सेहत – इस खतरनाक बीमारी से मासूमों की झल्लाहट, जिंदगी भर का मिल रहा दर्द! जानिए लक्षण और बचाव के उपाय

दवे : स्कोलियोसिस (स्कोलियोसिस) का अर्थ रीढ़ की हड्डी का असामान्य टेढ़ापन है, जिसके किनारे से मुड़ने के कारण एस या सी के आकार में बदलाव होता है। सामान्यत: रीढ़ की हड्डी का स्तर सीधा होता है, लेकिन स्कोलियोसिस से प्रभावित व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से या कंधे के स्तर पर असामान्यता देखने को मिलती है। ये समस्या है कम उम्र के बच्चों में तेजी से फैल रही है समस्या. अत्याधुनिक डिजिटल उपकरण का इस्तेमाल, गलत तरीके से मनोवैज्ञानिक और शारीरिक चिकित्सा की कमी के कारण इससे अधिक वजन बढ़ सकता है। हालाँकि ये बीमारी भी होती है.

क्लिनिक के जाने-माने हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अमीश भंडारी कहते हैं कि स्कोलियोसिस के तीन मुख्य कारण होते हैं: बच्चा (कभी-कभी जन्म से ही होता है), इडियोपैथिक (जिसका कोई स्पष्ट कारण नहीं होता) और न्यूरोस्कूलर (जिनमें मसाले की कमी होती है)। अवलोकन, इडियोपैथिक स्कोलियोसिस तेजी से बढ़ रहा है, इन दिनों में जो घिसे हुए हैं या मोबाइल फोन पर रुके हुए हैं। यह स्थिति एसआईएल को फ़्लोरिडा कर शेयरों में है, जिससे विक्रय मार्जिन का टेढ़ापन बढ़ गया है।

स्कोलियोसिस के लक्षण क्या हैं?
डॉ. अमीश भंडारी कहते हैं कि लोग बार-बार स्कोलियोसिस को समाप्त कर देते हैं, लेकिन इसके विवरण में शामिल हैं- कमर या कंधे की असामान्यता, पीठ में दर्द, और सामान्य तीव्रता में कठोरता। यदि समय रहते इस समस्या का निदान न किया जाए, तो स्थिति गंभीर हो सकती है। डॉ. अमीष भंडारी का कहना है कि कुछ मामलों में, जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, समस्याएँ आपकी ठीक हो सकती हैं। लेकिन गंभीर मामलों में, जब 50 डिग्री से अधिक हो जाता है, तो सर्जरी एकमात्र विकल्प बन जाती है।

इन उपायों से करें रोग का इलाज
स्कोलियोसिस की रोकथाम के लिए कई असरदार उपाय हैं, जो बच्चे और किशोर स्वास्थ्य शेयर बाजार बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख उपाय दिए गए हैं:
1. सही बैठने की आदत
– सही आकार की कुर्सी का उपयोग करने के लिए हमेशा सीधे बैठें और अपने ग्राहकों को सहयोग प्रदान करें।
– कंप्यूटर या मोबाइल का उपयोग समय स्क्रीन को आंखों के स्तर पर रखें, ताकि गर्दन झुकाने की आवश्यकता न पड़े।

2. नियमित व्यायाम
– नियमित चिकित्सीय औषधियां जैसे कि योग, तैराकी और हेल्थकेयर मसालों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है
– प्लैंक और बर्पीज़ जैसे पीठ और पेट के प्लास्टर के लिए विशेष व्यायाम करें

3. डिजिटल उपकरण का सीमित उपयोग
– डिजिटल गैजेट्स का उपयोग सीमित और सुनिश्चित करें कि बच्चों के पास समसामयिक गतिविधि हो।
– एक निश्चित समय के बाद गैजेट्स का उपयोग रोकें।

4. सही नींद की आदत
– एक प्रोटोटाइप और गद्दार का उपयोग करें, जो स्टॉक का समर्थन करता है
– सोने के दौरान सही पॉलिश का ध्यान रखें, जैसे कि सोने के लिए बल सोना

5. नियोजन आहार
– हड्डियों की सेहत के लिए आवश्यक पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, विटामिन डी, और प्रोटीन से भरपूर आहार लें।
– हरे पत्तेदार चीज़, दूध, मछली और नट का सेवन स्ट्रेंथ।

इन उपायों को अपनाकर हम स्कोलियोसिस की समस्या को कम कर सकते हैं और बच्चों की हड्डियों को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्यों और आचार्यों से बात करके लिखी गई है। कोई भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि संयोग ही है। ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है। बताई गई किसी भी बात का लोकल-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है।


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