उजियारपुर में मनरेगा की योजनाओं में 70 से 90 प्रतिशत राशि की लूट ही लूट ! कौन है जिम्मेदार ।
मनरेगा लूट की दास्तान पुरानी है मजदूरों को भुखमरी से बचाने के लिए बना रोजगार गारंटी कि यह कानून अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के लिए महज लूट का खजाना है । मनरेगा लूट आइटम नंबर वन - कोई तो बताए पीएम आवास योजना के लाभार्थियों को मिलने वाली मजदूरी की राशि किसके खाते में गई !
उजियारपुर,18 अगस्त 2024 । मनरेगा कानून को यूपीए सरकार सरकार ने 2005 में गांव – पंचायतों में मजदूरों के लिए 100 दिनों के लिए रोजगार गारंटी कानून के रूप में लेकर आई ताकि किसी परिवार के कोई सदस्य काम पाकर अपने परिवार को भुखमरी से बचा सके। मगर, अब मनरेगा कि योजनाओं में लूट ही लूट का बोलबाला है , किसान अपने निजी जमीन में वृक्षारोपण कार्य इसलिए करवाना चाहते हैं ताकि आड़ -मेड़ पर पीलर और तार सरकारी खर्च से लगा दिया जाएगा। परंतु पीलर तो पपीता के पेड़ से भी कमजोर लगाया जाता है जिसे महज छह: साल का विद्यालय कि शुरुआत करने वाला बच्चा भी हिला- डुला दे तो टुट कर उसके सामने ही चित- पटंग हो जाता है। यह बात अलग है कि निजी जमीन में वृक्षारोपण कार्य करवाने वाले किसानों को वन पोषक के रूप में मिलने वाली मज़दूरी की राशि का कितना हिस्सा उनको प्राप्त हुआ है। कहीं ऐसा तो नहीं कि माल महाराज का और मिर्जा खेले होली …
अभी तो केवल और केवल एक पंचायत मालती जिसने पिछले चार वर्षों में मनरेगा से मज़दूरी के नाम पर एक करोड़ सत्तरह लाख तिरेपन हजार आठ सौ तेरह रूपए निकासी किया है। कार्य स्थल पर योजना कि भौतिक सत्यापन कराइए या फिर वे मजदूर जिनके खाते से मज़दूरी की राशि निकासी किया गया है उनको ग्राम सभा लगाकर जनता के सामने कहलवा दीजिए कि उन लोगों ने काम किया है अथवा नहीं। मिट्टी भराई, सरकारी जमीन में वृक्षारोपण, पशु शेड, सोखता निर्माण में गबन की बात को दूसरे… तीसरे… चौथे… आइटम में प्रूफ के साथ खुलासा किया जाएगा। अभी पीएम आवास योजना में मनरेगा लूट कि बात कर लेते हैं सर्वसाधारण को यह जानकारी है कि आवास योजना में बीडीओ के डोंगल से लाभार्थियों के खाते में तीन किश्तों में एक लाख बीस हजार रुपए घर बनाने के वास्ते दिए गए हैं यह बात दीगर है कि 15 से 20 हजार रुपए पहले हीं घूस में वसूल लिया जाता है। ऊपर से, मनरेगा के तहत आवास योजना के लाभार्थियों को मिलने वाली मज़दूरी कि राशि पंचायत रोजगार सेवक, विचौलिया तथा उजियारपुर पीओ कार्यालय ने किसी और के खाते में भेजवा कर गबन कर लिया है। मो० सफाक पिता -मौलवी हाजी के आवास योजना में मनरेगा से मिलने वाली मज़दूरी कि राशि 17 हजार रुपए किसी गैर के खाते में डाल कर निकासी कर लिया गया है। इसी तरह कौशल्या देवी ससुर- रामस्वरूप सिंह के आवास योजना में 16 हजार रुपए बतौर मजदूरी दूसरे के खाते पर भेज कर निकासी कर लिया गया है। सुरेखा देवी पति वसंत पासवान के आवास योजना में मज़दूरी की राशि 23638/- रुपए किसी दूसरे के खाते पर निकासी कर लिया गया है।
जीनत प्रवीण स्व० शमशेर के आवास योजना में मनरेगा से मिलने वाली मज़दूरी कि राशि दूसरे के खाते में भेजवा गबन कर लिया गया है। शहीदन खातुन पति स्व० नसीर के आवास योजना में मनरेगा की मज़दूरी का गबन कर लिया गया है। उषा देवी पति – लाल बाबू गिरि के आवास योजना में मनरेगा से मिलने वाली मज़दूरी कि राशि 15100/- रूपए निकासी कर लिया गया है। कंचन देवी पति हरदेव गिरि के आवास योजना में मनरेगा से मिलने वाली मज़दूरी कि राशि का गबन कर लिया गया है। मदन साह वार्ड नंबर -03 ,मंजू साह वार्ड नंबर -01, मदीना खातुन वार्ड नंबर -01, महेश्वरी देवी रामचन्द्र राम वार्ड नंबर -03 को आवास योजना में मनरेगा से मिलने वाली मज़दूरी कि राशि का दूसरे के खाते पर निकलवा कर गबन कर लिया गया है। महज,दर्जन भर आवास योजना के लाभार्थी नहीं हैं जिनको मनरेगा से मिलने वाली मज़दूरी कि राशि का गबन किया गया है बल्कि लाभार्थियों जिनकी मज़दूरी का गबन किया गया है इनकी संख्या 100 से भी ज्यादा है। 22 अगस्त 2024 को मनरेगा में भ्रष्टाचार के खिलाफ भाकपा-माले प्रखंड मनरेगा कार्यालय सहित मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के तहत 70 हजार से कम के आय प्रमाण पत्र जारी करने ताकि हर गरीब परिवार को 2 लाख रुपए सरकारी सहायता का लाभ मिल सके, दूसरी तरफ आहर पोखर के भिंडा पर वसे भूमिहीन परिवारों को आवासीय जमीन देने आदि मांगों को लेकर अंचल अधिकारी के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने जा रहा है।