सेहत – अल्जाइमर के इलाज में जगी स्टोन, चीनी मिट्टी ने ब्रेन प्रोटीन वे अल्ट्रा लैक्टिन लेने वाली सर्जरी में पाई सफलता

अल्जाइमर पर नया चीनी शोध: अल्जाइमर रोग डाइमेंशिया का सबसे सामान्य कारण है, जिसमें मस्तिष्क में एमिलॉयड प्लैक्स और न्यूरो फाइब्रिलरी टेन्सिल प्रोटीन जमा हो जाते हैं, जो मस्तिष्क की बीमारी धीरे-धीरे खत्म हो जाती है। इस कारण से मस्तिष्क रचना प्रतीत होती है और रोगी अपनी याददाश्त को समान मानता है। अल्जाइमर का अभी तक कोई इलाज नहीं है और मस्तिष्क की गंभीर बीमारी से यह मौत का कारण भी बन सकता है। मायोलिनिक के अनुसार, 55 मिलियन से अधिक डाइमेंशिया में 60% से 70% तक अल्जाइमर होने का अनुमान है। लेकिन, हाल ही में अल्जाइमर के इलाज में अल्जाइमर का हल निकालने के लिए एक नई तकनीक में सफलता हासिल की गई है, जिससे अल्जाइमर के इलाज में फिर से एक नई तकनीक जगी है।

असली, चीनी जनरल ने, बिहार में अल्जाइमर के इलाज पर की जा रही तरह-तरह के अध्ययनों के बीच, एक नई सोशल तकनीक में शुरुआती सफलता हासिल की है। इस तकनीक से जुड़े विद्वानों को ‘जनरल साइकियाट्री’ जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इस उपचार के तहत रोगी के ब्रेन वेस्ट में सागर वे प्रोटोटाइप प्रोटीन को बेहतर तरीके से उपचारित किया जा सकता है।

इस सर्जरी में मोती की लसिका वेन बंडल (लसीका वाहिका) को डीएनए से प्लाज्मा में जमा विकिरण, जैसे बीटा-एमाइलॉयड और टाउ, को बाहर निकाला जाता है। बता दें कि ये ही प्रोटीन अल्जाइमर डिजीज के बढ़ने का कारण हैं।

शोध में इसी तकनीक का प्रयोग किया गया और पाया गया कि कुछ ही ग़रीबों में मरीज़ों के अल्कोहल स्कोर (कॉन्ग्न रेक्टॉमिकल स्कोर) और दैनिक डंके की रोशनी में सुधार देखा गया। ब्रेन स्कैन में भी प्रोटीन स्तर में बदलाव का संकेत मिला। हालाँकि, विशेषज्ञ का कहना है कि ये परीक्षण प्रारंभिक हैं और अभी व्यापक परीक्षण की आवश्यकता है।

इसे भी पढ़ें:फ़ेट फ़ोर्ट थुलथुली हो गया है बाजू? रोजाना 10 मिनट करें ये योगासन, मोटे हाथ वाले महीने भर में होगा सुडोल, जान लें यहां

हालाँकि, विशेषज्ञ यह भी मान रहे हैं कि यह तकनीक अल्जाइमर का इलाज नहीं करती है और मस्तिष्क को होने वाले नुकसान से भी छुटकारा नहीं दिला सकती है, लेकिन यह बीमारी के बढ़ने की गति को धीमा करने में मददगार साबित हो सकती है। इस शोध में अल्जाइमर के लिए नई मानक की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

बता दें कि अब तक अल्जाइमर की स्पीड को धीमा करने के लिए डोनानेमैब और लेकनेमैब जैसी दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। विशेषज्ञ को उम्मीद है कि यह नई क्लिनिक भविष्य में अल्जाइमर रोग के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

बता दें कि अल्जाइमर बीमारी होने पर मरीज की हाल की घटनाएं या बातचीत को भूल जाना लगता है, और समय के साथ वह हर छोटी-बड़ी बातें भूल जाता है और दोस्तों के साथ बातचीत करने में काफी परेशानी होती है।


Source link

Back to top button