देश – गुलाम नबी आजाद अपने ही नेताओं का नहीं करेंगे प्रचार, कहा- चाहें तो वापस ले लें नामांकन – #INA
वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) को चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है। खबर है कि आजाद ने संकेत दिए हैं कि वह खराब स्वास्थ्य के चलते उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं कर पाएंगे। उन्होंने यह तक कह दिया है कि अगर नेता चाहें, तो उम्मीदवारी वापस ले सकते हैं। खास बात है कि कांग्रेस से अलग होने के बाद आजाद ने डीपीएपी का गठन किया था। हालांकि, शुरुआत से ही पार्टी दल बदल समेत कई झटकों का सामना करती रही है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, आजाद का कहना है कि वह आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं कर पाएंगे। श्रीनगर में भी एक स्थानीय एजेंसी को दिए बयान में आजाद ने उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं करने पर दुख जताया है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘कुछ अप्रत्याशित हालात ने मुझे प्रचार से पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया है…।’
उन्होंने कहा, ‘उम्मीदवार खुद आकलन करें कि वह मेरी मौजूदगी के बगैर आगे बढ़ पाएंगे या नहीं। अगर उन्हें लगता है कि मेरी अनुपस्थिति उनकी संभावनाओं पर असर डालती है, तो उनके पास उम्मीदवारी वापस लेने की भी आजादी है।’ मंगलवार को ही 13 उम्मीदवारों ने DPAP से पर्चा दाखिल किया था। 24 सीटों के लिए 18 सितंबर को पहले चरण का मतदान होना है। खास बात है कि अब अटकलें लगाईं जाने लगी हैं कि 25 सितंबर और 1 अक्टूबर यानी दूसरे और तीसरे चरण के लिए लिस्ट जारी होंगी या नहीं।
अखबार से बातचीत में DPAP के प्रवक्ता सलमान निजामी ने कहा, ‘आजाद साहब ने कहा है कि वह स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कारण प्रचार नहीं कर पाएंगे। अगर किसी उम्मीदवार को लगता है कि वह उनकी गैरमौजूदगी के चलते आगे नहीं बढ़ पाएंगे, तो वह उम्मीदवारी वापस लेने के लिए स्वतंत्र है।’ निजामी ने कहा, ‘ऐसा पहले चरण के लिए है, जिसके लिए नामांकन वापस लेने का अंतिम दिन शुक्रवार है।’
लोकसभा में लग चुका है झटका
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में DPAP का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। पार्टी ने अनंतनाग-राजौरी और ऊधमपुर-डोडा क्षेत्रों से उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन दोनों की ही जमानत जब्त हो गई। खास बात है कि दोनों ही उम्मीदवार दो लोकसभा सीटों में शामिल 36 विधानसभा क्षेत्रों में कहीं भी बढ़त हासिल नहीं कर सके थे। इसके अलावा पार्टी से नेताओं का छोड़कर जाना भी जारी है। कुछ समय पहले ही वरिष्ठ नेता ताज मोहिउद्दीन और आदिवासी नेता हारून खताना ने पार्टी को अलविदा कहा है।
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