सेहत – खोया हुआ देश बदल रहा है! मेडिकल टूरिज्म में हो रही छप्पड़ आय, रिकॉर्ड 73 लाख विदेशियों का भारत में इलाज

चिकित्सा पर्यटन में उछाल: देश बदल रहा है. ये कोई सुना नहीं बल्कि ऐसा ही हो रहा है. बदलाव की इस शृंखला की चिंता बेशक हर इंसान के जीवन तक होती है, लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां बदलाव की सुगबुगाहट महसूस हो रही है। मेडिकल टूरिज्म एक ऐसा ही क्षेत्र है जहां पिछले कुछ दशकों से देश में जबरदस्त जोश देखा जा रहा है। दुनिया के लोगों का भारत के अनुयायियों पर भरोसा बढ़ रहा है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुताबिक इस साल भारत में रिकॉर्ड 73 लाख विदेशियों का इलाज हुआ है। 2023 में भी विदेश से भारत में इलाज के लिए 61 लाख लोग आए थे। आख़िर क्या कारण है कि भारत के अनुयायियों के प्रति विश्व के लोगों का विश्वास बढ़ रहा है।

10-अरब डॉलर का पर्यटन पर्यटन
फॉर्च्यून मार्केट वैज्ञानिक की रिपोर्ट के अनुसार भारत का मेडिकल टूरिज्म 10.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। उम्मीद है कि 2034 तक भारत का मेडिकल टूरिज्म 50.68 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में 46 वैश्विक गंतव्य भारत का 10वां स्थान है। क्रिसिल का कहना है कि भारत में रेवेन्यू का 10-12 प्रतिशत हिस्सा विदेशी अस्पतालों का है। कुछ अस्पताल इस क्षेत्र में भारत की बहुसंख्यक आबादी का लाभ उठाने के लिए लक्षित देशों में अपना तेलंगाना राज्य का उद्घाटन किया गया है।

विश्व क्लास क्लास सुविधा

सबसे पहली बात तो यह है कि भारत के प्रोफेशनल और हाई क्वालिटी लैब टीचर्स की कोई कमी नहीं है। इसके अलावा अन्य तरह के मेडिकल प्रोफेशन भी हैं। भारत की ओर से ड्रू की एक प्रमुख अन्य देशों की तुलना में यहां सबसे सस्ता इलाज है। भारत में स्टूडेंट ऑर्गैज़्म की मेट्रिक्स सीरीज़ बन गई है। यहां उच्च मानक वाले कई थोक अस्पताल हैं जो देश और दुनिया से प्राप्त होते हैं। इन सभी से यहां दोस्ती को वर्ल्ड क्लास की कोचिंग मिल जाती है। इसके अलावा यहां के पैकेज में एक से अधिक, एक से अधिक, एक से अधिक, एक से अधिक बैचलर्स, एक से अधिक, यहां तक ​​कि एक से अधिक, एक से अधिक बैचलर्स, एक से अधिक, एक से अधिक, एक से अधिक बैचलर, एक से अधिक, एक से अधिक बैचलर्स, यहां तक ​​कि एक से अधिक बैचलर, एक से अधिक बैचलर्स, एक से अधिक बैचलर्स, यहां तक ​​कि यहां तक ​​कि यहां तक ​​कि एक से अधिक गोदामों में भी उपलब्ध हैं।

भारत में इलाज बहुत सस्ता है
भारत में अन्य देशों की तुलना में इलाज पर बहुत कम खर्च होता है। करना होगा. लेकिन अगर कोई विदेशी भारत में एंजियोप्लास्टी के लिए अनुबंध चाहता है तो उसे यहां 3,300 डॉलर का खर्च करना होगा। इसी तरह अगर हिप प्लांट का खर्च अमेरिका में 50 हजार डॉलर है तो भारत में सिर्फ 7000 डॉलर यह काम हो जाएगा। हार्ट की बायपास सर्जरी के लिए अमेरिका में 1.44 लाख डॉलर का खर्च आएगा। यानी 1.20 करोड़ रुपये खर्च होंगे लेकिन अगर बायपास सर्जरी भारत में होगी तो यहां सिर्फ 5,200 डॉलर खर्च होंगे. यानी 4.37 लाख में सारा काम होगा।

उच्च शिक्षा मेडिकल प्रोफेशनल

भारत में हमेशा से बेहद काबिल डॉक्टर रह रहे हैं। यहां उच्च शिक्षा पेशेवरों की भी कोई कमी नहीं है। अमेरिका, लंदन जैसे देशों में भी भारतीय विद्वानों की संख्या बहुत अधिक है। सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय दार्शनिकों की विश्व भर में प्रतिष्ठा है। ये डॉक्टर दुनिया के प्रतिष्ठित मेडिकल कंस्ट्रक्टर से शिक्षा ग्रहण करते हैं। वहीं भारत में भी कई ग्लोबल मेडिकल कॉलेज हैं जहां से मेडिकल डिग्रियां ये डॉक्टर लेते हैं।

की समस्या भाषा नहीं

भारत के लगभग सभी डॉक्टर अंग्रेजी बोलते हैं और अंग्रेजी भाषा को दुनिया भर के लोग समझते हैं। इसलिए भारत के वकील और बिक्री में भाषा की दीवार नहीं है. हर तरह की बातचीत उनकी भाषा में होती है।

भारत में आने की सुविधा
भारत ने मेडिकल टूरिज्म को मान्यता देने के लिए ई-मेडकल विजिटर की सुविधा दी है। इतना ही नहीं मरीज़ के लिए भी भारत ने ई मेडिकल एटेंडेंट मास्टर की सुविधा दी है। 167-देशों के लिए भारत ने यह सुविधा दी है। इसलिए भारत में इलाज के लिए विदेशियों को आने में कोई परेशानी नहीं होती है।

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