सेहत – Nipah Virus: केरल में ही निपाह का प्रकोप क्‍यों, भारत में पहले कहां मची थी तबाही? 75% मामलों में मौत का खतरा – nipah virus encephalitis outbreak why kerala most affected where it made first time destruction explainer

नई दिल्‍ली. निपाह वायरस के संक्रमण से केरल में एक किशोर की मौत हो गई है. केरल सरकार ने खुद इसकी पुष्टि की है. निपाह से मौत की सूचना के बाद प्रदेश के साथ ही केंद्र सरकार भी सतर्क और सजग हो गई है. केंद्र के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने केरल के मल्लापुरम जिले में निपाह वायरस की पुष्टि करते हुए निपाह वायरस संक्रमण को रोकने के लिए तत्काल सार्वजनिक उपाय करने की सलाह दी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र ने विशेषज्ञों की एक टीम को भी केरल भेज रही है, ताकि हालात का जायजा लेकर घातक संक्रमण से निपटने की व्‍यवस्‍था की जा सके. मल्लापुरम के एक 14 वर्षीय लड़के में AES के लक्षण दिखे और उसे कोझिकोड के एक हायर हेल्‍थ सेंटर में रेफर किया गया है. हालांकि, किशोर को बचाया नहीं जा सका. बाद में नमूने को जांच के लिए NIV (पुणे) भेजा गया था. NIV ने निपाह वायरस के संक्रमण की पुष्टि की है. अब सवाल उठता है कि हाल के वर्षों में निपाह वायरस का असर केरल में ज्‍यादा क्‍यों देखा जा रहा है?

निपाह वायरस का प्रकोप केरल में ज्‍यादा क्‍यों हो रहा है, इसका जवाब जानने से पहले इस बात की जानकारी हासिल करना ज्‍यादा जरूरी है कि इस वायरस से संक्रमण फैलता कैसे है? दरअसल, निपाह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है. फल खाने वाले चमगादड़ और सूअर या इस जैसे जानवर इस वायरस के लिए सबसे मुफीद होते हैं. मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह में इस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था. इसके बाद से इसे निपाह वायरस के नाम से जाना जाने लगा है. निपाह वायरस संक्रमण का पहला मामला साल 1998 में सामने आया था. बता दें कि संक्रमित व्‍यक्ति में 40 से 75 फीसद मामलों में जान जाने का खतरा रहता है.

निपाह वायरस संक्रमण के लक्षण

  • बुखार
  • सिरदर्द
  • सांस लेने में कठिनाई
  • खांसी
  • डायरिया
  • उल्टी करना
  • मांसपेशियों में दर्द और गंभीर कमजोरी

पश्चिम बंगाल में भी फैल चुका है न‍िपाह संक्रमण
भारत में निपाह वायरस से पहली बार पश्चिम बंगाल में संक्रमण फैला था. निपाह वायरस आउटब्रेक का दूसरा मामला भी पश्चिम बंगाल में ही समाने आया था. तीसरा ऐसा मामला केरल में सामने आया. पश्चिम बंगाल में साल 2001 और 2007 में दो बार निपाह वायरस से संक्रमण फैला था. इसके बाद मई 2018 में केरल में निपाह संक्रमण का मामला पहली बार सामने आया था. पिछले कुछ साल से केरल में निपाह संक्रमण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.

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14 दिन में दिखने लगते हैं लक्षण
आमतौर पर निपाह वायरस के संपर्क में आने के चार से 14 दिनों के भीतर लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं. पहले बुखार या सिरदर्द और बाद में खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्‍याएं सामने आने लगती हैं. इसको लेकर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की ओर से जागरुकता अभियान भी चलाया जाता है.


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