सेहत – औषधीय गुणों वाला ‘बाप’ है भगवान शिव का ये प्रिय फल, आयुर्वेदिक-खुजली में मौजूद पेय तो सांस की बीमारी में देता है राहत

अधिकार: भगवान शिव का प्रिय धतूरा केवल धार्मिक महत्व नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी चमत्कारी होता है। इसके पत्ते, बीज और फल औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। आयुर्वेद में इसे दर्द निवारक और सूजन कम करने वाली औषधि माना जाता है। धतूरा जोड़ों के दर्द, गठिया, त्वचा संबंधी समस्याएं होती हैं। यह पाचन तंत्र को भी सहायक बनाता है। हालाँकि, धतूरा साज़िश होता है, इसलिए इसका सेवन केवल डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।

धतूरे के औषधीय गुण
लोक 18 को बताया गया कि उत्तराखंड के ऋषभ स्थित ऑटोमोबाइल क्लिनिक के डॉ. प्रिंस (डी. यू. एम.) के अनुसार, धतूरा, जिसे अंग्रेजी में “जिम्सनवीड” कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है। इसके पत्ते, बीज और फल में कई औषधीय गुण होते हैं। आयुर्वेद में धतूरा का उपयोग विभिन्न प्रकार के उपचारों में किया जाता है। यह एक प्रभावशाली दर्द निवारक है और गठिया, मसाला के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है। धतूरा पिस्टन और ब्रोंकाइटिस जैसे श्वसन रोगियों के लिए भी उपयोगी होता है, क्योंकि यह श्वसन नल आराम प्रदान करता है।

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आहार और औषधि के उपचार में सहायक
धतूरे के बीज पाचन तंत्र को ताकत मिलती है। इसके अलावा यह त्वचा की समस्याएं, जैसे फोड़े और खुजली के इलाज में भी सहायक है। धतूरा कार्बोहाइड्रेट और ब्रोंकाइटिस श्वसनीकृमि में राहत देता है। क्योंकि यह श्वसन तंत्र को आराम प्रदान करता है। इसका सेवन पाचन स्वास्थ्य के लिए होता है। हालाँकि, धतूरा का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसकी मात्रा अधिक हो सकती है। विशेषज्ञ की सलाह के बिना इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। ये एक ताकतवर औषधि है, जिसे स्वास्थ्य के लिए सही तरीके से इस्तेमाल करके सिद्ध किया जा सकता है।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


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