सेहत – दिल्ली का 8 सुपरमार्केट अप्लायंसेज, दवा और सहायक उपकरण का ऐसा टोटा, मरीज दे रहे गॉलियाँ
ईसा मसीह के अस्पताल में मरीज़ आते हैं कि यहां गंभीर मरीज़ों का बेहतर इलाज संभव है लेकिन यथार्थ कुछ और भी है। फिलाडेल्फिया के द्वारका में स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल का हाल सबसे अधिक आकर्षक है। 8 ओल्ड हॉस्टल बिल्डिंग में चल रहे इस अस्पताल में न तो किसी के लिए सलाह ली गई और न ही किसी अन्य हॉस्टल में एक क्लास की सुविधा मिल पाई।
गांधी अस्पताल में ड्रग्स का ये हाल है कि यहां किसी भी तरह के बैच में छात्रों को नॉर्म सेलाइन तक की कमी हो जाती है। हॉस्पिटल के ही एक वरि-अनुष्ठान डॉक्टर ने News18hindi को बताया कि हाल ही में सितंबर 2024 में एक क्लिनिक के नोटिस बोर्ड पर एक लाइसेंसी कंपनी की भर्ती की गई थी, जिसमें 45 वैध और जरूरी सामान के नाम दर्ज थे, जो कि एक क्लिनिक में डॉक्टरों की कमी के बारे में बताते थे। अभिषेक के लिए थे लेकिन वे उपल बाथरूम नहीं थे या उनकी कुछ मात्रा ही मानकॉक में थी।
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इन औषधियों की है भारी कमी
गांधी अस्पताल में दवा और दवा की भारी कमी है।
किसी भी प्रकार की एलर्जी में होने वाली लाइफ सेविंग फैक्ट्री एविल की गोलियाँ, किसी भी प्रकार की एलर्जी में होने वाली क्रीम एविल की गोलियाँ, किसी भी प्रकार की एलर्जी में होने वाली एलर्जी, किसी भी रोगी के शरीर में इल शिप्रोलाइट इनबेलेंस हो सकती है या प्रमाणित हो सकती है बीमारी होती है तो सोडा बायकार्ब दिया जाता है जो अस्पताल में नहीं है। इस ली में इकोजी रोल शामिल हैं जो असायटल में नहीं हैं। बटालिडिंग में प्लांटेशन होने वाली प्लांट प्लांट भी उपलब्ध नहीं हैं।
डॉ. उन्होंने बताया कि इनमें से बहुत सी दवाएं दो-दो महीने से शुरू नहीं होती हैं, जबकि कुछ एंटीबायोटिक दवाएं हैं जो उपलब्ध ही नहीं हैं और इनमें से एक विकल नाममात्र का नामांकन करने के लिए कहा जाता है, जो कि कई बार दवाओं में शामिल होने का कारण भी है जाते हैं और इससे संबंधित व्यापारियों के लिए अपमानजनक नाराजगी हो जाती है और इसके परिणाम डॉटर्स को बढ़ावा देने के लिए मौजूद हैं।
सबसे पहले बोले अस्पताल के मेडिकल डायर अनालर
क्लिनिक में इन कमियों पर क्लिनिक के मेडिकल डायर डॉ. बबल चौधरी ने इन सभी कमियों को गलत बताया। सलाह ने कहा कि क्लिनिक में किसी भी दवा की कमी नहीं है, सभी दवाएं गुप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
रविवार को मौसम आया
हालाँकि बता दें कि रविवार को ही क्लिनिक में एक छात्र आया था, उसके एसोसिएटेड ने सुबह 4 बजे तूफान कर दिया था और डॉक्टरों को ठंड लग गई थी। हाथ में चोट के बाद अस्पताल आए मरीज को एक अस्पताल में जाने की जरूरत थी, जब अस्पताल में मौजूद डॉक्टर डॉ. फ्रैक्टर ने अस्पताल में मौजूद डॉक्टर से सलाह दी कि अस्पताल में रात 8 बजे के बाद कोई भी एक अस्पताल में दाखिला लेने के लिए नहीं जाए तो , दोस्त और हॉस्टल ने डॉक्टर्स को बहुत बढ़िया खोटी सुनाई। हालाँकि इस दौरान कोई भी ऑल-ऑस्ट्रेलियाई फ़्लॉफ़्ट नहीं किया गया।
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पहले प्रकाशित : 10 सितंबर, 2024, 21:30 IST
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