सेहत – बेल मत समझिए, ये है देव फल, डॉक्टर से दूर भागेंगी कॉम्प्लेक्स ऑर्डिअम, फायदे जानकर आप भी खोजेंगे
छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक देसी फल बड़ा फेसम है। यहां ये फल सामान्य रूप से मिलते हैं। प्लेस प्लेस पर लोग क्वेश्चन की खरीद-फरोख्त करते हैं, लेकिन छतरपुर में स्लोगन के कारण लोग फ्री में प्लेस प्लेस पर जाते हैं। यह फल देखने में बेल के जैसा होता है और इसके औषधीय गुण भी बेहद खतरनाक होते हैं। हाँ, यहाँ बात कहानी की हो रही है। कथा फल खाने के फायदे आपको हैरान कर देंगे।
आयुर्वेद डॉक्टर आर्कियोलॉजी डिपो का भारतीय संस्कृति में कथा फल औषधि के रूप में विशेष महत्व है। सनातन धर्म की कथा का ही फल था, जिसे तपस्या के दौरान भक्तराज ध्रुव ने फलाहार के अनुसार ग्रहण किया था। इसी तरह से यह देव फल के रूप में भी जाना जाता है। इसमें आयरन, प्लांट और कैल्शियम से जरूरी विटामिन पाए जाते हैं। इसका सेवन अल्कोहल से लेकर अल्सर, त्वचा संबंधी समस्याओं और त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में काफी देर तक माना जाता है।
दूसरे में बर्बाद
डॉक्टर ने बताया कि वॉर्से से रिलीज रिलीज में यह फल बेहद मददगार साबित होता है। पीड़ित लोगों के लिए कथा का सेवन काफी है। इसके सेवन से शरीर में शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है, इसलिए लोगों के लिए चिंताजनक बात यह है कि इसके नियमित सेवन से काफी मदद मिल सकती है।
लिवर, किडनी के लिए
कत्था का फल एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में इसके सेवन से शरीर में मौजूद पदार्थ पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं। इस तरह से यह लिवर और किडनी की सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है, क्योंकि ये दोनों अंग शरीर से मखाने को बाहर निकालने का काम करते हैं।
पेट की समस्याओं के लिए रामबाण
पेट के फलों की कथा भी काफी मानी जाती है। इसके सेवन से पाचन क्रिया बेहतर होती है, जिससे पेट में दर्द, अपच और अल्सर जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। अगर किसी को पेट दर्द या पेट से जुड़ी परेशानी है तो कत्था के गुड़ से बने शरबत का सेवन करने से काफी राहत मिल सकती है।
त्वचा के लिए
एंटीऑक्सीडेंट की पूर्ति के कारण इसका सेवन शरीर में जमा गंदगी को बाहर निकाल कर चिकना करना शामिल है। इसके पत्ते और छात्रों में भी एंटी-माइक्रोब गुणात्मक गुण होते हैं। उनके लेप लगाने से त्वचा के बाहरी विकार दूर हो जाते हैं।
कैंसररोधी गुणात्मकता
चिकित्सा क्षेत्र में किए गए शोध से यह पता चला है कि कत्था के फल में मौजूद एंटी म्यूटाजेनिक गुण कैंसर जैसी जीवनशैली बीमारी से लड़ने में सहायक होते हैं। ऐसे में कत्था का सेवन स्तन कैंसर और कार्सिनोमा यानि कि त्वचा कैंसर के इलाज में लाभकारी साबित होता है।
पहले प्रकाशित : 10 सितंबर, 2024, 18:29 IST
अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
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