सेहत – गज़ब! डॉक्टर ने स्वस्थ बनाने की राह नई तरकीब बनाई, घर बैठे ही शुरू कर दी ड्रैगन की खेती

कन्नौज: अब कोलोनी नगरी ड्रैगन में ड्रैगन की भव्यता लहलहाओगी। इसकी खेती से लेकर किसानों की सेहत और आर्थिक तंदुरुस्ती शब्द तक। जिले में पारंपरिक खेती के लिए अब किसानों ने परमिट में खोज के लिए भी खेती की शुरुआत कर दी है।

बता दें कि वियतनाम देश के मुख्य फल ड्रैगन छिपकली से किसानों की आर्थिक मजबूती भी मजबूत होगी और सूची, मलेरिया और वायरल बुखार में कम होने वाली प्लेट प्लेट की रिकॉर्डिंग भी होगी। ये फल स्वस्थ्य होता है. इसके साथ ही बाजार में बिक्री पर अच्छी कीमत भी मिलती है।

डॉक्टर ने किसान बन की शुरुआत सबसे पहले की
कोने के तिर्वा नागालैंड के अन्नपूर्णा नगर में रहने वाले डॉ. वैभव वैभव के डॉक्टर हैं। क्षेत्र के मां अन्नपूर्णा मंदिर के पास उनके करीब 22 आरामदेह खेत हैं। अभी तक इसमें शामिल हैं, आलू और मक्का की फसलें। इस बार दैत्य कृषकों को छूट ड्रैगन की खेती शुरू कर दी गई है। मां अन्नपूर्णा मंदिर के पास 5 नक्षत्र के चाक में एक भिक्षुक क्षेत्र पर ड्रैगन तितली की पौध लगाई गई है।

इसकी व्यावसायिक विशेष जैविक खाद से होगी। इसमें प्राकृतिक या फिर कोई भी कीटनाशक दवा नहीं डाली जाएगी। पौध में एक साल बाद ही फूल आना शुरू हो जाएगा। इसके बाद फल दिखना शुरू हो जाएगा। यह पौधा करीब 5 से 6 फुट ऊंचा होगा। एक पौध में करीब दो से तीन फल एक बार में विध्वंस। एक फल करीब 200 से 300 ग्राम तक होता है. साथ ही देखने में यह फल गुलाबी रंग में खुबसूरत लगता है।

जानिए कहां होता है प्रमुख फल
एशिया में एक देश वियतनाम भी है, वहां का ड्रैगन जैसा मुख्य फल है। इसकी सबसे बड़ी खेती वियतनाम में है। इसके बाद पश्चिम बंगाल के कोलकाता में किसानों ने शुरुआत की थी. अब यूपी के किसान भी ड्रैगन की खेती करना शुरू कर रहे हैं। जिला उद्यान अधिकारी मंडल के मेवाराम और कैन के सीपी प्रोजेक्ट की देखरेख में खेती की शुरुआत हुई। कोलकाता से टाइप-सी स्तर की पौध और वियतनाम से टाइप-ए की पौध मंगाई गई है, एनओएनआई को रोपा गया है।

खेती कैसे करें
ड्रैगन का तितली देखने में बिल्कुल कैक्टस के जैसा होता है। इसमें कुछ केंट घटित होते हैं। शोध के नमूने के पोल के अनुसार की गयी। एक पोल के चारों ओर 4 उपाय बड़े चलें। 5 फुट का पौधा होने पर एक रिंग में उपाय को बांधा जाएगा। असंतत होने की कल से पौध भी तैयार कर लेगी। वहीं, इसे तैयार करने में लगभग 1 साल का समय लगा है।

जानें क्या बोले डॉक्टर
डॉक्टर वैभव के कर्मचारी कहते हैं कि वे दांतों के डॉक्टर हैं, लेकिन किसानी क्षेत्र में भी उनकी रुचि है। वहीं, पारंपरिक खेती से कुछ हटकर उन्होंने इस ड्रैगन की खेती की खेती की है। ड्रैगन की खेती की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, साथ ही लोगों के लिए एक स्वास्थ्य लाभ भी साबित होगा। यह एक ऐसा फल है, जिसमें अद्भुत औषधि गुण पाए जाते हैं।

जानिए एक भिक्षु में कतिपय श्लोक
डॉक्टर ने बताया कि इसकी खेती में बहुत सारी सावधानियां होती हैं। वहीं, जिला उद्यान विभाग से इस खेती को करने में काफी मदद मिली. उद्यान विभाग के प्रभारी सीपी आर्किटेक्चर ने इस खेती को करने के लिए उन्हें प्रेरणा दी। इसके बाद उन्होंने इसकी शुरुआत की. वहीं, इस खेती से एक जगह में करीब 4 से 5 लाख रुपए का कॉन्ट्रैक्ट हो जाता है।


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