सेहत – नींद, भूख, गैस, पेशाब…भूल से भी फायदा नहीं शरीर से न पीने वालीं ये 13 चीजें, हो सकता है भारी नुकसान

इन 13 प्राकृतिक इच्छाओं को कभी न रोकें: कई बार ऐसा होता है कि जब हम किसी काम में लग जाते हैं या फिर अपना कोई फेवरेट टीवी शो देख रहे होते हैं, तो काफी देर तक पेशाब या शौच करना बंद कर देते हैं। आजकल मोबाइलों में लगे सामान में तो ये आदत आपको बहुत पसंद आएगी देखने को। अपने फेवरेट वीडियो को देखते हुए अध्येताओं के दोस्त शौचालय जाना भूल जाते हैं। इतना ही नहीं, ऑफिस में कोई जरूरी काम होने पर भी हम इसमें देरी करते हैं। लेकिन शरीर की तरफ से मलाल रह रहे हैं इन सभी लाइसेंसधारियों को मंजूरी दे सकते हैं क्या आप जानते हैं कि आप अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं? आयुर्वेद में कहा गया है, ‘वेगन न धारयेत्’ यानी वेगन को कभी भी फायदा नहीं होना चाहिए। जान गए किसे हैं शरीर के वोग 13 वेग जे पहचानें भूल से भी कभी फायदा नहीं चाहिए।

आयुर्वेद की सलाह तो शरीर के इन वेगों पर रोक के अर्थ हैं हम अपने ही दावे पर कुल्हा मार रहे हैं। वासिक्तभट्ट ऋषि ने ‘अध्यापन हृदय सूत्र परिकल्पना’ की चौथी अध्याय में बताया है। शरीर के इन 13 वेगों को अस्वाभाविक वेगों में जाना जाता है। वा सोवियत भट्ट ऋषि ने कहा है कि अगर शरीर के इन 13 वेगों को आप क्रिम के रूप में तोड़ते हैं यानी आर्टफिश फियाली क्रिएट करते हैं और या फिर इनहें शरीर से बाहर की ओर किसे भी तरह से आजमाते हैं तो इससे कई बीमारियाँ शरीर में पैदा होती हैं। यानी आप इन वेगों को रोककर खुद ही अपने शरीर में बेचैनी को न्योता दे रहे हैं।

शरीर के ये 13 वेग, जिन 13 वेगों से भी ठीक नहीं होना चाहिए

1. अपानवायु वेग
2. मल का वेग
3. मूत्र का वेग
4. लड़कियों को भी कभी फायदा नहीं मिलता.
5. अगर आप भूखा रहना चाहते हैं तो उसे कभी भी फायदा नहीं होना चाहिए।
6. अगर आपको पियास लगी है, तो उस वेग को भी फायदा नहीं होना चाहिए।
7. नींद भी एक ऐसा आहार है, जिसका कभी भी फायदा नहीं होना चाहिए।
8. जब भी खांसी का मौसम आए, तो कभी उसे रोकें नहीं।
9. श्रम जनित तेज गति से काम करना अर्थात जब आप कुछ परिश्रम का काम करें और उसके बाद आपकी सांस तेज गति से चले तो उसे भी कभी लाभ नहीं होना चाहिए।
10. जम्हाई आ गई तो उसे भी कभी फायदा नहीं होना चाहिए.
11. अगर आपकी आंख से फूल निकल रहे हैं, तो उसे कोई फायदा नहीं होना चाहिए।
12. यदि किसी को उल्टी का वेग आया तो उसे भी लाभ नहीं होना चाहिए।
13. शुक्र का वेग – यानी पुरुषों को अपने वीर्य के वेग से भी कोई लाभ नहीं होना चाहिए।

शरीर के इन वेगों को न तो फायदेमंद होना चाहिए और न ही इन उत्पादों को मछली के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन इन वेगों की लाइफ में न केवल इन वेगों को हम अलग-अलग कहते हैं, बल्कि इन वेगों को बल आर्टफिशियल तौर पर क्रिएट भी करते हैं। जैसे कई बार पियास लीज पर भी हम पानी नहीं पीते। वहीं 3 लीटर पानी पीने के शौकीनों को पूरा करने के लिए हम बा क्युकीना के भी पानी पीते हैं। कई बार सोशल लाइफ में मैनर्स के रहते हुए भी हम कुछ वेगों को दबाते हैं, जो बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

आयुर्वेद में धारणिया वेगस हिंदी में, प्राकृतिक आग्रहों को दबाना,

शरीर के इन वेगों को न तो फायदेमंद होना चाहिए और न ही इन उत्पादों को मछली के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए।

वेगों को रोकने पर रोक होती है क्या दुषपरिणाम?

आइए जानते हैं कि इन 13 वेगों को शरीर में लगाने पर रोक लगाई जा सकती है।

1. अपानवायु वेग – यदि आपके शरीर में गैस या वायु नहीं निकलती है, तो वह असमान है तो इससे वायु प्रवाहित हो जाता है और उल्टी हो सकती है, पेट में दर्द हो सकता है। अगर आप अपनी गैस छोड़ देते हैं तो ये गैस शरीर में ऊपर चढ़ जाती है, आपके दिल में जकड़न हो जाती है, आंखों में दर्द जैसी परेशानी भी पैदा हो सकती है।
2. मल का वेग – इसी तरह के मांसपेशियों में दर्द होना, बहुत अधिक दर्द होना, नाक से पानी आना, नाक से पानी आना, मल का दर्द होना, दिल में बीमारी होना जैसे लक्षण द खीखेंगे।
3. मूत्र का वेग – इससे शरीर में दर्द, पथरी की तकलीफ बढ़ जाती है। आपकी त्वचा की परत में दर्द हो जाता है। इसके साथ ही पेट की गैस और मल का वेग निषेध से जो लक्षण होते हैं, वो भी आप मूत्र निषेध पर ध्यान दे सकते हैं।
4. अगर किसी को कोई परेशानी हो तो उसे दर्द हो सकता है, हमारी सेंसरी कोचिंग में हमें परेशानी होगी। गर्ड में अकड़न परेशानी हो सकती है। इससे फेशियल पारेल्स यीशू यानी आपके अंतिम चरण में लाकवा बॅट की परेशानी हो सकती है।
5. भूख का वेग – समय पर खाना न खाने से थकान, शरीर में दर्द और चक्कर आना जैसी परेशानी हो सकती है।
6. पियास का वेग – मुंह का सूखना, चकत्ते आना, दिल की परेशानी हो सकती है।
7. नींद का वेग रोकथाम पर अस्थमा, आंखें और दर्द में दर्द जैसे लक्षण द फीखियां।
8. जब भी खांसी का वेग रोके तो उसे खांसी के मौसम और खाने का मन नहीं होगा। इससे टीबी की तकलीफ़ भी हो सकती है। इसके अलावा हिचकी भी हो सकती है.
9. श्रम जनित तेज गति से चलने वाली यात्रा पर हृदय से जुड़ी परेशानी हो सकती है।
10. जम्हाई यात्रा पर सफ़र में दर्द होना, सेंसरी कोचिंग में मंदी होना जैसी परेशानी दखेगी।
11. अगर किसी को रोना आ रहा हो और वो धूल फांक रहे हों, तो आंखों में दर्द होना, दर्द में दर्द होना, चक्कर आना, अरुचि खाना खाने का मन न करना जैसे लक्षण द स्कीखेंगे।
12. उल्‍टी आने पर उसे शरीर में कु-कर्मचारियों के रोग संबंधी दस्तावेजों से जुड़ी समस्या, बीमारी देखने को मिलती है। इसके अलावा सूजन, लाल चकते जैसी समस्या देखने को मिल सकती है।
13. शुक्र का वेग – अगर पुरुष वीर्य को रोकते हैं तो उन्हें बाहर निकलने में दर्द होता है, सूजन होती है, मूत्र में वीर्य निकलना, शरीर में दर्द होता है, दिल की परेशानी हो सकती है। इसके अलावा नपुंसकटा जैसे लक्षण भी इससे जुड़े हो सकते हैं।


Source link

Back to top button