सेहत – अत्यंत चमत्कारी है यह पौधा, कूट-कूटकर इसमें शामिल हैं औषधीय गुण, गठिया-बीपी से लेकर सूजन तक के लिए रामबाण
गेर्गैल. प्रकृति में कई प्रकार के पेड़-पौधे पाए जाते हैं, जो विभिन्न इमारतों से शुरू होने में मदद करते हैं। मित्रता में से एक है सहजन का पौधा. इस औषधि के बेरोजगार से लेकर फलों तक में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो कई प्रकार के बेरोजगार से लेकर फलों तक में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसे मुंगा, मोरिंगा और ड्रमस्टिक भी कहा जाता है। इस औषधि के इंजेक्शन में संतरे के विटामिन सी पाए जाते हैं, साथ ही इनमें एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी मौजूद होते हैं, जो कई दवाओं के इंजेक्शन में सहायक होते हैं।
गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. जयदेव चौहान ने लोकल 18 को बताया कि सहजन मुख्य रूप से एशिया महाद्वीप के दक्षिणी देशों में पाया जाता है। भारत में भी यह बड़ी मात्रा में है. दक्षिण भारत में इसके फलों के उपयोग की जानकारी दी गई है और इसकी सब्जी भी बनाई गई है।
सूजन को कम करने में होता है प्रयोग
डॉ. जयदेव ने लिखा है कि इसमें कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं, जैसे कि एंटी-इंफ्लेमेटरी एंटी-फंगल गुण। इसके नियमित सेवन से शरीर की सूजन कम होती है। अगर शरीर में किसी भी कारण से सूजन हो जाए तो यह उसे कम करने में सहायक होता है।
विटामिन ए और सी से भरपूर हैं सहजन की पत्तियां
इसके उत्पादों में विटामिन और फ्लेवर काफी मात्रा में पाए जाते हैं। सहजन की खुराक में विटामिन ए और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होते हैं। उन्होंने बताया कि अध्ययन में पाया गया कि एक संतरे में विटामिन सी सहजन की एक फली और पत्ती भी पाई जाती है।
हाई बीपी और गठिया में होता है मरीज़
जिन लोगों को हाई बीपी की समस्या होती है, वे भी इसकी कमी और फलियों का सेवन कर सकते हैं, क्योंकि यह पौधा हाई बीपी को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसमें कैल्शियम भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जिससे यह गठिया रोग को रोकने में भी सहायक साबित होता है। इसके नियमित सेवन से स्वास्थ्य में काफी सुधार होता है।
पहले प्रकाशित : 5 नवंबर, 2024, 07:38 IST
अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
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