सेहत – महिलाओं के जन्म अंग को खोखला कर देती है जेनिटेल टीबी, 5 लक्षण देखें तो भागे डॉक्टर के पास, बाद में इलाज भी बेकम – महिलाओं में जननांग टीबी क्षतिग्रस्त फैलोपियन ट्यूब, गर्भधारण में बाधा, अंडे का उत्पादन बंद करना, अनियमित मासिक धर्म, पेल्विक दर्द, तपेदिक के संकेत और लक्षण
अगर 40 साल की उम्र वाली महिलाओं को पहले टीबी लग गई तो एस्ट्रोजेन हार्मोन कम कर देता है। महिलाओं में जब टीबी होती है तो फेलोपियन ट्यूब डैमेज का खतरा बढ़ जाता है।
महिला जननांग क्षय रोग: टीबी का नाम बताते ही लोगों के जहां में खांसी की बीमारी हो जाती है. लोग आश्वस्त हैं कि यह फ़ेफ़्डों की बीमारी है जिसमें लंग्स मास्टर हो जाते हैं और खांसते-खांसते लोग परेशान हो जाते हैं। यह बात सही है कि टीबी के ज्यादातर मामले फेफड़े से जुड़े होते हैं लेकिन टीबी के रिकॉर्ड शरीर के किसी भी हिस्से में घुस सकते हैं और वहां बीमारी फैल सकती है। यहां तक कि यह ट्रैक्टर और आभूषण में भी घुस जाते हैं। जनन-प्रयोग में टीबी महिला-पुरुष दोनों हो सकते हैं और दोनों में ही बांझपन का खतरा बढ़ सकता है। टीबी के छेद से ही नाक या मुंह से ही छेद में घुसते हैं लेकिन कभी-कभी यह छेद से शरीर के अन्य अंगों में प्रवेश कर जाते हैं। जब इम्युनिटी ख़राब होती है तो इसे शरीर के किसी भी अंग में अध्ययन का मौका मिल जाता है।
पुरुषों के जन्म से टीबी होने का खतरा बढ़ जाता है। यानी मां बनने में मुसीबत पेश आती है। इसलिए अगर जनरेशन ऑर्गनाइज़ेशन में टीबी हो जाए तो इसे रद्द नहीं किया जाना चाहिए, तुरंत इसका इलाज ख़त्म होना बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी।
फ़ेलोपियन यूट्यूब डेटाबेस हो जाता है
एचटी की खबर ने नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी सेंटर कोलकाता के फर्टिलिटी कंसल्टेंट डॉ. सुपर्णाचार्य भट्ट के आवास से बताया कि जब टी बी महिलाओं का रोजगार शुरू होता है तो उन्हें बहुत परेशानी होती है। अगर इलाज न कराया जाए तो पूरी तरह से मां बनने की संभावना को कम किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि महिलाओं में आमतौर पर टीबी फेलोपियन ट्यूब, गर्भपात और कभी-कभी अग्न्याशय की बीमारी भी होती है। महिलाओं में जब टीबी होती है तो यह खतरा ज्यादातर रहता है कि बात फेलोपियन ट्यूब डैमेज हो जाए। इस स्थिति में फर्टिलाइज एगगर्भाशय में आ नहीं पाता है। यानि कि अण्डा वैज्ञानिकों के साथ निषेचित तो हो जाता है लेकिन यह वहां से बाहर नहीं आता है। टीबी होने पर 90 प्रतिशत महिलाएं फेलोपियन ट्यूब ही डैमेज में होती हैं।
डॉ. सुपर्णा भट्ट का कहना है कि अगर 40 साल की उम्र में महिलाओं को पहले टीबी हो जाती है तो एस्ट्रोजेन हार्मोन कम कर देती है। इसका कारण प्राइमेच्योर ओवेरियन फेल्योर विकृति है। इसमें अंडमान की आकृति दिखाई देती है। इस स्थिति में अंडा बनता ही नहीं है. अगर अण्डा भी बनता है तो उसकी गुणवत्ता बहुत ख़राब हो जाती है। इंडोमैटेरियम में लाइनिंग बढ़ने से इन्फर्टिलिटी हो जाती है। लगातार संक्रमण के बाद गर्भाशय की दीवार में साइनेचिया रोग हो जाता है जिसके कारण कभी-कभी संक्रमण नहीं होता है।
महिलाओं की उत्पत्ति ऑपरेशन में टीबी के लक्षण
1. अधिकाँश महिलाओं के जन्म में टीबी पर स्टार्टअप्स का आगमन होता है।
2. कुछ महिलाओं को ट्रीकू यानि पेल्विक एरिया में दर्द होने लगता है।
3. जेनिटेल टीबी गंभीर होने पर होटल पूरी तरह से बंद हो सकते हैं।
4. कुछ महिलाओं में वेजीनल एस्टामेंट होने का अनुमान है।
5. पेट में दर्द के दौरान भी जीभ पर गंभीर दर्द होता है।
6. कुछ महिलाओं में बुखार भी आ सकता है।
7. कुछ मामलों में संबंध बनाने के दौरान भी दर्द हो सकता है।
क्या है इलाज
एचटी की खबर में सीनियर पल्मोनकॉस्टिक डॉ. डीएसजानिया ने बताया कि महिलाओं में फेलोपियन ट्यूब से शुरू होने वाली कई जनरेशन संस्थाएं प्रभावित होती हैं। इसलिए इसका इलाज शुरू करना चाहिए। अगर होटल्स में कोचिंग या पेट दर्द का आसानी से पता नहीं चल रहा है तो यह टीबी हो सकती है। जांच कर उपचार शुरू कर दें। एंटीबायोटिक से जेनिटल टीबी का इलाज किया जाता है। इसलिए ईसाइयों की सलाह से तुरंत इलाज शुरू करें। कुछ महीने में ये टीबी ठीक हो सकती है.
यह भी पढ़ें- स्वामी स्वामी ने बताया जड़ से खत्म करने का अचूक उपाय! सिर्फ एक चीज का पानी पीने से हो सकता है खात्मा, जानें कैसे
यह भी पढ़ें-उम्र का रुख मोड़ने वाले अरबपति ने फिर किया कमाल, शरीर से एक किलो वजन कम किया, जवानी का यह नुस्खा
पहले प्रकाशित : 20 अक्टूबर, 2024, 18:44 IST
Source link