Political – JK Elections: 98 फीसदी मुस्लिम… तो इस्लाम को कैसा खतरा? गुलाम नबी आजाद को ऐसा क्यों कहना पड़ा?- #INA

गांदरबल में रोड शो के दौरान गुलाम नबी आजाद

Jammu Kashmir Elections 2024: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान पूरा हो चुका है. दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर को होना है. डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में कई रैलियों और रोड शो में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने अनुच्छेद 370, धर्म और इस्लाम के मुद्दे और राजनीतिक दलों के बीच प्रतिस्पर्धा पर खुलकर बात की.

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में रोड शो के दौरान गुलाम नबी आजाद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजनीतिक दल उनके प्रतिस्पर्धी हैं न कि कोई व्यक्ति विशेष. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि यहां चुनाव हो रहे हैं लेकिन दुख की बात है कि चुनाव के मुद्दे नहीं बदले हैं. आज भी स्कूल और शिक्षा कोई मुद्दा नहीं है बल्कि इस्लाम खतरे में है… यही मुद्दा है. आजाद ने कहा कि जहां मुसलमान 98 फीसदी हैं. वहां विपक्ष के लोग कह रहे हैं कि इस्लाम खतरे में है.

अनुच्छेद 370 के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी

डीपीएपी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने गांदरबल के न्यू सूमो स्टैंड में रोड शो में शामिल हुए. जहां उन्होंने अनुच्छेद 370 के बारे में भी बात की. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने अनुच्छेद 370 और राज्य के दर्जे के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी. उन्होंने कहा, ‘संसद में किसी को भी तब तक पता नहीं था जब तक मैंने नहीं कहा कि अनुच्छेद 35ए आजादी से पहले की बात है.’ रोड शो के बाद गुलाम नबी आजाद ने बीहमा चौक पर एक जनसभा को भी संबोधित किया.

उन्होंने कहा, ‘यह खुशी की बात है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव हो रहे हैं लेकिन दुख की बात है कि यह पहले नहीं हुआ. मुझे लगा था कि इस चुनाव में मुद्दे बदल जाएंगे लेकिन दुर्भाग्य से मुद्दे नहीं बदले.’ उन्होंने कहा कि उन्हें वही नारे सुनने को मिल रहे हैं जो वह कॉलेज के दिनों में चुनावों में लगाते थे. सड़कें, स्कूल और शिक्षा मुद्दे नहीं हैं लेकिन इस्लाम खतरे में है. यह निश्चित रूप से एक मुद्दा है. उन्होंने कहा कि इस्लाम खतरे में कैसे हो सकता है?

5 फीसदी मुसलमान वहां भी उन्हें कोई खतरा नहीं

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि दुनिया में कई बड़ी ताकतें आईं लेकिन इस्लाम को खत्म नहीं कर पाईं, अब यह कैसे खत्म हो सकता है? उन्होंने कहा कि वह बीजेपी का विरोध इसलिए करते हैं क्योंकि वह लोगों को धर्म के आधार पर बांटते हैं, लेकिन यहां भी लोग यही कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि वह भी लोगों को धर्म के नाम पर बांट रहे हैं.

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डीपीएपी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा कि देश में जहां मुस्लिम आबादी सिर्फ 5 फीसदी है, वहां भी उन्हें कोई खतरा नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि लेकिन जम्मू-कश्मीर में जहां मुस्लिम 98 फीसदी हैं. वहां पर वे (कांग्रेस-जेकेएनसी गठबंधन) कह रहे हैं कि इस्लाम खतरे में है…

जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को हो चुका है. दूसरा चरण 25 सितंबर को है, जबकि तीसरे चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होगा. नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे.

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