सेहत – आख़िर! बदला जा रहा है मौसम हो जाए सावधान, अचानक से बढ़ा इन 3 तूफान का प्रकोप, डॉक्टर से जानें लक्षण और बचाव
वायरल बुखार के लक्षण: मौसम बदलते रहते हैं सावधान हो जाइए… यहां डॉक्टर ऐसी ही बातें लोगों को दे रहे हैं। वायरल संक्रमण की वजह से तेज बुखार, पेट में दर्द और खांसी-जुकाम के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है। बड़ी बात यह है कि अगर किसी व्यक्ति को पता चल जाए तो उसके आस-पास के स्वस्थ लोग भी इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। यही नहीं, दिल्ली के कई अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीज़ भी आ रहे हैं। यदि आपने समय पर उपचार नहीं लिया तो कई बार स्थिति गंभीर भी हो सकती है। ऐसे में खुद का आरक्षण बेहद जरूरी है। अब सवाल है कि अंतिम बुखार से कैसे बचा जाए? किन बातों का रखें प्रबंध? इस बारे में न्यूज़18 को बता रहे हैं जेटबी हॉस्पिटल दिल्ली की दवा युनिट हेड्स डॉ. अमितेश अग्रवाल-
बीमारी पर क्या कहा जाता है?
डॉ. अमितेश चेतावनी देते हैं कि, गर्मी के बाद बारिश, बारिश के बाद फिर गर्मी। ये मौसम का क्रम है, जो हमेशा रहेगा। इसलिए हमें मौसम के अनुसार कहना होगा. क्योंकि, किसी भी मौसम की शुरुआत स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इसकी खास बात यह है कि, एक सीजन से दूसरे सीजन में जाने के लिए हमारी बॉडी पूरी तरह से तैयार नहीं होती है। ऐसे में इसका सीधा असर हमारी इम्युनिटी पर पड़ता है। नतीज़न, हम बीमार हो रहे हैं। असल में, इम्युनिटी फ़्लोरिडा होने से वायरस या अकाउंट पर आसानी से हमला हो जाता है। इससे वायरल बुखार, बुखार-जुकाम, गले में खराश की बीमारी बढ़ती दिख रही है। वैसे तो 2-4 दिन में खुद से ठीक हो जाता है। लेकिन, यदि वैज्ञानिक संक्रमण की स्थिति बनी रहती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
खांसी ठीक क्यों लग रही अधिक समय
पोस्ट वायरल बलगम के साथ खांसी का प्रकोप लोगों को परेशान कर रहा है। वायरल बुखार ठीक के 4-5 दिन बाद भी लोगों में तेज खांसी और बुखार बुखार देखा जा रहा है। यह खांसी लंबे समय तक चल रही है। डॉक्टर का कहना है, ठंड या फ्लू जैसे वायरस के बाद भी खांसी हो सकती है। यह पोस्ट वायरल खांसी कहा जाता है। ऐसा अधिकांश ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण की वजह से होता है।
इन खास दस्तावेजों को पहचानें
ज्यादातर मामलों में खांसी सुबह कम आती है और दोपहर बाद बढ़ती है। इसके साथ ही सिरदर्द, आंखों में जलन या शरीर में जलन महसूस होना जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। पोस्ट वायरल कफ 3 से 8 सप्ताह तक चल सकता है। इसलिए अगर लंबे समय से आपकी खांसी ठीक नहीं हो रही तो घबनाएं और न ही प्राकृतिक रसायन। डॉक्टर से सामूहिक जांच करवा लें।
मेडिकल स्टोर फार्मासिस्ट को निर्देश
आमतौर पर बुखार और बॉडी दर्द में लोग मेडिकल स्टोर से बिना डॉक्टर की सलाह से दवा ले लेते हैं, जोकी खतरनाक हो सकता है। हालाँकि, दिल्ली के फैक्ट्री कंट्रोल डिपार्टमेंट ने सभी मेडिकल स्टोर स्टोर्स को बिना डॉक्टरी आश्रम के इन दर्द निवारक दवाओं की बिक्री नहीं की और इनका रिकॉर्ड रखा है।
बिना जांच के दवाओं से जुड़ें
एस्प्रिन, डायक्लोफेनेक और आइबूप्रो फेन टीयर ही श्रेणी की दवा नॉन गेन एंटी इन्फ्लेमेट्री फैक्ट्री हैं। यह दर्द निवारक औषधि हैं। एस्प्रिन ख़ून नमक बनाने की दवा भी दी जाती है। यह तेजी से प्लेट प्लेट कम करता है. बुकबुक में पहले से ही प्लेट प्लेट कम हो जाती है, ऐसे में इस दवा के सेवन से ब्लीडिंग हो सकती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा नहीं लेनी चाहिए।
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इन बातों का विवरण
- बैटरी हुई या फिर एरो का पानी पीएं
- बासा बाजार और के जंक फूड से इनकार
- व्यावसायिक और व्यावसायिक भोजन लें
- घर और आसपास साफ-सफाई के बर्तन
- आस-पास और फ्रांसिस्को, फ़िरोज़ में पानी इकट्ठा न होना
पहले प्रकाशित : 24 सितंबर, 2024, 08:52 IST
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