सेहत – कुट्टू का आटा बन जाता है घटिया, लोग हर साल होते हैं बीमार? एक आलेख ने बताया कारण
कुट्टू आटा समाचार: हाल ही में मंदिर प्रदेश के मथुरा और आगरा में जन्मामी के व्रत में कुट्टू के आटे की पूड़ियां और पकौड़ियां खाने से करीब ढाई सौ लोगों की वृद्धावस्था और भोजन की व्यवस्था होने के साथ ही अविशेषज्ञतालों में सोया का तंता लग गया। हालाँकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, हर व्रत पर्व पर एक दो बड़ी घटनाएँ होती हैं जिनमें कुट्टू के दाँत के भयानक हो जाने की झलक दिखाई देती है। जबकि गेहूं, जौ, चना या अनाज के टुकड़ों के साथ ऐसा नहीं होता। खोज प्रश्न यह है कि आखिर कुट्टू के आटे में ऐसे निर्मित उत्पाद क्या हैं जो लोगों को बीमार कर देते हैं? आइये एक खंड से जानते हैं..
एसएन में आश्चर्यजनक रूप से सवा सौ मरीज
कुट्टू का आटा खाने से हुई फूड पॉइजनिंग के बाद आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में करीब सवा सौ मरीजों के इलाज के लिए भर्ती हुई। इनमें से 6 गंभीर मरीज़ों को इलाज के लिए छुट्टी दे दी गई है लेकिन अभी भी 6 गंभीर मरीज़ों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। इस बारे में क्लिनिकल डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर मृदुल चौधरी ने News18hindi को बताया कि जनमा अकादमी व्रत के फलाहार में कुट्टू के पेशे से सभी के लिए भोजन की पॉइजनिंग हुई थी.
कुट्टू के आटे की पूरी और पकौड़ी खाने से ढाई सौ से ज्यादा लोग बीमार हो गए हैं।
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वास्तव में क्या लक्षण थे?
इन गरीबों को पेट में दर्द होने के साथ ही उल्टी और दस्त की शिकायत हो रही थी। कुछ लोगों को पेट में मरोड़ उठती रही. कुछ बस्ती का जी मिचला रहा था. जबकि किसी-किसी को हलका बुखार भी आया था। इन सभी को तत्काल प्रभाव से बिजली में भर्ती करके इलाज किया गया।
कुट्टू के आटे से योन बनी स्वादिष्ट खराब?
प्रोफ़ेसर मृदुल अग्रवाल ने बताया कि अभी तक कुट्टू के दांतों से बीमार होने वाले साधु की ही चमत्कारी कहानी है कि कई बार यह दांत खराब हो जाता है, जिसे खाने से लोग अचानक से बीमार हो जाते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें पहला और प्रमुख कारण यह है कि यह व्रत में ही व्रत के रूप में होता है, इसे रोजाना खाने में नहीं खाया जाता है। इसके अलावा इस अचल संपत्ति को लंबे समय तक के लिए स्टॉक बनाकर रखा जा सकता है, क्योंकि इसकी बिक्री व्रत त्योहारों पर ही होती है और कई बार लंबे समय तक गलत तरीके से खरीदे जाने वाले या एक मानक यार्ड हो जाने के कारण यह हड़ताल हो जाती है। फंगल या दिव्यांग तरीके का इंफेक्शन ट्रैक्टिशन विकसित हो गया है और इसमें खास लोगों को बीमार पड़ जाते हैं।
खाद्य पदार्थ एक खाद्य पदार्थ एक पार्ट नेई ये कारण
फूड रेस्तरां और मार्टेंडर्ड्स अथॉरिटीज ऑफ इंडिया के रिजनल लैबोरेटरी से जुड़े एक वरि. के अधिकारी ने बताया कि कुट्टू के आटे के समूह के बजाय कभी-कभी स्थापना होती है, हालांकि इसमें फर्म फर्मों के समूह से आसानी हो सकती है। इसके साथ ही इसके पीछे के लक्षण और लोग बीमार पड़ सकते हैं, ये कारण हो सकते हैं।
. एक अंडकोष या डाइटरीड आटा- कुट्टू के आटे में कोई संक्रमण पैदा हो सकता है। गांव-देहात में लोग एक अवैध यार्ड की तारीख भी नहीं देखते हैं, बस सामान खरीदकर उपयोग कर लेते हैं। यह तरीका जान भी सकते हैं.
. कुट्टू का रंग और टैकल्चर- कुट्टू के आटे का रंग हल्का ग्रे रंग का होता है, जिसमें आसानी से किसी भी चीज का उत्पाद जा सकता है जो पकड़ में भी नहीं आता। लोग इसमें कुछ भी मिलाते रहते हैं, जो सेहत के साथ खेलते हैं।
. कुट्टू के फल के उत्पाद – कुट्टू के फल पैदा होने के बाद जब उसे पीसा जाता है तो उसमें कई ऐसे उत्पाद भी दिए जाते हैं, जो स्वास्थ्य या सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं।
. छिपकली या सांप का असर- कुट्टू के कछुए में छिपकली या सांप के पिसने या खुले में रहने पर भी यह छिपकली या सांप का असर हो सकता है।
. लंबे समय तक डॉक्यूमेंट्री टॉरेज- वैसे तो कुट्टू के पार्ट को करीब 6 महीने तक डॉक्यूमेंट स्टोर द्वारा रखा जाता है, लेकिन इसके अलावा लंबे समय तक भी आर्टिस्ट इसे बनाए रखते हैं और मौके पर स्टॉक होते हैं, जो खास लोगों की जान पर बन जाते हैं।
इसका सेवन भी खतरनाक है
यशोदा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के वरिष्ठ कंसल्टेंट रोगी चिकित्सा डॉक्टर ए.पी. सिंह का कहना है कि कुट्टू का आटा वैसे ही राक्षसी होता है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन या गलत तरीके से तैयार करने से यह पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा, जिन लोगों को एलर्जी की समस्या है, उन्हें कुट्टू का आटा खाने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। बाजार में मिलने वाले कुट्टू के उत्पादों में उत्पाद होने की संभावना है, जिससे फूड पॉयजनिंग जैसी समस्या पैदा हो सकती है। अधिक समय तक रखे जाने वाले आहार का सेवन करने से भी बचना चाहिए, हमेशा शुद्ध और अच्छे ब्रांड का कुत्ता खाना चाहिए। वहीं कुट्टू का आटा सीमित मात्रा में मजबूत, प्रचुर मात्रा में सेवन से पेट के लिए हानिकारक हो सकता है। एक दिन में 100-150 ग्राम कुट्टू का आटा तैयार होता है.
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पहले प्रकाशित : 28 अगस्त, 2024, 13:56 IST
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