सेहत – रात भर सोने के बाद भी पूरे दिन सोना, क्या है यह खतरे का संकेत? तुरंत जानें काम की बात
हाइपरसोमनिया के बारे में सब कुछ: सभी लोगों को स्वस्थ रहने के लिए रात को 7 से 9 घंटे तक अच्छी नींद लेनी चाहिए। कई लोग रात को 5-6 घंटे ही सो मिलते हैं, जिसकी वजह से उन्हें गंभीर नींद आ जाती है। हालाँकि कई रातों को 8-10 घंटे सोने के बावजूद नींद की कमी लोगों का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर लोग ज्यादातर नींद आने को थकावट या मेहनत से मिलते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। अगर आपको ज्यादा नींद आ रही है तो यह हाइपरसोमनिया इएनिकिव स्लीपीनेस का संकेत हो सकता है। यह कितना खतरनाक हो सकता है और लोगों के लिए खतरा सबसे ज्यादा है? अलग जान लें हैं.
क्लीवलैंड के कलाकार रिपोर्ट के अनुसार अत्यधिक स्लीपीनेस को हाइपरसोमोनोलेंस भी कहा जाता है। यह उन लोगों के लिए सामान्य कंडीशन है, जिन्हें लंबे समय तक पर्याप्त नींद नहीं मिल पाती है। अत्यधिक नींद के मामले ज्यादातर गंभीर नींद या असंतुलित नींद से संबंधित होते हैं। कुछ लोगों की थकान, अच्छी नींद के बाद भी कोई समस्या नहीं होती है। लगातार यह कंडीशन एक स्लीप डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है, जिसे हाइपरसोमनिया कहा जाता है। इस बीमारी से परेशान लोगों को पर्याप्त नींद की बीमारी भी जारी रहती है। इसे सामान्य भाषा में लेक्सिव स्लीपीपनेस भी कहा जाता है।
महिलाओं को खतरा सबसे ज्यादा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय तो हाइपरसोमनिया पुरुषों की तुलना महिलाओं में सबसे ज्यादा है। ऐसा माना जाता है कि हाइपरसोमनिया से दुनिया की लगभग 5% आबादी प्रभावित होती है। इसका निदान आमतौर पर 17 से 24 वर्ष की आयु में किया जाता है। अगर आपको हाइपरसोमनिया है, तो आप दिन में कई बार सो सकते हैं। हाइपरटेंशन आपके वर्कप्लेस और सामाजिक रूप से कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करता है। हाइपरटेंशन से आपके जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है और चिंता का खतरा बढ़ सकता है।
हाइपरसोम्निया के क्या कारण हो सकते हैं?
हाइपरटेंशन के अधिकांश मामलों में अवसाद का कारण पता नहीं चल पाता है। फैक्ट्री ने ब्रेन और सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूड में हाइपोकैट्रिन/ओरेक्सिन, डोपामाइन, हिस्टामाइन, सेरोटोनिन और गामा-एमिनोब्यूट्रिक युक्त एसिड न्यूरोट्रांसमीटर की खुराक देखी है। हाइपरसोम्निया का कारण जेनेटिक भी हो सकता है, क्योंकि इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया वाले 39% लोगों में पारिवारिक सूची होती है। कलाकार सार्कैडियन रिदम में कुछ जीन्स की भूमिका का भी पता चल रहा है जो इडियोपैथिक हाइपरसोमनिया वाले लोगों में अलग हो सकते हैं।
हाइपरसोम्निया का स्तर क्या है?
हाइपरटेंशन का पता कई तरह के स्लीप टेस्ट से लगाया जाता है। इसके इलाज की बात करें, तो हाइपरसोमनिया का कारण क्या है, इस पर प्रतिबंध है। इसमें दवा के साथ लाइफस्टाइल चैनल भी शामिल होते हैं। सबसे पहले तो हाइपरसोमनिया के दोस्तों को स्लीप पार्टनर से लेकर अपनी जांच करवानी चाहिए। इसके बाद उन्हें सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा सोने के लिए अच्छा वातावरण, आरामदायक चिड़चिड़ापन, कैफीन का सेवन कम से कम, नींद से दूरी और सीमा में बाधाएं करने जैसी कुछ आदतें भी हाइपरसोम्निया से राहत दिला सकती हैं।
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पहले प्रकाशित : 17 सितंबर, 2024, 11:05 IST
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