Political – J&K चुनाव: उमर अब्दुल्ला कर पाएंगे करिश्मा? BJP ने दोनों सीटों पर नहीं उतारा कैंडिडेट, जानें सेंट्रल कश्मीर की 15 सीटों का हाल- #INA
जम्मू कश्मीर में पहले चरण की 24 सीटों पर वोटिंग हो गई. दक्षिण कश्मीर और चेनाब घाटी में वोट डाले जाने के बाद अब नजरें सेंट्रल कश्मीर और पीर पंजाल की ओर मुड़ गई हैं. दूसरे चरण में लोग जिन 26 सीटों पर अपने प्रतिनिधि चुनेंगे, इनमें वादी की सभी 15 सीटें सेंट्रल कश्मीर में हैं. जबकि जम्मू की 11 सीटें पीर पंजाल के दो जिले (राजौरी, पुंछ) और रियासी में हैं. वोटिंग 25 सितंबर को होनी है.
दूसरे चरण की इन सीटों के लिए कुल 329 लोगों ने पर्चा दाखिल किया था. इनमें 62 के नामांकन खारिज हुए और 27 ने अपने नाम वापस ले लिए. इस तरह कुल 239 उम्मीदवार बच गए. इस स्टोरी में हम सेंट्रल कश्मीर की 15 सीटों पर होने जा रहे चुनाव का एक लब्बोलुआब बताएंगे, जिसके लिए 160 उम्मीदवार आमने-सामने हैं. यानी एक सीट पर औसतन 10 से 11 कैंडिडेट मुकाबला कर रहे हैं.
पहली बात – कश्मीर में किन सीटों पर होनी है वोटिंग?
पहले चरण के दौरान दक्षिणी कश्मीर के 4 जिलों (अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम और पुलवामा) की 16 सीटों पर वोटिंग हुई. अब सेंट्रल कश्मीर की जिन 15 सीटों पर वोटिंग होनी है, ये श्रीनगर, बडगाम और गांदरबल जिले में हैं.
श्रीनगर की सभी 8 सीटें (लाल चौक, ईदगाह, हजरतबल, जदीबल, खानयार, हब्बा कदल, चन्नापुरा, सेंट्रल शालटेंग); गांदरबल की सभी 2 सीटें (गांदरबल और कंगन); बड़गाम की सभी 5 सीटें (बड़गाम, बीरवाह, खान साहिब, चरार-ए-शरीफ, चादूरा) पर अब वोट की बारी है.
दूसरी बात – महिला कैडिडेट्स 15 में से 12 सीटों पर नहीं
सेंट्रल कश्मीर की 15 सीटों पर होने जा रहे चुनाव में 12 सीटें ऐसी हैं जहां कोई महिला उम्मीदवार नहीं. जिन सीटों पर आधी आबादी की भागीदारी नाम मात्र की दिखलाई देती है, वे हैं – हजरतबल, हब्बा कदल और चादूरा.
हजरतबल से पीडीपी के चुनाव चिह्न कलम दवात पर आसिया नक्श चुनाव लड़ रही हैं. हब्बा कदल से नेशनल कांफ्रेस की शमीम फिरदौस और नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी की रुबीना अख्तर कैंडिडेट हैं. वहीं चादूरा से निलोफर सज्जाद निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं.
इस तरह 160 उम्मीदवारों में महिला कैंडिडेट्स की संख्या केवल 4 है. जो 3 फीसदी से भी कम है.
तीसरी बात – दो-तिहाई सीटों पर BJP के कैंडिडेट्स नहीं
कश्मीर घाटी की 47 में से केवल 19 सीट पर भारतीय जनता पार्टी चुनाव लड़ रही है. दूसरे चरण की बात खासतौर पर अगर की जाए तो बीजेपी इस दौर की 15 में से 9 सीटों पर नदारद है.
हैरत की बात ये है कि ‘खानदानी सियासत’ की बात कह नेशनल कांफ्रेंस पर हमला बोलने वाली बीजेपी, एनसी के कर्ता-धर्ता उमर अब्दुल्ला की दो सीट (गांदरबल और बडगाम) तक पर भी अपने कैंडिडेट नहीं खड़ी कर सकी है.
दूसरे चरण में भाजपा कश्मीर घाटी की जिन 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही, वे हैं – लाल चौक, ईदगाह, हब्बा कदल, चन्नापुरा, खान साहिब, चरार-ए-शरीफ.
इस दौर में मुख्य तौर पर घाटी में मुकाबला पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के बीच है. पीडीपी ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. वहीं, एनसी के कैंडिडेट 14 सीटों पर हैं क्योंकि 1 सीट पार्टी ने गठबंधन की वजह से कांग्रेस के लिए छोड़ा है. श्रीनगर की सेंट्रल शालटेंग सीट पर जम्मू कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारीक हमीद कर्रा चुनाव लड़ रहे हैं.
चौथी बात – उमर अब्दुल्ला कर पाएंगे करिश्मा?
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में पहले चरण के केंद्र में जिस तरह इल्तिजा मुफ्ती की सीट बिजबेहरा-श्रीगुफवारा रही, उसी तरह बहुत हद तक मुमकिन है कि दूसरे चरण की कवरेज उमर अब्दुल्ला की दो सीट (बड़गाम और गांदरबल) के इर्द-गिर्द होती दिखे.
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने, राज्य को केंद्रशासित प्रदेश किए जाने के बाद उमर विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार करते रहें. ये कहते हुए कि पुरानी स्थिति के बहाल हो जाने से पहले वह कोई विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे.
मगर अब कार्यकर्ताओं के दबाव और दूसरी वजहें गिनवाते हुए वह एक के बजाय दो सीटों पर चुनावी मैदान में हैं. हम ऊपर बता चुके हैं कि बीजेपी ने इन दोनों सीटों पर अपने कैंडिडेट नहीं उतारे हैं.
गांदरबल विधानसभा अब्दुल्ला परिवार का गढ़ रहा है. शेख अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला से लेकर उमर अब्दुल्ला तक इस सीट की नुमाइंदगी कर चुके हैं. मगर 2002 में उमर को यहां पीडीपी के एक सामान्य कार्यकर्ता से हार का सामना करना पड़ा था. तब से वह फूंक-फूंक कर कदम रखते हैं.
खासकर तब तो और भी जब उन्हें हालिया लोकसभा चुनाव में बारामूला लोकसभा सीट पर एक अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा. जहां इंजीनियर रशिद ने उन्हें 2 लाख से भी ज्यादा वोटों के अंतर से हरा दिया.
सीट हारने के बाद भी वह इस इलाके की बड़गाम विधानसभा क्षेत्र में आगे रहे थे. इसी कारण माना जा रहा है कि वह गांदरबल के अलावा यहां से भी चुनाव लड़ रहे हैं. बड़गाम में उमर का मुकाबला पीडीपी के आगा सईद मुंतजिर मेहदी से है. वहीं, गांदरबल में उमर के सामने पीडीपी के बशीर अहमद मीर हैं.
लेकिन कश्मीर घाटी में आजादी चाचा के नाम से मशहूर सर्जन बरकती के भी गांदरबल से चुनाव लड़ने से उमर के लिए सीट निकालना मुश्किल हो गया है. बरकती वुरहान वानी की मौत के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं को भड़काने के आरोपों में जेल में बेंद है.
उमर अब्दुल्ला लोकसभा चुनाव की पटखनी का जवाब क्या बड़गाम जीतकर और तमाम मुश्किलात के बीच अपना गढ़ गांदरबल बचाकर दे पाएंगे? देखना होगा.
Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link