यूपी – चलती कार में कत्ल: साले ने जीजा की बहन को भगाकर की थी शादी, डेढ़ साल पहले रची साजिश…10 लाख में कराई हत्या – INA

हमीरपुर जिले में चलती कार में महिला की हत्या के मामले में पकड़े गए आरोपी धर्मेंद्र ने बेइज्जती का बदला लेने के लिए अपनी बहन अमन व साले सूरज के परिवार को खत्म करने की साजिश डेढ़ साल पहले रची थी। इसी समय अपराधी चतुर सिंह जेल से छूटकर बाहर आया था। पेशी पर आने-जाने के दौरान धर्मेंद्र की किसी के माध्यम से चतुर सिंह से मुलाकात हुई थी। पुलिस की डेढ़ घंटे की पूछताछ में आरोपी ने सारे राज उगल दिए।  एसपी के अनुसार, धर्मेंद्र ने पूरी साजिश रची थी।

उसने ही सूरज की फोटो दिखाकर चतुर सिंह को उससे निकटता बढ़ाकर एक साथ पूरे परिवार का खात्मा करने की मांग की थी। चतुर सिंह ने धर्मेंद्र को वीर सिंह से भी मिलवाया था। इस काम के बदले में पहले एक या दो प्लॉट देने की बात कही, बाद में दस लाख रुपये में बात तय हुई। इसके बाद चतुर सिंह ने पूरी साजिश रची। अब तक धर्मेंद्र करीब तीन लाख रुपये खर्च कर चुका है। सूरज के बगल में किराये पर चतुर सिंह द्वारा लिए गए कमरे का किराया भी धर्मेंद्र अदा करता था। इसके अलावा घूमने के लिए कार का भाड़ा और अन्य खर्च भी देता था।


मुख्य आरोपियों से दूर पुलिस ने खुलासा कर बचाई लाज
वारदात के 16 दिन बीतने के बाद भी पुलिस मुख्य आरोपी चतुर सिंह व वीर सिंह को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इसके बाद मामले के मास्टर माइंड महिला के भाई को गिरफ्तार मामले का खुलासा कर दिया। हालांकि पुलिस पहले भी खुलासा कर सकती थी, लेकिन कार चालक संजीव के गुमराह करने पर अब तक भटकती रही। आरोपी धर्मेंद्र के अनुसार, कार चालक संजीव को दस लाख रुपये में से एक लाख रुपये मिलने थे। इसका मतलब है कि कार चालक पूरे मामले से अवगत था, लेकिन उसने झूठ बोलकर पुलिस को गुमराह किया।


बहन चली गई थी तो चली जाती फिर क्यों आ गई: धर्मेंद्र
धर्मेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी साल 2007 में सूरज की बहन से हुई। जबकि उसकी बहन अमन की शादी 2002 में कथरी थाना सट्टी गांव में हुई थी। साल 2011 में अमन सूरज के साथ भागकर गुजरात में रहने लगी। बाद में दोनों ने शादी कर ली। बताया कि तब वह पेट्रोलपंप में काम करता था। उसके पास इतने रुपये नहीं थे कि वह बेइज्जती का बदला ले सके। बाद में अमन लौटकर कानपुर आ गई और ससुराल भी जाने लगी। इस बीच वह प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने लगा था। पैसा कमा लिया था। उसने कहा कि बहन चली गई थी, तो लौटकर क्यों आई। उसे वापस नहीं आना चाहिए था। वह वापस आई इससे वह खुद को अपमानित महसूस करने लगा। इसीलिए उसकी हत्या की साजिश रची।


16-17 साल बड़े दो बच्चों के पिता से हुई थी अमन की पहली शादी
महिला अमन की शादी उससे उम्र में 16-17 साल बड़े दो बच्चों के पिता से शादी कर दी गई थी। यह बात अमन को नहीं भायी और अपने भाई धर्मेंद्र की शादी के बाद उसके साले सूरज से प्रेम प्रसंग के चलते उसके साथ चली गई। बेमेल शादी के लिए धर्मेंद्र ने बताया कि उस समय उसकी माली हालत ठीक नहीं थी। छह बहनों की शादी के बोझ ने उसे ऐसा करने के लिए विवश कर दिया था।


मास्टरमाइंड कोई और होने की जताई थी आशंका
अमर उजाला ने हत्या में किसी तीसरे के शामिल होने व मास्टर माइंड होने की आशंका जताई थी। इससे संबंधित खबर को 25 सितंबर के अंक में कुछ अनसुलझे सवाल हेडिंग से प्रकाशित किया था। खुलासे के बाद अमर उजाला की आशंका सच साबित हुई है। पुलिस ने कार चालक संजीव को रिमांड पर लेने के बजाय न्यायिक हिरासत में 24 सितंबर को जाने दिया था, जबकि वह मामले को जानता था। वह मिलने वाली सुपारी में से एक लाख रुपये का हिस्सेदार था। इसका खुलासा धर्मेंद्र ने किया है। इसी तरह वारदात में मास्टर माइंड कोई और निकला है। चतुर सिंह उसके इशारे पर ही काम कर रहा था।


अमन का गला घोंटकर शव झाड़ियों में छिपाया था
राठ कस्बे से गोहांड की दूरी 12 किमी है। आरोपियों ने सूरज के साथ राठ से करीब तीन से चार किमी की दूरी पर वारदात की थी। इसके बाद सूरज के बेटे रामजी को गोहांड कस्बे से पहले मरणासन्न हालत में फेंक दिया था। वहीं, गोहांड कस्बे में 100 मीटर . स्थित सीएचसी के पास सड़क के किनारे खेतों में अमन का गला घोंटकर फेंका था। उसके सिर पर वार कर शव झाड़ियों में छुपा दिया था। इसके बाद बच्ची परी को ले जाकर औरैया में इंडियन ऑयल चौकी के पास से छोड़ दिया था।


शादीशुदा अमन को भगाकर सूरज ने की थी शादी
पूछताछ में धर्मेंद्र ने बताया कि उसकी बहन अमन की पहली शादी वर्ष 2002 में हुई थी। वर्ष 2011 में उसका साला सूरज उसकी विवाहित बहन अमन को उरई से भगा ले गया था। दोनों छिपकर बहुत दिनों तक गुजरात में रहे। बाद में दोनों ने शादी कर ली और कानपुर के गुजैनी में आकर रहने लगे। करीब ढाई वर्ष पूर्व अमन के बेटी होने के बाद वह अपनी ससुराल आने-जाने लगी और जमीन बलकट पर देने का काम कर खुशहाल जीवन जीने लगी। इससे उसे अपनी बेइज्जती महसूस होने लगी। धर्मेंद्र ने बताया कि उसने अमन उर्फ मीनू व उसके परिवार की हत्या की साजिश रची। उसने अपराधी चतुर सिंह व वीर सिंह से हत्या करने के लिए 10 लाख रुपये में सुपारी तय की। इसके बाद चतुर सिंह सूरज के कमरे के बगल में किरायेदार बनकर रहने लगा। वह एक बार सूरज के परिवार को चित्रकूट दर्शन करा लाया था। भरोसा जीतने के बाद उसने वारदात को अंजाम दिया।


टीम को 25 हजार का पुरस्कार
जरिया थाना प्रभारी भरत कुमार ने बताया कि गोहांड तिराहे से आरोपी धर्मेंद्र और जगमोहन उर्फ कल्लू की गिरफ्तारी की गई है। टीम में निरीक्षक भरत कुमार, हेड कांस्टेबल शिवेंद्र सिंह, कांस्टेबल कपिल कुमार, बृजेश कुमार, एसओजी प्रभारी सचिन शर्मा, कांस्टेबल उमाशंकर शुक्ल, अतुल कुमार, शक्ति सिंह, सुरेंद्र मिश्रा, अतुल कुमार रहे। एसपी डॉ. दीक्षा शर्मा ने टीम को 25 हजार का पुरस्कार देकर सम्मानित किया है। एसपी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर हुई 20 हजार की लूट घटना को लेकर एसओजी टीम को प्रशस्ति पत्र देकर प्रशंसा की।


ये था पूरा मामला
जरिया थानाक्षेत्र में गोहांड कस्बे के पास बीती 21 सितंबर की रात एक महिला की चलती कार में गला कसकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले का पुलिस ने बुधवार को 16 दिन बाद खुलासा किया है। हत्या कराने की साजिश रचने वाला महिला का सगा भाई निकला। उसने बहन के भागकर उसके साले के साथ शादी रचाने की खुन्नस में उसकी हत्या पेशेवर अपराधियों को दस लाख रुपये की सुपारी देकर कराई है। पुलिस ने महिला के भाई और एक अन्य आरोपी को जेल भेजा है। वहीं, कार चालक को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है। हत्या के दो मुख्य आरोपी त्रिभुवन उर्फ चतुर सिंह और वीर सिंह अब भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।


पेशेवर हत्यारों से कराई थी बहन की हत्या
एसपी डॉ. दीक्षा शर्मा ने बुधवार को मीडिया को बताया कि कानपुर के थाना चौबेपुर के मदारीपुर गांव निवासी सूरज ने 22 सितंबर को जरिया थाने में तहरीर दी थी। उसने बताया था कि वह गुजैनी के प्लॉट 3 बी में परिवार सहित रहता है। उसके कमरे के बगल में बतौर किरायेदार रहने वाले त्रिभुवन सिंह के कहने पर 21 सितंबर को पत्नी अमन उर्फ मीनू, बेटे रामजी व बेटी परी समेत किराये की कार से चित्रकूट जा रहे थे। साथ में, त्रिभुवन का साथी वीर सिंह और कार चालक के अलावा फूफा नाम का व्यक्ति था। चलती कार में फूफा ने उसे मारने के लिए उसके गले को गमछे का फंदा लगाकर कस दिया।


गोहांड कस्बे के पास से बरामद किया था शव
इस पर वह अचानक गाड़ी का दरवाजा खोलकर कूद गया। इसके बाद आरोपी उसकी पत्नी, बेटे व बेटी को लेकर भाग गए। पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर बेटी परी व बेटे रामजी को खोज लिया था। वहीं, कानपुर देहात के टोल प्लाजा में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पकड़ी गई कार के चालक संजीव की निशानदेही पर अमन उर्फ मीनू का शव 23 सितंबर की सुबह गोहांड कस्बे के पास से बरामद किया था। इसके बाद अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस की चार टीमें जांच में जुट गईं। तथ्यों के आधार पर महिला अमन के भाई धर्मेंद्र निवासी खलीलपुर बाराजोर थाना अकबरपुर कानपुर देहात और जगमोहन उर्फ कल्लू निवासी महकापुर थाना सट्टी जनपद कानपुर देहात को गिरफ्तार किया गया।


Credit By Amar Ujala

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