Technology, Koo App: बंद होने जा रहा भारतीय माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू, चार साल के संघर्ष के बाद लिया फैसला — INA

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भारतीय सोशल मीडिया और माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo अब बंद होने जा रहा है। करीब चार साल के लंबे संघर्ष के बाद Koo को बंद करने का फैसला लिया गया है। Koo का डेलीहंट अधिग्रहण करने वाला था लेकिन बात नहीं बनी। कू को टाइगर ग्लोबल और एक्सेल जैसे प्रमुख निवेशकों से 60 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग हासिल करने के बावजूद इसे बंद किया जा रहा है।


कू के फाउंडर अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिद्वटका ने लिंकडिन पर पोस्ट करके यह जानकारी दी है। कुछ दिन पहले ही कंपनी ने ब्राजील में अपनी सर्विसेज शुरू की थी। Koo भारतीय के अलावा कई अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध था।


कू के संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण ने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा, “हमने कई बड़ी इंटरनेट कंपनियों, समूहों और मीडिया घरानों के साथ साझेदारी की खोज की, लेकिन इन वार्ताओं से वह परिणाम नहीं निकला जो हम चाहते थे। उनमें से अधिकांश यूजर्स द्वारा निर्मित सामग्री और सोशल मीडिया कंपनी की जंगली प्रकृति से निपटना नहीं चाहते थे।”


कू में पिछले कुछ महीने से लगातार छंटनी भी चल रही है। पिछले साल अप्रैल में कू ने एक तिहाई कर्मचारियों को बाहर कर दिया था। इसकी पुष्टि कंपनी की ओर से ही की गई थी। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा था कि कू ने लगभग 260 श्रमिकों में से  30% की छंटनी कर दी है।

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