मिथिला विकास प्राधिकरण बनाने की मांग जायज: धीरेंद्र झा!

रिपोर्ट अमरदीप नारायण प्रसाद

पटना: भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य और मिथिलांचल प्रभारी धीरेन्द्र झा ने कहा है कि भाजपा-नीतीश राज में मिथिला लेबर सप्लाई जोन बन गया है। इलाके के सारे उद्योग-धंधे एक-एक कर बंद हो गए। बाढ़-सुखाड़ की मार झेलने को जनता अभिशप्त है। कोसी-मेची नदी जोड़ परियोजना से मिथिला, कोसी, पूर्णिया को कोई लाभ मिलने वाला नहीं है। कृषि आधारित उद्योग, बाढ़-सुखाड़ का स्थाई निदान, तालाबों का जीर्णोद्धार, वेट लैंड एरिया का डेवलपमेंट, दलितों-गरीबों के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी, केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण आदि सवालों को लागू करके ही मिथिला का विकास हो सकता है।

इस संदर्भ में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के द्वारा मिथिला विकास प्राधिकरण का प्रस्ताव लाना स्वागत योग्य कदम है। भाकपा-माले इस दिशा में लगातार आवाज उठाती रही है। कई विकास सम्मेलन हुए हैं। जल्द ही व्यापक भागीदारी वाला मिथिला विकास सम्मेलन आहूत किया जायेगा।

जेडीयू नेता के बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि दलितों खासकर मुसहरों की जमीन हड़पने वाले लोग मिथिला विकास के विरोधी हैं। 20 वर्षों से सत्ता में रहने वाले लोग बताएं कि मिथिला में कितने बंद कारखाने चालू हुए अथवा नए खुले हैं?

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