सेहत – क्या एयर प्यूरिफ़ायर सच में पॉलिथीन से शुरू होता है, कितने घंटे चलना ज़रूरी है? डब्ल्यूएचओ से जुड़े डॉ. दिया जवाब

ईसाई धर्म में सांस लेना मुश्किल हो गया है। प्रदूषण की वजह से घुटन, आंखों में जलन और खुजली जैसी दिक्कतें लोगों को परेशान कर रही हैं। ऐसे में बहुत सारे लोग इस नग्न हवा से खुद को बचाने के लिए एयर प्यूरिफायर भी खरीद रहे हैं, ताकि घर के अंदर जान बचा सके और शुद्ध दुनिया ले जा सके। अगर आप भी एयर प्योरिफायर का प्लान बना रहे हैं या सोच रहे हैं कि इससे कितना फायदा होगा? तो आइए एयर प्यूरिफायर्स को लेकर जानें डबडल प्यूरिफायर से जुड़े एक सस्पेंशनपार्ट की राय…

संस्करण हेल्थमॅरेगॅम (WHO) टेक्निकल एड इशरीरी ग्रुप ऑन ऑक्सिकेंटलोबल एयर पॉल क्यूप्शन एंड ऑक्सिकेंटलोबल हेलथ के सदस्योमी और फाइनैंशियल के जाने माने पल्मोनरी एक सेक्शन डॉ. गोपीचंद खिलनानी का कहना है कि भारत में प्रदूषण से बचने के लिए पहले से ही निवेशकों और कंपनियों में बड़े पैमाने पर एयर प्युरिफायर्स लगाए जा रहे हैं, लेकिन अब घर में भी इनहें सामान का चलन तेज हो गया है। सितंबर-अक्टूबर में हीट में एयर प्यूरिफायर की भी अब जरूरत बन गई है।

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क्वांटम एयर प्युरिफायर्स
एयर प्यूरीफायर से हवा की विशिष्टता पर नजर डाली जाती है या यह वास्तव में एयर रियलिटी इंडे को बिल्कुल शुद्ध करने का काम करता है, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है लेकिन इसके टैकनोलॉजी को लेकर दावा किया गया है और इस पर लगा मॉनिटर इंडीकेट भी रहता है यदि कुछ समय के लिए उस कमरे का एक्ज्यूम 200 से सीधे 50 या उससे नीचे चला जाता है, तो यह निश्चित रूप से उस कमरे की हवा को शुद्ध करता है और यह मन को शांति भी देता है।

दूसरी ओर यह बिलकुल एयर एसोसिएट की तरह काम करता है, थोड़ी बड़ी बात होगी, फ्लैट ही आवासीय क्षमता वाला एयर प्यूरीफायर लिया जाएगा, जैसे बड़े कमरे के लिए आवासीय टन की क्षमता वाला एसी रखा जाता है। इफ़ेक्ट एयर प्युरिफ़ाई होना इस पर भी अनुशंसित नहीं है।

कई घंटे की एयर प्युरिफायर
डॉ. जीसी खिलनानी का कहना है कि एक या दो घंटे की एयर प्युरिफायर्स कंपनियां शुरू कर चुकी हैं और अवशेष हैं कि अब हवा शुद्ध हो गई है और बंद कर दी गई है। या फिर जब कमरे में जाते हैं तो पसंद करते हैं और प्रोटोटाइप ही बंद कर देते हैं जैसे एसी या यूपी को बंद कर देते हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए. एयर प्यूरिफायर को 24 घंटे चालू रखना जरूरी है। ऐसा न करें कि जब भी आप अपने कमरे में जाएं तो उस पर काम करें। उसे ऑन करके ही बताएं, तभी आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे।

एयर प्युरिफायर्स में देर तक रहना जरूरी है
अगर घर में एयर प्यूरिफायर लगा है तो दिन रात भी रहती है। इस दौरान घर के दरवाजे और दुकानें पूरी तरह बंद रहीं। अगर बाहर से जरा भी प्रदूषण गिरा तो इस प्युरिफायर का फायदा नहीं मिलेगा। वहीं अगर कोई काम से बाहर जा रहा है तो एन-95 मास्क लगवाएं। हालाँकि मास्क से भी 100 प्रतिशत प्रोटीन प्रतिरोध नहीं। प्रदूषण में तो एक मिनट के लिए भी सुरक्षित नहीं है.

आख़िरकार ये 3 चीज़ें

. डॉ. खिलनानी ने बताया कि जो लोग बुजुर्ग हैं, अस्थमा या दिल की बीमारी से पीड़ित हैं, या टीचर किसी परेशानी से जूझ रहे हैं तो ऐसे लोगों के लिए एयर प्युरिफायर कुछ हद तक प्रस्तावित है। हालाँकि ये समय है, जब तक वे इसमें शामिल हों, रुकें नहीं।

. यदि आप एयर प्यूरिफ़ायर चला रहे हैं तो हर विंडो, हर दरवाज़ा बंद होना चाहिए। ऐसा नहीं हो सकता कि कभी-कभी खुलासा किया गया हो और कभी-कभी बंद कर दिया गया हो। इससे समेकित हवा का मार्गदर्शन आपके घर में बना रहेगा और प्यूरिफायर का कोई फ़ायदा नहीं होगा।

. जो लोग कहते हैं कि पिज्जा घुटून होता है, बिना विंडो विंडो स्लीप नहीं आती, ऐसे लोगों के लिए एयर प्यूरिफायर का कोई काम नहीं है। वे इसे न ही पहनते हैं.

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