सेहत – विश्व हृदय दिवस: क्या आपको भी आती है टूटी-टूटी नींद? कहीं इससे तो दिल नहीं लग रहा बीमार
दिल प्यार भी बहुत करता है और टूटता भी बहुत है। दिल बच्चा भी है और बच्चा भी. दिमाग के आगे दिल की ही चलती है. ज़िन्दगी में कुछ भी हो, झेलता दिल ही है। हमारी बॉडी भी दिल की मेहरबानी चलती है लेकिन कई बार हम अपनी लाइफस्टाइल की वजह से उसे बीमार बना देते हैं। दिल को अधूरी नींद भी बीमारी का कारण है. आज वर्ल्ड हार्ट डे है. नींद का दिल से संबंध क्या है और नींद से दिल की सेहत कैसे ठीक हो सकती है?
नींद से 80 तरह की नींद खराब होना
लंदन के एसपीएस अस्पताल में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग में परामर्श डॉ. गजिंदर पाल सिंह कलेर कहते हैं कि नींद से दिल की सेहत जुड़ी हुई है। एक एडल्ट इंसान को 7 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। यह नींद लगातार हो, बीच में गिरावट नहीं. एक अच्छा रिस्टफुल स्लीप स्लीप दिल को आराम देता है। लेकिन अगर नींद असामान्य हो तो इससे 80 तरह की स्लीप डिसऑर्डर जैसी बीमारियां हो सकती हैं जो दिल की सेहत को प्रभावित कर सकती हैं।
नींद के 2 भाग होते हैं
स्लीप को 2 मुख्यधारा में नॉन रैपिड आई तरंग (एनआरईएम) और रैपिड आई तरंग (आरईएम) कहा जाता है। 80% नींद एनआरईएम शामिल है जिसमें दिल को आराम मिलता है। इस चरण में ब्लड स्केल और हृदय मानक रेंज से 10 से 20 प्रतिशत कम हो जाता है। लेकिन नींद का 20 प्रतिशत भाग REM होता है। नींद के इसी भाग में व्यक्ति को सपने आते हैं। इसी सपने के चरण में अगर भोला सपना आ जाए तो दिल को सबसे ज्यादा काम करना पड़ता है और व्यक्ति का ब्लड डाउन और हार्ट रेट बढ़ जाता है।
रात को सोने से पहले चाय-कॉफ़ी पीने से मनाही (Image-Canva)
इन्साना से दिल की बोली का जन्म
नींद ना आना आज एक आम समस्या है जिसे अनिद्रा यानि अनिद्रा कहा जाता है। दुनिया में 4 में से 1 व्यक्ति इस बीमारी से जूझ रहा है. सामान्य हाइपरटेंशन शापी के एक अध्ययन में यह पाया गया कि जिस व्यक्ति को रात को नहीं दिया गया, उसके शरीर के द्रव्यमान और घटकों का वर्गीकरण किया गया। वहीं कई लोग हाइपरटेंशन के मरीज भी बन गए। यह रिसर्च 16 साल तक चली थी। डॉ. गजिंदर पाल सिंह कलेर कहते हैं कि जो लोग इंसाना के शिकार होते हैं उनका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है क्योंकि दिल को आराम नहीं मिलता। इस कारण से आलोच्य में भी वृद्धि होने की आशंका है। अनिद्रा स्ट्रोक और कोरोनरी आर्टरी डिजीज का जोखिम बढ़ता है। किसी का दिल भी काम करना बंद कर सकता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, अनिद्रा से 45% दिल के रोग होने का ख़तरा बना रहता है। 54% लोगों को 4 साल में स्ट्रोक हो सकता है।
स्लीप एपनिया साइलेंट किलर
नींद ना आना किसी व्यक्ति को नींद आना नाम की बीमारी हो सकती है। असलियत में पेट की चर्बी के साथ गर्दन पर भी चर्बी दिखती है। अगर गर्दन की हड्डी 17 इंच से ज्यादा है तो हो सकती है ये बीमारी. फातिमा की वजह से सांस लेने का रास्ता संवारा जाता है। जब किसी व्यक्ति को रात को सोता है तो खतरा लेना लगता है। सांस लेने वाली नली की मांस पेशियां दबाव में आती हैं तो कुछ देर तक सांस रुक जाती है जिससे शरीर में ऑक्सीजन की खुराक बंद हो जाती है। ऐसे में मस्तिष्क सक्रिय होता है और पोटेशियम सक्रिय होता है। इससे अचानक किसी व्यक्ति की अंगूठी टूट जाती है। कुछ देर बाद फिर खतरा चालू हो जाता है और फिर ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है। यह पुस्तक पूरी तरह से रात में चलती है और इससे स्लीप स्लीप स्लीप खराब हो जाती है। एम.एस रिसर्च के मुताबिक, 10 करोड़ भारतीय इस बीमारी से जूझ रहे हैं। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया में रात को दिल पर डबल काम करने से हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। इस बीमारी में नींद के पैटर्न की जांच के लिए स्लीप स्टडीज की जांच की जाती है जिसे पॉलीसोमनोग्राफी कहते हैं।
शाम को सक्रियता दिखाएं, इससे रात को नींद अच्छी आती है (छवि-कैनवा)
रात को बार-बार यूरिन आना
जो लोग 50 वर्ष की आयु से अधिक होते हैं, वे रात को कई बार यूरिन के लिए सेवन करते हैं। यह बुजुर्ग महिला और पुरुष, दोनों में देखने को मिलती है। वास्तव में अधिकांश आतंकवादियों के निशाने पर यूरिनरी इंकनवेस की समस्या होती है यानी उनके मूत्राशय पर नियंत्रण नहीं होता है। इससे कई बार यूरिन लीकेज की समस्या भी होती है। वहीं जो महिलाएं यूरिन का शिकार होती हैं, उन्हें भी बार-बार लगता है कि यूरीन आ रही है। ऐसे में वह रात को हर 2-3 घंटे में उठती हैं, इससे भी नींद की आदत होती है और नींद पूरी नहीं होती।
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट जरूरी
गुड़गांव में मेट्रोपोलिस प्लाजा लिमिटेड के प्रयोगशाला प्रमुख डॉ. महके शर्मा कहा जाता है कि जिन लोगों की नींद अच्छी नहीं होती, उनके दिल की सेहत भी अच्छी नहीं होती। इसकी जांच के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट प्लास्टर किया जाता है। इस टेस्ट से एलडीएल यानि बैड ओले, एचडीएल यानि गुड लास्ट और ट्राइग्लिसराइड्स का पता चलता है। खराब नींद एचडीएल को कम और एलडीएल के स्तर को बढ़ाती है जिससे दिल की ख़ून की धमनियाँ स्थिर हो जाती हैं और हार्ट अटैक और स्ट्रोक का ख़तरा बढ़ जाता है।
नींद के लिए मेलाटोनिन
मेलाटोनिन स्लीपर हार्मोन होता है जो अच्छी नींद लाता है। यह डार्क में ही रिलीज होती है इसलिए रात को मोबाइल की ब्लू लाइट से दूर रहना। रोज़ एक ही समय पर सोएं. यह एक स्लीपर पैटर्न बनता है। इसके अलावा सुबह आरंभिक सूर्योदय 15 मिनट धूप में बैठा। इसके अलावा इसमें पिस्ता, बादाम, दूध, अण्डा, चेरी और मशरूम शामिल हैं।
पहले प्रकाशित : 29 सितंबर, 2024, 15:04 IST
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