सेहत – बर्न आउट है युवा प्रोफेशनल की नई परेशानी, इन सवालों के जवाब खुद ढूंढे जज

डॉ. आनंद प्रकाश इंजीनियर
वर्कशॉपी यंग पॉपुलेशन (यंग वर्कशॉप पापुलेशन) में एसोसिएटेड एसोसिएटिक, एसिडिटी और संबंधित गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फ्रैक्चर की जनसंख्या, इस ओर सासा इशारा करता है कि ऑफिस या एसोसिएशन पर किस हद का तनाव होता है। 40 साल या उससे कम आयु वर्ग वाले कामकाजी लोगों के पास, काम की वजह से ‘अपने लिए’ बहुत कम समय होता है। इसके अलावा तनाव और थकान की वजह से जरूरतों से निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में उन्हें परेशानी होती है। हालांकि ऐसा पिछले कई सालों से देखा जा रहा है, लेकिन हाल के दिनों में इस तरह के मामले में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

इसके कारण बर्न आउट (मानसिक थकावत), जोकी क्वांटम (क्वांटम) और एट्रिब्यूशन (इंटेंसिटी) दोनों में ही बढ़ोतरी हो रही है। दिल्ली के विद्यासागर इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ, न्यूरो एंड अलायड साइंसेज (विमहंस) में कंसल्टेंट साइकियाट्री डॉ. एस गजानन कहते हैं, हाल के दिनों में काम से संबंधित तनाव और बर्न आउट से प्रभावित लोगों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कार्यकारी लोग, सामान्य आर्किटेक्चर पर वे, जो 25 वर्ष से अधिक आयु के हैं, उनमें चिंता विकार, अवसाद और अनिद्रा के लक्षण नजर आते हैं। हमारे पास कंसल्टेंसी के लिए रोजाना लोग आते हैं, उनमें से अलग-अलग काम से संबंधित तनाव से संबंधित चिंताएं हैं। हालाँकि अभी भी पाँच साल पहले तक स्थिति ऐसी नहीं थी।

मोहन रिसर्स के पेशेवर भी मानते हैं कि पिछले दो-तीन वर्षों में बर्नआउट की समस्या तीन गुना तक बढ़ गई है। कोलकाता की एक प्रतिष्ठित एजेंसी एजेंसी के वरिष्ठ प्रबंधक जयदीप पाहवा (बदला हुआ नाम) कुछ इसी तरह की बातें कहते हैं। उनका कहना है कि पिछले दो-तीन वर्षों में बर्न आउट के मामले में कई गुना बढ़ोतरी हुई है, जो कि लोगों में डंके की चोट पर सीनियर डेमोक्रेसी पर आधारित हैं। पाहवा कहते हैं, ‘दरअसल, पिछले कुछ सालों से सीईओ पद पर काम करने वाले लोगों से कई गुना बढ़ गए हैं। स्टेक होल्डर्स की उन पर पैनी नजर रहती है। इन दिनों सीईओ के काम के नारे लिखे रहते हैं। काम की पेचीदगियां और ज्यादातर काम की वजह से उन पर बहुत ज्यादा दबाव रहता है। यही नहीं, वे नौकरी की तुलना शेर की सवारी से करते हैं।’

पाहवा कहते हैं, ‘एक बार जब आप सीईओ बन जाते हैं, तो आपको दूसरी नौकरी की बर्बादी नहीं होती।’ और स्टेक वाले दांव वाले गेम में बने रहने के लिए, अपनी रेटिंग में ड्रामा रूप से आपको सुधार लाना होता है। इसके लिए आपको बहुत देर तक काम करना पड़ता है और बहुत सारी यात्राएँ करनी पड़ती हैं। ऐसा लगता है कि उच्च तनाव एक मिश्रित दुनिया का बाइक उत्पाद बन गया है, जिसके कारण गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, बच्चों की समस्याएं, नींद में गड़बड़ी, मानसिक विकार, शराब की लत और यहां तक ​​​​कि उनके चरित्र भी प्रभावित होते हैं।

डॉ. गजानन का कहना है कि जॉब बर्न आउट काम से एक प्रकार का तनाव होता है। इसमें शारीरिक या सामांय रूप से थकान शामिल है। जॉब बर्न आउट में मुनाफा, शक्तिहीनता और खालीपन का एहसास भी शामिल हो सकता है। बर्न आउट के पीछे अवसाद (ट्रामा) जैसी अन्य सुविधाएं भी होती हैं। बर्न आउट डिप्रेशन के जोखिम को बढ़ाया जा सकता है। लेकिन डिप्रेशन और बर्न अलग-अलग होते हैं, और उन्हें अलग-अलग तरह के उपचार की आवश्यकता होती है। जॉब बर्नआउटआउट आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

आपकी जॉब बर्न आउट है या नहीं और आप इसके बारे में क्या कर सकते हैं, यह जानने के लिए आप इन रिवॉर्ड पर गौर कर सकते हैं।

नौकरी से होने वाले बर्नआउट के लक्षण

यह जानने के लिए कि आप नौकरी के कारण बर्न आउट से पीड़ित हैं, इन सवालों का जवाब सोचिए।

  • क्या आप अपने काम के मूल्य पर प्रश्नचिन्ह हैं?
  • क्या काम शुरू करने में आपको परेशानी होती है?
  • क्या आप अपना काम और अपने साथ काम करने वाले लोगों से अलग-अलग महसूस करते हैं?
  • क्या आप वकील या लैपटॉप के साथ बातचीत में गंभीरता खो देते हैं?
  • क्या आपको अपने काम में अच्छी तरह से ऊर्जा की कमी महसूस होती है?
  • आपके काम पर ध्यान केंद्रित करने में क्या परेशानी होती है?
  • क्या आप अपने काम से जुड़े नहीं हैं?
  • आप अपनी नौकरी से क्या निराश महसूस करते हैं?
  • आपको अपनी योग्यता और कौशल पर क्या संदेह है?
  • क्या आप नियंत्रण औषधि या शराब के प्रयोग के लिए बेहतर महसूस कर रहे हैं या अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर रहे हैं?
  • आपकी नींद की आदतें क्या बदल गयी हैं?
  • क्या आपको सिरदर्द, पेट या आंत संबंधी विकार, या अन्य शारीरिक चिकित्सीय समस्याओं का कोई ज्ञात कारण नहीं है?

यदि आपके पास से किसी भी प्रश्न का उत्तर हां में है, तो संभव है कि आपको नौकरी मिल जाए। बिना समय गंवाए आपको किसी मनोचिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। हालाँकि यह ध्यान देने वाली बात है कि ये सभी लक्षण, अवसाद स्वास्थ्य स्थिति से भी जुड़े हो सकते हैं। डॉ. गजानन के ऑफिस में अक्सर ऐसी चीजें शामिल होती हैं, जिन्हें आप नियंत्रित नहीं कर सकते। लेकिन तनाव को निश्चित रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।

अपने स्वास्थ्य के बारे में अपने बॉस से बात करें। संभवतया आप दोनों की सामूहिक विविधताएं ला ‍असंतुष्‍ट या ‍प्रश्नों का ‍समाधान ‍कर ‍विश्राम। जो काम करना चाहिए, उसके लिए यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करें। पता लगाएं कि बाद में क्या काम किया जा सकता है। यदि काम पर फिक्स फिक्स की संभावना नहीं है, तो आप ऐसी नौकरी की तलाश कर सकते हैं जो आपके लिए बेहतर हो।

  • मित्र, दोस्त या रिश्तेदार से सहायता माँगें। दस्तावेजों से बात करने से आपको प्रारंभिक रूप से मदद मिल सकती है। अपने होने का टिकट बर्न आउट से शुरू होता है।
  • नींद से स्वास्थ्य ठीक रहता है और आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
  • माइंडफुलनेस रहिए यानी आपके अंदर और आपके आस-पास क्या चल रहा है, इसके बारे में बिना किसी निर्णय या प्रतिक्रिया के सर्वसम्मति से होना। यह अभ्यास आपको थकान और तनाव से मुक्ति दिलाने में मदद कर सकता है।

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