सेहत – कोशिशों के बाद भी थायर से नहीं मिल रही राहत? 30 दिन इन 5 तेल का उपयोग करके देखें, सबसे अच्छा परिणाम निकला

थायराइड के लिए सर्वोत्तम तेल: इन की अनहेल्डी लाइफस्टाइल से उपजी गंभीर शर्त में थायर ऑक्सिडिटी भी एक है। यह हमारी दाढ़ी के सामने एक छोटी, सियोफ़ के आकार की ग्रंथि है, जो शरीर में हार्मोन बनाती है। यह ग्रंथि थियोरिकसिन नाम का हार्मोन का उत्पादन करता है और मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देता है। थायर ऑर्केस्ट्रा हार्मोन तब तक ठीक है जब तक वह नियंत्रित है। अनकंट्रोल पर यह प्रश्न का अंबार लगा हुआ है। यदि समय रहते इस परेशानी का इलाज न हो तो जोखिम बढ़ सकता है। थायर नाइट्रोजन नियंत्रित करने के लिए लोग डायग्राम का सेवन करते हैं, लेकिन आपको बता दें कि, कुछ तेल अधिक नाइट्रोजन का सेवन किया जा सकता है। अब सवाल है कि आखिर थायर तानाशाह क्या है? नियंत्रण करने के लिए क्या करें? कौन से तेल का उपयोग कर सकते हैं? इस परेशानी के लक्षण क्या हैं? आइए जानते हैं इन तस्वीरों के बारे में-

थायर आयोडीन और किनबाल्ट का खतरा

हेल्थलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, थायर आयोडीन हमारे रक्त में शर्करा, कोलेस्ट्रॉल की मात्रा की मात्रा को नियंत्रित करता है। इतना ही नहीं, यही हार्मोन हमारे देखने और ब्लड म्यूजिक को भी कंट्रोल में रखता है। इसलिए शरीर में आयोडीन की कमी, ऑटोइम्यून डिजीज, जेनेटिक डिसीज और सीरियस जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

थायरोहाइड्रेट वृद्धि के लक्षण क्या हैं?

दाढ़ी में दर्द होना बेकार का सबसे पहला लक्षण है। इससे न सिर्फ गर्दन में दर्द होता है, बल्कि गले में सूजन भी हो सकती है। नारियल की खेती पर इसका असर मालिकों के साथ-साथ जबड़ों और अंबानी तक होता है। वहीं, सबस्यूट थायरलॉयड की स्थिति में धीरे-धीरे-धीरे-धीरे साझेदारी तक का पता चला है। इसके अलावा अनिद्रा, अनिद्रा, स्टिकपन, हाथों में कपकपी, अधिक पीला आना, दृष्टि तेज होना, बालों का पतला होना, याददाश्त का ढीला होना और महिलाओं में मासिक धर्म की स्थिरता बनी रहना भी इसके लक्षण हैं।

इन 5 तेल थायर नाइट्रोजन की समस्या से आप लड़ सकते हैं

– लेमनग्रास में कई तरह के एंटी इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं। यह तेल प्रोफ्लेमेट्री साइटोकिन्स को लॉन्च करता है। इसका उपयोग थायर नाइट्रोजन डाइऑक्साइड से संबंधित एलर्जी या सूजन में मदद करता है।

– लैवेंडर में दर्द दूर करने वाले के साथ-साथ एंफ्लेमेट्री गुण भी पाए जाते हैं। लैवेंडर का तेल एंग्जायटी से लड़ने में मदद करता है। यह तेल अवसाद को भी कम करने में भी मदद करता है।

– चंदन के तेल में अंगजयति जैसे गुण होते हैं। अगर आप भी ऐसे लोगों में शामिल हैं जिन पर पैनिक अटैक आया है या फिर थायर ऑक्सिजन की वजह से स्ट्रेस की समस्या है तो आपको राहत मिल सकती है। इसके अलावा चंदन का तेलहोइनथायरायडिज्म के कारण बालों के झड़ने की समस्या भी कम होती है।

– पुदीने के तेल में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसे पाइप मिंट तेल के नाम से भी जानें। थायर प्रोटीन के कारण मूड कार्बोहाइड्रेट, पाचन शक्ति के नुकसान, खराब मेटाबोलिज्म में आप इस तेल का उपयोग करें। इसके लिए पुदीना तेल की कुछ बोतलों में पानी में स्टैम्प लेने से रेलैक्स लगेगा।

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– काली मिर्च को एनर्जी बूस्टर के रूप में भी जाना जाता है। होइनथायरायडिज्म की वजह से होने वाली थकान को दूर करने में काली मिर्च बेहद खतरनाक है। इसके साथ ही यह शरीर में सूजन, स्ट्रेस और खराब टॉक्सिन से लड़ने में भी मदद करता है।


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