सेहत – चाय-पकौड़े में ही क्रेटियाँ आती हैं याद, कुछ और क्रेटियाँ नहीं? केवल आदर्शवाद नहीं, यह वैज्ञानिक कारण है
सबसे पहले अगर किसी चीज की याद आती है तो वह है चाय और गर्मागर्म पकौड़े। एक बार आपने बारिश के मौसम में चाय-पकौड़े भी बनाए होंगे और लोगों को ऐसी करने की सलाह भी दी होगी लेकिन आपने कभी सोचा है कि सिर्फ चाय-पकौड़े खाने का ही मन होता है कुछ और चीजें नहीं? यदि आपको लगता है कि इस तरह की विचारधारा का कारण यह है कि यह विशिष्टता नहीं है, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है।
आर्टेमिस हॉस्पिटल्स में क्लिनिकल वर्चुनिशन एंड डायटेटिक्स विभाग की टीम लीड डा. अतुल सिंह कहते हैं कि भारत में शायद ही किसी घर को जहां कभी चाय और पकौड़े का स्वाद नहीं लिया जाता हो। असली चाय-पकौड़े का ये कॉम्बिनेशन काफी पुराना है और बस स्वाद का खजाना नहीं है, बल्कि इससे सेहत को भी फायदा होता है.
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यह कॉम्बो सेवा है पोषण
डॉ. अंसल शिक्षक सबसे पहले पकौड़े के इनग्रेडिएंट्स को देखते हैं तो आमतौर पर पकौड़े में बेसन, अंश और अंश का प्रयोग होता है। आलू, प्याज, लौकी, कद्दू समेत कई अलग-अलग तरह के चिप्स के पकौड़े बनाए जाते हैं. साथ ही मूंग आदि दाल के पकौड़े भी होते हैं. निश्चित रूप से पकौड़े में प्रयोग होने वाले सभी इनग्रेडिएंट्स कमाल हैं। अगर उदाहरण के तौर पर घर पर ही बढ़िया तेल में प्याज जाए, तो तेल के कारण खतरा भी नहीं रहता है। इसके साथ ही पकौड़ों में जो मोनोक्रोम होते हैं, वे भी रामबाण के लिए होते हैं। देखें ये न्यूट्रिशन के दावे विटामिन, प्रोटीन, ऊर्जा और कार्बोहाइड्रेट का खजाना हैं। वहीं चाय एक गर्म पेय के साथ ही ताजगीभरा के साथ दिया जाता है।
ये है वैज्ञानिक कारण
वहीं इसके पीछे अन्य वैज्ञानिक कारण भी माने जाते हैं। मसलन बारिश के दिनों में सूर्य का प्रकाश शरीर पर कम होता है, जिससे शरीर में विटामिन डी की कमी होती है, साथ ही हैप्पी हार्मोन सेरोटोनिन का स्तर भी कम हो जाता है। ऐसे में शरीर में कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता कम हो जाती है। पकोड़ा इसका अच्छा स्रोत है. मनपसंद पकौड़े खाने से सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है और मूड ताज़ा होता है। इसके अलावा फ्राइड फूड से हमारे मस्तिष्क में डोपामाइन का स्राव भी बढ़ता है, जिससे हमें खुशी का अनुभव होता है। ऐसे में पकौड़े सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अद्भुत साबित होते हैं।
परिवार में खुशियों का माहौल
अभ्यारण्य जब भी बारिश में पकौड़े-चाय बने होते हैं तो शायद ही कोई होगा जो अकेले बैठें और मौसम का लुफ्त उठाएँ। इस दौरान परिवार में जो भी लोग होते हैं वे एक दूसरे के साथ मिलते हैं चाय-पकौड़े खाते हैं, हंसते हैं और बातचीत करते हैं, साथ ही खुशी का शोक मनाते हैं यह एक तरह से परिवार को एक दूसरे के साथ मिलाने-मिलने और साथ का मौका मिलता है भी देते हैं. इसका सकारात्मक रिश्ते और मन पर नजर डाला जाता है।
ये सावधानियां बरतें
हालाँकि मात्रा का ध्यान रखना भी जरूरी है। बारिश में कभी-कभी सीमित मात्रा में पकौड़े खाने का स्वाद और स्वास्थ्य मित्रता की शिकायत अच्छी होती है। यदि पकौड़ों को मात्रा में खाया जाए तो कोले डायमॉल या कोल्ड्रॉल में शर्करा बढ़ने की संभावना है। हालाँकि बैल में कभी-कभी सीमित मात्रा में इसका लुत्फ उठाव में कोई बुराई नहीं होती है।
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पहले प्रकाशित : 12 सितंबर, 2024, 14:32 IST
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