सेहत – बीएचयू को 4 साल बाद मिली बड़ी फिल्म, कोरोना पर रोक के लिए तैयार की गई आयुर्वेदिक दवा, सरकार से मिला प्रस्ताव

वसन्त: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 से लड़ने के लिए एक औषधि तैयार की है, जो इस महामारी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाएगी। आल्टो के सेंटर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर्स की टीम ने इस नए आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन को भारत सरकार से विकसित किया है और इसका भुगतान भी किया गया है।

प्रोफेसर परिमल दास ने बताया कि इस आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन में अश्वगंधा और शहतूत के फाइटोमॉलिक्यूल्स का मिश्रण है, जो SARS-CoV-2 वायरस की वृद्धि को 95% से अधिक रोकने में प्रभावशाली साबित हुआ है। यह फॉर्मूलेशन भविष्य में कोविड-19 के उपचार में काफी मददगार साबित होगा। आयुर्वेदिक चिकित्सा में अश्वगंधा और शहतूत के औषधीय गुणों का उपयोग किया जा रहा है।

चॉइस के बाद होमोन फ़्रॉस्ट
प्रोफेसर दास ने बताया कि शोध के अगले चरण में इस आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन का परीक्षण सबसे पहले किया जाएगा। यह सफल होने पर इसे मानव शरीर पर भी क्लीनिकल ट्रायल के लिए तैयार किया गया। कोविड-19 के समय से ही शोधकर्ता इस पर काम कर रहे थे, और अब उन्हें सफलता मिली है।

रिसर्च टीम के प्रमुख सदस्य
इस शोध में प्रोफेसर परिमल दास के साथ राजसी विद्वान प्रशांत रंजन, नियो, चंद्रा देवी, डॉ. गरिमा जैन (एमपीडीएफ), पूर्णि यादव (पीएचडी स्कॉलर), डॉ. चंदना बसु आमिर (वेलकम ट्रस्ट फेलो), और डॉ. भाग्यलक्ष्मी महापात्र (जीव विज्ञान विभाग, बी.एच.यू.) की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस फॉर्मूलेशन से केवल कोविड-19 के इलाज में कोई नया रास्ता नहीं खोजा जा सकता है, बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रभावी उपयोग को वैश्विक स्तर पर भी मान्यता प्राप्त मदद मिलेगी।


Source link

Back to top button