सेहत – इन लोगों को भूलकर भी नहीं खाना चाहिए सिंघाड़ा, स्वास्थ्य को हो सकता है बड़ा नुकसान
द. समुद्र के दिनों में लोग सिंघाड़े खाना बहुत पसंद करते हैं, लेकिन लोगों के लिए सिंघाड़े का इस्तेमाल नुकसानदायक साबित हो सकता है। जो लोग ख़ून केलेलिन की दवाएँ खाते हैं, उनका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा जिन लोगों को बस्ती की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, वह भी जिम्मेदारी लेते हैं। शुगर के मरीज़ के साथ-साथ शुगर के मरीज़ के लिए यह बहुत नुकसानदेह साबित हो सकता है।
राजधानी की राजधानी के आयुर्वेदिक चिकित्सक सिराज लोकल ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए कहा है कि सिंघाड़े में विटामिन बी 6 और बी 12 की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाने में मददगार साबित होता है। है. इसमें कार्बोहाइड्रेट, मैग्नेशियम, फ़ाइबर और फाइबर जैसे पौधे प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि यह कई तरह से लोगों के स्वास्थ्य में मदद करता है, लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें सिंघाडो का सेवन नहीं करना चाहिए।
इन लोगों को भूलकर भी सिंघाड़ो का सेवन नहीं करना चाहिए-
डॉ. सिराज के कर्मचारी हैं कि सिंघाड़े को वैज्ञानिक भाषा में एना फ्लेक्ज़ेस कहा जाता है। इसका सेवन सभी लोग जरूर करते हैं, लेकिन इसका सेवन हर किसी को नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों को शुरुआत में बहुत कम और छीनने के बाद अच्छी तरह से धोकर देना चाहिए। इससे बच्चों को एलर्जी और संक्रमण हो सकता है और बच्चों के पेट में दर्द भी हो सकता है। इसी तरह देखभाल करनी चाहिए. सिंघाड़े में ऐसे खरगोश पाए जाते हैं जिन्हें पचाने में लोगों को बहुत मुश्किल होती है। ऐसे लोगों में उल्टी, दस्त और डायरिया जैसी कोई भी शिकायत हो सकती है। आईबीएस के अभ्यर्थियों को पद छोड़ना चाहिए। कंजेशन के निष्कासन के लिए सिंघाड़े को नष्ट किया जा सकता है। कई लोगों को एलर्जी जैसी समस्या भी हो सकती है। इसलिए अधिक मात्रा में इसका सेवन नहीं करना चाहिए। गठिया और गठिया के लक्षणों का सेवन नहीं करना चाहिए। अधिकांश ऑक्सिनिक लाइसैमिक भारतीयों के लिए यह उनके लिए बहुत नुकसानदायक है। काले बालों वाली दवाओं को खाने वाले लोगों को सिंघाड़े का उपयोग नहीं करना चाहिए। ऑस्ट्रिया की बहुत बड़ी मात्रा होती है जिससे फ्लूड रिक्वायरमेंट और प्लांटलड कंसल्टेंसी की समस्या बढ़ जाती है।
पहले प्रकाशित : 27 अक्टूबर, 2024, 12:37 IST
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