Political – महाराष्ट्र की राजनीति में तीसरी पीढ़ी की एंट्री, दो पूर्व CM के पोता-पोती पर BJP ने खेला दांव- #INA

संभाजी पाटील निलंगेकर और श्रीजया चव्हाण

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने 99 उम्मीदवारों का नाम घोषित कर दिया है. बीजेपी ने कई सीटों पर दिग्गज नेताओं के बेटे-बेटियों को उतारा है, जिसमें दो नाम ऐसे हैं जो तीसरी पीढ़ी के नेता है. श्रीजया चव्हाण को भोकर सीट से प्रत्याशी बनाया है तो संभाजी पाटील निलंगेकर को निलंगा सीट से प्रत्याशी बनाया है. इन दोनों ही नेताओं को सियासत परिवार से विरासत में मिली है. ऐसे में देखना है कि अब दोनों ही सियासी परिवार की तीसरी पीढ़ी क्या सियासी गुल खिलाती है?

बीजेपी प्रत्याशी श्रीजया चव्हाण के पिता अशोक चव्हाण और दादा शंकरराव चव्हाण दोनों ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं. ऐसे ही संभाजी पाटील निलंगेकर के दादा भी शिवाजी पाटिल निलंगेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. दोनों ही सियासी परिवार मराठवाड़ा क्षेत्र से आते हैं. श्रीजया चव्हाण नांदेड़ जिले से हैं तो संभाजी पाटिल के परिवार का दबदबा लातूर जिले में रहा है. मराठवाड़ा ही नहीं महाराष्ट्र की सियासत में भी चव्हाण परिवार और निलंगकर फैमिली की अपनी ताकत रही है.

भोकर में अभी तक अपना खाता नहीं खोल पाई है बीजेपी

भोकर महाराष्ट्र की ऐसी विधानसभा सीट है जिस पर अभी तक बीजेपी का कमल नहीं खिल सका है. इस सीट पर बीजेपी की सहयोगी शिवसेना चुनाव लड़ती रही है. श्रीजया के पिता अशोक चव्हाण एक लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज किए थे. यह सीट चव्हाण परिवार की परंपरागत सीट रही है. अशोक चव्हाण के पिता शंकरराव चव्हाण यहां से जीतकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं.

अशोक चव्हाण की पत्नी अमिता अशोकराव चव्हाण 2014 के चुनाव में भोकर सीट से जीतकर विधानसभा पहुंच चुकी थी और अब बेटी श्रीजया चव्हाण की सियासी लांचिंग भोकर सीट से हो रही है. कांग्रेस के लिहाज से यह सीट काफी मुफीद रही है, लेकिन चव्हाण परिवार के बीजेपी में जाने से इस बार कमल खिलने की उम्मीद दिख रही है.

संभाजी पाटील तीसरी पीढ़ी के नेता

मराठवाड़ा की सियासत पर निलंगेकर परिवार का दबदबा रहा है. निलंगेकर परिवार से आने वाले संभाजी पाटील निलंगेकर तीसरी पीढ़ी के नेता है, जिन्हें बीजेपी ने लातूर जिले की निलंगा सीट से प्रत्याशी बनाया है. संभाजी पाटील के दादा शिवाजी निलंगेकर 1985-86 में महाराष्ट्र के सीएम रहे हैं. निलंगेकर परिवार का सबसे ज्यादा प्रभाव लातूर इलाके में है. लातूर जिले की निलंगा विधानसभा सीट पर 1999 से अब तक निलंगेकर परिवार के सदस्य ही चुने जाते रहे है.

संभाजी पाटील तीसरी बार चुनाव मैदान में

निलंगेकर परिवार राजनीतिक विरासत उनके बेटे दिलीप निलंगेकर ने संभाली. शिवाजी पाटील के पोते संभाजी पाटील निलंगेकर के हाथों में अब उनकी सियासत है. बीजेपी के टिकट पर तीसरी बार संभाजी पाटील चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. 2014 और 2019 में बीजेपी से विधायक चुने गए हैं और फडणवीस सरकार में मंत्री भी रहे हैं. इस सीट पर निलंगेकर परिवार की सियासी पकड़ को देखते हुए बीजेपी ने संभाजी पाटिल पर दांव खेला है.

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