोई उम्मीद नहीं है.
ट्रंप के प्रशासन में नियुक्तियां
ट्रंप 2.0 में वापस वह अधिकारी आ सकते हैं, जिन्होंने पिछले कार्यकाल में ईरान के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे. इजराइल के साथ जंग और मानव और महिला अधिकारों के खिलाफ देश की जनता में गुस्से के समय ईरान और ज्यादा प्रतिबंध शायद ही झेल पाए. हालांकि ईरान ने रूस, चीन, उत्तर कोरिया के साथ मिलकर एक अलग एक्सिस ऑफ स्टेट बनाने की कोशिश की है.
ट्रंप के पिछले कार्यकाल के कई अधिकारी ईरान के परमाणु प्रोग्राम के ही नहीं सैन्य और विदेश नीतियों के, मानवाधिकार रिकॉर्ड, खास तौर पर LGBTQ अधिकारों के लिए भी उसके कड़े आलोचक रहे हैं. अब ट्रंप के साथ-साथ व्हाइट हाउस में उनकी वापसी भी तय है.
ईरान नहीं चाहता था ट्रंप की वापसी
2020 में IRGC चीफ कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से ईरान ने ट्रंप के खात्मे की कसम खाई है. हाल ही के चुनाव में ट्रंप के ऊपर दो हत्या के प्रयास भी हो चुके हैं. शुक्रवार को अमेरिका के विधि मंत्रालय ने डोनाल्ड ट्रंप की हत्या किए जाने की ईरान की नाकाम साजिश के संबंध में शुक्रवार को आपराधिक आरोपों की घोषणा की. शिकायत में कहा गया है कि ईरान के अधिकारी ने फरजाद शकेरी नामक व्यक्ति के साथ ट्रंप की हत्या की साजिश रची थी.
इसके अलावा अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप अभियान ने भी ईरान के ऊपर प्रचार प्रभावित करने के लिए साइबर हमलों का आरोप लगाया है. अब देखना होगा डोनाल्ड ट्रंप अपने 2.0 में ईरान के साथ कैसे संबंध स्थापित करते हैं.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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