सेहत – चीनी-गुड़ नहीं ये औषधि भी बताई जाती है शुगर-बेल्ड शुगर, खाने में होती है ये बातें, इस्तेमाल करने वालों के लिए रात लें नाम
मधुमेह में हानिकारक सब्जियां: अगर आपको भी लगता है कि किसी खाने से ही शरीर में मीटलाड का स्तर बढ़ जाता है और व्याधियों का खतरा पैदा हो जाता है तो अपनी जानकारी दुरूस्त कर लें। गुड़, गुड़, मावे ही नहीं नमक-मिर्च और तेल में बने पदार्थ भी आपके शरीर में रक्त शर्करा को बढ़ा सकते हैं और आपको मरीजों का चीनी बना सकते हैं। ये बात आपको अच्छी ही लग रही है लेकिन आपकी थाली को डेको वाली कुछ जायकेदार और डॉक्यूमेंट्री से आपको नुकसान हो सकता है। आइए डॉक्टर से जानें कैसे?
एंड्रॉक्राइन सोसायटी ऑफ इंडिया के पूर्व अधोगम्यक्ष और जाने-माने एंडोक्राइनोलोजी आश्रम डॉ. संजय कालरा कहते हैं कि जो सब्जी कच्ची हो सकती है, वह कच्ची सब्जी में काफी मात्रा में खा सकती है। जैसे भिंडी, बैंगन, घीया, कद्दू और तोरी। इनटोकें पकाकर बिना रोक के खूब खाया जा सकता है। ये सेहत के लिए भी अच्छी होती हैं। इनमें विटामिन-मिनरल लवण भी मात्रा में पाए जाते हैं और मूल रूप से पेट में भी पाए जाते हैं। साथ ही इन खाने का जो सबसे बड़ा फायदा है वह ये है कि इनमें से एक के साथ जो भी आटा या चावल खाया जाता है, उसका स्ट्रेंथलाइसेमिक इंडे आयुर्वेद या शुगर बढ़ाने की दवा कम हो जाती है।
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ये मूल बातें हैं शुगर लेवल
कुछ फैक्ट्री अपने पानी में पकाती है, जबकि कुछ फैक्ट्री घी या तेल मांगती है। ऐसी रासायनिक बैटल लेजर लेजर को प्लास्टिक ट्रिगर करने का काम करता है। जैसे करेला. पारंपरिक तरीकों से तेल में फ्राई करके बनाया गया करेला इंडस्ट्रीज़ शुगर लेवल में तेजी से गिरावट आई है। दूसरी सब्जी है कढ़ी. बेसन और छाछ से बनी कढ़ी में भी शुगर की पुष्टि होती है बेसन में नारियल नहीं होता है और यह अलट्रा मदरड खाद्य पदार्थ है। जबकी चने का आटा शामिल करें तो उसे स्थायित्व नहीं मिलेगा। वहीं तेल में फ्राई करके बनाई जाने वाली सभी सी-सिलाई में नुकसानदेह ही होते हैं।
डॉ. कालरा जो कहते हैं कि सिंघाड़ा कि कच्चा खाया जाता है लेकिन यह भी शरीर में बोटल्ड भूखा है। चुकंदर केक में कच्चा खाला होता है लेकिन इसमें बहुत कुछ शामिल होता है। तीसरा है मटर, ये भी कच्ची खाई जा सकती है लेकिन इसमें भी काफी मात्रा में खाद्य पदार्थ होते हैं, इसलिए इन्हें कम मात्रा में खाना चाहिए।
इसके साथ ही कुछ ऐसी औषधियां हैं जो कच्ची नहीं खा सकतीं, ये हमेशा के लिए आलू, अरबी, शकरकंदी आदि जैसे खाद्य पदार्थ हैं। इनमें कार्बोहाइड्रेट होते हैं, इन्हें भी कम मात्रा में खाना चाहिए।
अपनाएं ये तरीके
डॉ. कालरा का कहना है कि कटहल या करेला को पूरी तरह से छोड़ दें के बजाय आप कुछ तरीके अपना सकते हैं। जब भी इन पुस्तकों को जारी करें तो पहले इन फिल्मों में शामिल हो जाएं और भरवां करेला बना लें। जीरो घी या जीरो ऑयल में. वहीं कटहल खाने का मन है तो वो भी कम मात्रा में स्थिर और स्थिर कर सकता है।
चुकंदर को ठीक करने के लिए सभी तरह की सब्जियां बनाई जाती हैं, जैसे मुली, गाजर, बंदगोभी, बकरी, हरे पत्ते वाली सब्जी पालक, बथुआ, जैसे मेथी भी खा सकते हैं लेकिन याद रखें कि घी या मक्खन के ऊपर इन्डहें तीखा व खट्टा नहीं खाया जाता था।
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पहले प्रकाशित : 20 सितंबर, 2024, 16:35 IST
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