सेहत – वैज्ञानिक से जानें: मधुनाशिनी पौधा स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है और किन बीमारियों को दूर करता है?
कुमार अमित/समस्तीपुर:- गुड़मार का पौधा एक अत्यंत मूल्यवान औषधीय पौधा है, जो भारत, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में उगता है। ये, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और चीन में भी पाया जाता है। इसका नाम “गुड़मार” हिंदी के शब्द ‘गुड़’ (मिठास) और ‘मार’ (समाप्त करने वाला) से मिलता है, जो इस उपकरण के सिद्धांतों को समाप्त करने की क्षमता को दर्शाता है। गुड़मार का उपयोग विभिन्न प्रकार की दवाओं के उपचार में किया जाता है। इसका प्रमुख गुण इसमें ग्लूकोज-नियंत्रण की क्षमता है। यह टाइप 2 के लिए विशेष रूप से होता है, क्योंकि यह रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, गुडमार का पाचन संबंधी एसोसिएट्स, आंत में बैक्टीरिया की वृद्धि और त्वचा के संक्रमण को कम करने में भी प्रभावी योगदान होता है।
चाय, पाउडर और टैबलेट के रूप में उपयोग
आयुर्वेद, ग्रीक और सिद्ध तकनीकों में गुड़मार के पत्ते, तने और जड़ का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। इसके औषधीय गुणों के कारण यह पौधा न केवल घरेलू उपचार में है, बल्कि औषधीय तत्वों में भी महत्वपूर्ण भूमिका है। गुड़मार की चाय, पाउडर और कैप्सूल जैसे औषधीय पदार्थों का सेवन किया जाता है, जो इसके गुणकारी प्रभाव को पूरी तरह से सहायक के रूप में प्राप्त करने में सहायक होते हैं। इस प्रकार, गुड़मार न केवल एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है, बल्कि यह विभिन्न चिकित्सीय उपचारों में एक प्राकृतिक विकल्प भी प्रदान करता है। इसके नियमित उपयोग से स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है और विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी पहलुओं का पता लगाया जा सकता है।
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मधुनाशीनी के उपचार पर वैज्ञानिकों ने दी जानकारी
डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, पूसा के मेडिकल प्लांट्स, वैज्ञानिक डॉक्टर दिनेश राय ने स्थानीय 18 से बातचीत कर मधुनाशिनी बनाई, जिसे गुड़मार भी कहा जाता है, जिसके महत्व पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया कि गुड़मार केवल एक साधारण पौधा नहीं है, बल्कि यह एक प्रभावशाली औषधि के रूप में काम करता है। डॉ. राय ने विस्तार से बताया कि गुड़मार के टुकड़े और टिन का उपयोग केवल नशे के इलाज में नहीं, बल्कि पेट, पाचन, त्वचा जैसी कई बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है।
यह संयंत्र विशेष रूप से ग्रिड को नियंत्रित करने में अक्षम होता है, जिससे किसानों के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपाय साबित हो सकता है। उन्होंने इस औषधि के औषधीय गुणों के बारे में भी जानकारी साझा की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि गुड़मार का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में भी बेहद प्रभावशाली है। इसके पत्ते और आकृतियों का नियमित उपयोग शरीर की विभिन्न संभावनाओं को दूर करने में सहायक हो सकता है। यह जानकारी उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपलब्ध है, जो प्राकृतिक औषधियों के माध्यम से अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते हैं।
पहले प्रकाशित : 6 सितंबर, 2024, 11:25 IST
अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
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