सेहत – बॉडी बिल्डर योग: जन्मकुंडली के ये राजयोग हैं बॉडी बिल्डर..! ज्योतिष से जुड़ी सम्बंधित रोचक बातें जानिए

रुचक योग: आज कल बहुत से नवयुवक जिम जा रहे हैं, ग्रामीण परिवेश में विद्यार्थी भी जा रहे हैं। रेसलर करना, बॉडी बिल्डिंग, वेट लिफ्टिंग, डेड लिफ्टिंग, स्क्वायट, बेंच प्रेस, आर्म्स रिसलिंग करना आदि प्रैक्टिस करके कंपनी हासिल करना चाहते हैं। लाखों युवा देश में इन वर्कशॉप की तैयारी करते हैं लेकिन बहुत मेहनत के बाद ही उन्हें डॉक्युमेंट मिल में तैयार किया जाता है और कई लोगों को इसमें वर्कशॉप भी नहीं मिलता है। इसके लिए उल्लेख करें फिटनैस मोटोरोला और विवेकानन्द मौर्य से बात की।

विवेक मौर्य के अनुसार, जिम जाने वाले या सामग्री में जाने वाले लोगों को अपने अंतर्ग्रहण का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर आप किसी कंपनी की तैयारी कर रहे हैं तो उन्हें बाहर का खाना और जंक फूड बिल्कुल बंद करना चाहिए। कुछ लोग 10-15 दिन में बाहर का खाना या जंक खाना खाते हैं, अपनी सारी मेहनत को खराब कर लेते हैं।

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कुंडली में धारक या बॉडीबिल्डर बनने के योग

वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में रुचक योग होता है तो वह बॉडी बिल्डर बन जाता है। रुचक योग, मंगल ग्रह के प्रभाव से बनता है और इसे वैदिक ज्योतिष में पांच महापुरुष योगों से एक माना जाता है।

रुचक योग से जुड़ी कुछ खास बातें

रुचक योग वाले लोग शारीरिक रूप से ग्रेड, डेमी, और बुद्धि से जुड़े होते हैं।
इसके अलावा रीयलमे में किसे बॉडी बिल्डिंग, खिलाड़ी, खिलाड़ी, खिलाड़ी, सेना के खिलाड़ी शामिल हैं, इनमें अच्छा प्रदर्शन होता है।

1. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के चतुर्थी और जन्मस्थान में रुचि का योग है तो उसे आर्थिक सुख, व्यापार में सफलता और प्रतिष्ठा मिलती है। यदि यह योग दशवें भाव में बनता है, तो व्यक्ति एक सफल खिलाड़ी, नेक या सेना अधिकारी वराह है। बन सकते हैं.

2. जिन लोगों की राशि मेष और वृश्चिक होती है और उन पर शासन करने वाले मंगल बलि होते हैं तब उनका शरीर मांसल होता है। मंगल यदि जन्म कुंडली में पहले घर में स्थित होता है या पहले घर को देखता है तो यह शरीर को एक अच्छा आकार देता है।

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3. शुक्र-मंगल की युति प्रथम भाव या सप्तम भाव में या एक-दूसरे के साथ समसप्तक यानी एक दूसरे के सामने होने पर यह व्यक्ति एक अच्छी मांसपेशियों की संरचना प्रदान करता है। वैसे भी इन कॉम्बिनेशन से रिलेटेड है, यह स्ट्रक्चर की संरचना काफी हद तक बताई जाती है, जिससे अच्छे एब्स और बाइसेप्स के साथ जिम जैसा काया होता है।

ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली में विभिन्न कारक मांस शरीर या एथलेटिका की ओर संकेत का संकेत दिया जा सकता है। यहां विचार करने के लिए मुख्य घटक दिए गए हैं:

सूर्य राशि : कुछ राशियाँ शारीरिक शक्ति और जीवन शक्ति से जुड़ी हैं। उदाहरण के लिए सूर्य को मेष और सिंह राशि में मजबूत और ऊर्जावान माना जाता है।

मंगल : मंगल भौतिक ऊर्जा, प्रेरणा और आक्रामकता का प्रतिनिधित्व करता है। एक मजबूत मंगल (मेष या वृश्चिक राशि में) कोई भी ऐसा व्यक्ति मिल सकता है जो सक्रिय और शारीरिक रूप से मजबूत होने की संभावना रखता है।

शनि की स्थिति : शनि निर्देश एवं संरचना से संबंधित है। शनि के सही स्थान पर ऐसे व्यक्ति का उल्लेख होता है जो अपनी शारीरिक अवस्था में अनुशासित होता है, जिससे एक मांसल शरीर प्राप्त होता है।

छठा भाव : छठा भाव स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती से संबंधित है, इस भाव में स्थित ग्रह, विशेष रूप से यदि शुभ दृष्टि से देखा जाए, तो शारीरिक तंदुरुस्ती पर ध्यान केंद्रित करने का संकेत दिया जाता है।

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प्रथम भाव : लग्न/प्रथम भाव में स्थित ग्रह शारीरिक आधार और जीवन शक्ति का संकेत दे सकते हैं। वृषभ या मकर जैसे चिह्न जब प्रमुख होते हैं तो अधिक ठोस शरीर का संकेत देते हैं।

शुक्र और बृहस्पति : वृषभ में शुक्र शारीरिक स्थिति के प्रति प्रेम का संकेत दिया जा सकता है जबकि बृहस्पति शारीरिक उपस्थिति और आकार को बढ़ाया जा सकता है।

प्रस्तावित पैटर्न : शक्तियों से जुड़े चिह्नों (जैसे मंगल, शनि और सूर्य) के बीच अनुकूल अनुकूल एक मजबूत शारीरिकता का संकेत दिया जा सकता है।

पृथ्वी तत्व : कुंडली में पृथ्वी स्तंभ (वृषभ, कन्या, मकर) की मजबूत उपस्थिति और अंतःशिरा रूप से मांसल शरीर का संकेत मिलता है।

फिटनेस और एथलेटिक संकेत: इन क्षेत्रों को सक्रिय करने वाले पारगमन या प्रगति से भी गंभीर शारीरिक गतिविधि या शरीर की संरचना में परिवर्तन की अवधि का संकेत दिया जा सकता है।

फिटनेस कोच मोहित शर्मा के अनुसार व्यक्ति को अपनी मांसपेशियों पर काम करना चाहिए, सभी क्षेत्रों की बजाय किसी एक क्षेत्र में अपनी मजबूत कमान बनानी चाहिए। जिम या अन्य के साथ दैनिक रूप से निर्देश देना चाहिए।


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