दुनियां – रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई चर्चा – #INA
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से मुलाकात की. ये चर्चा लाओस के विएंतियाने में 11वें आसियान डिफेंस मिनिस्टर्स मीटिंग-प्लस (ADMM-Plus) के दौरान हुई. यह बैठक दोनों देशों के बीच हाल ही में लद्दाख क्षेत्र में सैन्य वापसी और तनाव कम करने के लिए हुए समझौतों के बाद पहली बार हुई है. इस बैठक में सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के साथ-साथ कई मुद्दों पर चर्चा हुई.
बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन जैसे विशाल देशों के शांतिपूर्ण संबंध न केवल एशिया बल्कि वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण हैं. साथ ही उन्होंने कहा, ‘हमें सहयोग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, संघर्ष पर नहीं.’ इस बैठक में 2020 के सीमा संघर्ष की घटनाओं से सबक लेकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और विश्वास बहाली के उपायों पर सहमति बनी.
सैनिकों की वापसी पर हुई चर्चा
राजनाथ सिंह ने हाल ही में डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी और गश्त फिर से शुरू करने की प्रक्रिया की समीक्षा की. इस प्रक्रिया में दोनों पक्षों ने वार्ता के जरिए सीमा विवाद के समाधान की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए हैं. रक्षा मंत्री ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने के लिए निरंतर संवाद और सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया.
एडीएमएम-प्लस बैठक में भागीदारी
राजनाथ सिंह की विएंतियाने यात्रा का मुख्य उद्देश्य ADMM-Plus बैठक में भाग लेना है, जिसमें भारत समेत 10 आसियान देशों और इसके आठ संवाद साझेदार शामिल हैं. इस मंच पर क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी. राजनाथ सिंह 21 नवंबर को इस मंच पर भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे और रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की दिशा में अपनी बात रखेंगे करेंगे.
शांति बनाए रखने पर दिया जोर
चीनी रक्षा मंत्री के साथ हुई वार्ता में दोनों पक्षों ने भविष्य में विश्वास बहाली के लिए एक रोडमैप तैयार करने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने पर सहमति व्यक्त की. राजनाथ सिंह ने सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि यह दोनों देशों के आपसी संबंधों में सुधार के लिए अनिवार्य है.
रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन के संबंधों में सुधार से वैश्विक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. इस बातचीत को भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक सकारात्मक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, जहां दोनों पक्ष सहयोग को प्राथमिकता देने और संघर्ष से बचने के लिए प्रतिबद्ध दिखे.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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