सेहत – इस पेड़ के पत्ते से कम नहीं है संजीवनी बूटी, अवसाद में तेजी से मिलेगा आराम; इन तालीमों में भी बेहद बेरोजगारी

हैदराबादः शीशम के पेड़ में भारत में प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इसके तन से लेकर बीज, सब्जी और जड़े सभी औषधीय गुणों से परिपूर्ण हैं। आयुर्वेद में औषधीय गुणों से भरपूर शीशम की नॉकआउट का विशेष महत्व है। इन गहरे रंगों की तासीर अनमोल होती है। ऐसे में पाचन से लेकर तनाव तक हर चीज का इलाज इन जिंक के माध्यम से किया जा सकता है। औषधीय गुणों से भरपूर ये पशु शरीर को कई प्रकार से लाभ पहुँचाते हैं।

आयुर्वेदाचार्य डॉ. स्कोर टैंवर के लक्षण सिर दर्द, तनाव और पाचन से जुड़े पहलुओं को दूर करने में बेहद उपयोगी हैं। इन बेरोजगारों की तासीर अनमोल है. इसका उपयोग कीटनाशक को पाउडर और तेल के रूप में भी किया जाता है। इसके अलावा एंटी-एकांत गुणधर्म से भरपूर इन स्टीन और बीज का लेप अवशेष का भी उपयोग किया जा सकता है।

दूर करने में तनाव
आगे उन्होंने बताया कि दिनों दिन बढ़ने वाले मानसिक तनाव और अवसाद के आह्वान को दूर करने के लिए शीशम के पत्ते बेहद सिद्ध होते हैं। ऐसे पीसकर अपनी लेप तैयार कर लें और उसे पूरा सिर पर लगा लें। इससे सिर को ठंडक दवा मिलती है. इसके अलावा इसे सिर पर लगाने से नींद आने लगती है। इससे आपके स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है और तनाव को दूर करने में मदद मिलती है।

पाचनतंत्र मजबूत होता है
शीशम की फली यानि बीज को लेकर पिसी हुई काली मिर्च के साथ फली और उसे खा लें। इसे गुनगुने पानी के साथ आधा पेट लेने से पेट का दर्द दूर होना लगता है। इसके अलावा उल्टी, दस्त, ब्लोटिंग और अपच की समस्या से भी राहत मिलती है।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


Source link

Back to top button