सेहत – इंसानों को अलग-अलग नजरों से देखते हैं ये साइकेट्रिस्ट, साइकोट्रिस्ट लेकर आए हैं ये बेहतरीन टिप्स
रिपोर्ट-नीरज राज
: उत्तर प्रदेश के 30 साल के डॉ. अनुराग पाठक अपने जिलों में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं। आपकी आयु से लेकर अधिकतम क्षमता क्षमता तक बनाए रखने वाले अनुराग पाठक चार देशों से डॉक्टरेट की मांद डिग्री प्राप्त कर चुके हैं। इनमें अमेरिका, इराक, अल्जीरिया, टैक्सेस फ्लोरिडा शामिल हैं। अन्य देशों से भी विशेषज्ञ उच्च पदस्थ सम्मान प्राप्त कर चुके हैं।
अनुराग पाठक छह सागर के बारे में जानते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर भी कई सम्मान मिल चुके हैं। भौतिक एवं आध्यात्मिकता की सूक्ष्म समझ रखने वाले पाठक विषय वस्तु का विश्लेषण बड़े पैमाने पर ही सुसंगत से करते हैं। उनका मानना है कि सभी धर्म ग्रंथों का सार एक ही है। यदि सूक्ष्मत: से सबका मन-चिंतन, अध्ययन किया जाए तो विभेद नाम की कोई वस्तु ही नहीं है। मानव और मानव के प्रति इसका दृष्टिकोण सार्वभौम है। सभी एवं मानव एक हैं अपने प्राकृतिक रूप से विभेदित करना।
प्रारंभिक, जीवन ग्रामीण परिवेश
डॉ. अनुराग पाठक बताते हैं कि उनका प्रारंभिक शिक्षा जिले के गौरव विकासखंड के ग्राम बैदोलिया का प्राथमिक विद्यालय हुआ। उनके कोचिंग से टीचर थे। उनके जीवन में एक नया बदलाव तब आया जब वह ग्रामीण परिवेश को छोड़कर 2008-2009 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ गये। उनके सम्पर्क में अच्छे-अच्छे आये जहाँ से वे ओशो पी.जी. संस्था में भी ज्ञान प्राप्त कर सके। इसके बाद वह ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सानिध्य में भी रह रहे हैं और उसी के साथ वह ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए बौद्ध भिक्षु “मौंक” भी रहे हैं।
क्या उपलब्धियाँ हैं
डीए0 अनुराग पाठक पोर्टफोलियो से मोटिवेशनल स्टार्स एवं साइकेस्ट्रिस्ट हैं। चार देशों से डॉक्टरेट की मानक डिग्री मिलिंग है। उन्होंने 800 मानसिक विचारधारा को अपनी सलाह से स्वस्थ बताया। उनके फेल की शर्त का मुख्य कारण मानसिक स्थिति एवं धारणाएं हैं जिसके कारण वह धीरे-धीरे भौतिक क्रियाकलापों में शामिल हो जाती हैं और मनोवैज्ञानिक बीमारी के रूप में हमें देखने को मिलती हैं। कई देशों में अनुराग पाठक के लेख समय-समय पर प्रकाशित होते रहते हैं।
मनोवैज्ञानिक के बारे में सुझाव
मनोवैज्ञानिक मनोविज्ञान या मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े पहलू हैं, जो किसी भी व्यक्ति की राय, भावना और व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें कई प्रकार के रोग शामिल हैं।
अवसाद (अवसाद): एक गंभीर मानसिक स्थिति जिसमें व्यक्ति का पतन, उदासी और आत्म-संवेदन की कमी महसूस होती है। यह दैनिक सहभागिता से प्रभावित हो सकता है.
एंजायति विकार (चिंता विकार): इसमें अत्यधिक और लगातार चिंता, डर, या बेचैनी महसूस होती है, जो व्यक्ति की सामान्य जीवन शैली प्रभावित हो सकती है।
बाइपोलर डिसऑर्डर (मनोमेनिया डिसऑर्डर): मूड के तीव्र उभार- उभार होते हैं, जिसमें गहन आनंद से लेकर गहरी गिरावट तक शामिल हो सकते हैं।
स्किज़ोफ्रेनिया: यह एक गंभीर मानसिक बीमारी है जिसमें व्यक्ति की वास्तविकता से जुड़ी समस्याएं होती हैं, जैसे कि मतिभ्रम और अलौकिक सोच।
ओमीडी (ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर): इसमें व्यक्ति बार-बार अकारण विचारों या कृतियों को दोहराने की आदत में फंस जाता है।
डॉक्टर अनुराग की सलाह
सहायता प्राप्त करें: यदि आप या कोई व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या से जूझ रहा है तो उसके लिए पेशेवर की मदद लेना जरूरी है। एक मनोवैज्ञानिक या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।
स्वस्थ पशुधन अपनाएँ: नियमित व्यायाम, दीर्घकालिक आहार, और पर्याप्त नींद मानसिक स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है।
समर्थित व्यावसायीकरण में शामिल हों: मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे लोगों के लिए कई सहायक समूह और संगठन उपलब्ध हैं। इनमें शामिल होने से सामाजिक समर्थन मिल सकता है।
मनोचिकित्सा और औषधि: कई मनोवैज्ञानिक दवाओं का इलाज मनोचिकित्सा (थेरेपी) और मसालों के संयोजन से किया जा सकता है। यह उपचार विशेषज्ञ द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए।
ग्रेड बनाये रखें: मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण रखना और आत्म-संवेदनशीलता बनाए रखना भी सहायक हो सकता है।
यदि ऐसे किसी भी व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो तत्काल एवं पेशेवर सहायता प्राप्त करना आवश्यक है।
पहले प्रकाशित : 3 सितंबर, 2024, 17:34 IST
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