सेहत – स्वास्थ्य देखभाल युक्तियाँ करंजी पेड़ का टूथपिक दांत दर्द के लिए एक प्रभावी उपाय है

छतरपुर: जिले में एक ऐसा पेड़ भी पाया जाता है, जिसके महत्व के बारे में आयुर्वेद में बताया गया है। इस पेड़ को यहां की क्षेत्रीय भाषा में करंजी कहा जाता है। आयुर्वेद में बताया गया है कि इस पेड़ की दातून करने से दांतों की सफाई तो होती ही है, साथ ही कैविटी और मसूड़ों की सूजन से लेकर पायरिया रोग तक ठीक हो जाता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर आरके डॉक्टर से जानिए करंजी के फायदे

छतरपुर के आयुर्वेदाचार्य आरके डेक्स ने स्थानीय 18 लोगों को नियुक्त किया है कि करंजी का उपयोग दांतों की सफाई और दंत चिकित्सा में किया जाता है। इसके नियमित उपयोग से दांतों के दर्द जैसे कैविटी, मसूड़ों की सूजन और दांतों के दर्द को दूर किया जा सकता है। ये दांत मजबूत और स्वस्थ्य होते हैं। इसके अलावा करंजी के पंचांग को भस्म में थोड़ा सा नमक मिलाकर इसे दांतों पर लगाने से दांतों के दर्द में तेजी से आराम मिलता है। ये घरेलू उपचार दांतों की सर्जरी के लिए बेहद फायदेमंद है।

आयुर्वेद में करंजी की एक अलग पहचान है। इसके विभिन्न सिद्धांतों का उपयोग करके गठिया, खुजली, दांत दर्द और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का इलाज किया जाता है, जो इसे आयुर्वेद के क्षेत्र में एक बहुउपयोगी तंत्र बनाता है।

करंजी दातून के फायदे
आरसी डॉक्टरी के अनुसार करंजी के दातुन का उपयोग दांतों की सफाई के लिए किया जाता है, जिससे इसके ब्रिसल्स दांतों की सफाई में मदद मिलती है और मसूद की समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इसके एंटी-असाइंटेंट गुण क्रिएटर्स को देर से मदद मिलती है, जिससे मुंह के घोल को दूर करने में मदद मिलती है। साथ ही करंजी के दातुन का उपयोग मसूद की सेहत के लिए भी किया जाता है।

आर.सी. कर्मचारियों को कुछ नुकसान भी हो सकता है। इस हानि के उपयोग की मात्रा और तरीके के अनुसार नियंत्रण किया जा सकता है। डेंटल डॉक्टर की सलाह लेनि और अपने दांतों की सेहत का सही से पालन करना चाहिए। करंजी के दातुन के नुस्खे और नुकसान के बारे में दंत चिकित्सक की सलाह महत्वपूर्ण है, ताकि आप सही तरीकों से उपयोग कर सकें अपने दांतों की स्वास्थ्यता को बनाए रख सकें। रख-रखाव.

संपादक- अनुज सिंह


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