सेहत – खराब लाइफस्टाइल के कारण तेजी से बढ़ रहा है थायराइड, आयुर्वेद के बताए इन नियमों का करें पालन, मिलेगा फायदा

ओपीपीएस/कोरबा। सिगरेट एक आम समस्या है जो कि सिगरेट की तरह तेजी से फैल रही है। वास्तव में, यह एक डायनासोर के आकार की ग्रंथि है जो सामने आती है। यह अंग अंग हार्मोन का उत्पादन करता है जो शरीर के लिए सबसे अच्छा काम के लिए आवश्यक है। जब यह हार्मोन का अधिकतम या कम उत्पादन करने लगता है, तब व्यक्ति को प्रस्तुत करने की समस्या उत्पन्न होती है। आयुर्वेद में आयुर्वेद में किस तरह का उल्लेख किया गया है और इसका क्या इलाज है इस विषय को लेकर हम कोरबा जिले के निहारिका क्षेत्र में रहने वाले आयुर्वेद चिकित्सक डॉक्टर नागेंद्र शर्मा से बातचीत की।

उन्होंने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि जहर ट्राइडोस्कोप रोग होता है, और आयुर्वेद में इसका आसान इलाज भी है। लेकिन हर व्यक्ति का आहार-विहार अलग-अलग होता है इसलिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श के बाद ही आयुर्वेद का सेवन करना चाहिए। नारियल को खत्म करने के लिए काचनर नामक औषधि का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा वे और भी उपाय बताएं…

एलोवेरा
एलोवेरा के सेवन से महिलाएं टॉयलेट कंट्रोल कर सकती हैं। यह क्या और क्या दोनों मिलकर काम करते हैं। जिस शरीर में बीमारी की बीमारी नहीं है, वह है पठने की बीमारी।

धनिया
थाइराइड कंट्रोल करने में धनिया भी बेहद कम है। धनिया और जीरा एक साथ लेने से गजब का फ़ायदा देखने को मिल सकता है। इसके लिए धनिया और जीरा को रात में पानी में अकेलेकर रख दें और सुबह उठने के बाद इसे अच्छाकर खाली पेट पी लें। इसे बदलें नियंत्रण हो सकता है।

प्राणायाम
प्राणायाम से भी ट्रांसफार्मर कंट्रोल किया जा सकता है। प्रातः-सवेरे प्राणायाम अत्यंत चमत्कारी होता है। कपालभाति करने से पुनर्विक्रय हार्मोन का फीचर बेहतर कर पुनर्विक्रय की बीमारी नहीं होती है। हर दिन 10-15 मिनट कपालभाति करना अद्भुत होता है।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


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