सेहत – ताकत का डबल डोज है ये हरी सब्जी, गोदाम भंडार के साथ इम्युनिटी बढ़ाने में भी है कमाल

नैनीताल: प्रकृति में अनेक प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। नारियल का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। हरी जड़ी-बूटी में बथुआ शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है।

इस सब्जी में आयरन, कैल्शियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, बी-6 और विटामिन सी की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो हमारे शरीर को कई तरह से स्वस्थ बनाती है। बथुआ के सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। साथ ही आरंभ के लिए भी अत्यंत मूल्यवान है।

वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर ने बताया
उत्तराखंड के ऑटोमोबाइल स्थित डीएसबी कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. बथुआ बांस के दिनों में अंतिम अंतिम चित्र देखे जाते हैं। इसके साथ काम किया जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम चेनोपोडियम एल्बम (चेनोपोडियम एल्बम) है। बथुआ बेहद महत्वपूर्ण सब्जी है. यह पूर्वी सीज़न तक केवल तीन महीने ही चलता है। बथुआ कई गोलियों को दूर करता है। इसे भारत में कई किले से जाना जाता है। उन्होंने बताया कि इसे लैप क्वार्टर, गुजरात में चिल एंड व्हाइट गुसपुट के नाम से जाना जाता है।

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है
प्रोफेसर शिक्षक हैं कि बथुआ आयरन का बहुत बड़ा स्रोत है। इसका नवीनतम में तेल है. इसमें एल्यूमीनियम की मात्रा भी शामिल है। आयुर्वेद के अनुसार बथुआ पित्त रोग बेहद खतरनाक है। इसके अलावा बथुआ के सेवन को मजबूत बनाने वाली संस्थाएं हैं, जो कि लिवर से संबंधित शेयरों के लिए बेहद लोकप्रिय है। इसके अलावा इसका नियमित सेवन शरीर की सीलन क्षमता और बथुआ को पाचन शक्ति बढ़ाने वाला, कब्ज दूर करने वाला माना जाता है। यह लोगों के गले की मिठास बनाए रखता है। इसके साथ ही मूत्र संबंधी घटकों को दूर किया जाता है और आमाशय को भी ताकत प्रदान की जाती है।

पोषक तत्व की खान है बथुआ
शिक्षक शिक्षक बथुआ बॉडी को मानकीकृत करते हैं। इसके साथ ही इसमें आयरन, मैग्नीशियम, मैग्नीज, विटामिन बी, विटामिन बी-3, विटामिन बी-5, विटामिन बी-6, विटामिन सी की मात्रा पायी जाती है। बथुआ का सेवन खाली पेट करना बेहद फायदेमंद होता है। पहाड़ में बथुए का रायता पराठा बेहद प्रसिद्ध है। जो खास तौर पर राई और दही के साथ बनाई जाती है।


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