सेहत – पहाड़ी तोरी के दुकानदारों का ऐसे करें इस्तेमाल, पीलिया से मिलेगी राहत! पाइप्स में भी फ्लोटिंग
बागेश्वर: पहाड़ में ओबै जाने वाली में लगभग सभी प्लास्टर में प्रचुर मात्रा में औषधीय गुण पाए जाते हैं, केवल ओबै में ही नहीं बल्कि ओबै में भी कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। इनमें से एक पहाड़ी तोरई का पत्ता भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है, इसके सेवन से पीलिया की बीमारी से मुक्ति मिल सकती है।
लोक 18 से बातचीत करते हुए आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. ऐजल पटेल लोकल 18 को बताया गया कि तोरी के पत्तों का रस नाक में डाला गया से पीलिया की बीमारी से राहत मिलती है। यह त्वचा से संबंधित सुपरमार्केट में भी सॉफ्टवेयर साबित होता है। औषधि के तोरई के शिष्यों को पीसकर इस पेस्ट को स्थापित करने से लेकर दादू, कुष्ठ, शीत पित्त तक की सुविधा से आराम मिलता है।
इन टुकड़ों के इलाज में तलाक
डॉ. ऐज़ल पटेल कहते हैं कि सेहत के लिए तोराई के पत्ते कई प्रकार से बढ़िया हैं। इन विद्वानों में प्रचुर मात्रा में मात्रा पाई जाती है। इसका कारण यह है कि यहां पेट्राओल एसोसिएटेड से डिफ्रेंस किया जाता है। इसके साथ ही तोरई के पत्ते में सबसे अधिक जिगर के फूल पाए जाते हैं। तोरी के व्यापारियों को पिसेकर बवासीर के मासों से जुड़ने में आराम मिलता है। इसके डिस्चार्ज को पीसकर बाहरी रूप से लेप लगाने से सूजन कम होती है।
तोरी के दुकानदारों का ऐसे करें इस्तेमाल
डॉ. ऐजल पटेल कहते हैं कि पहाड़ों में आम तौर पर लोग तोरई के पत्तों को हरी सब्जी के रूप में इस्तेमाल करते हैं, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार तोरई के पत्तों के रस को ख़त्म कर दिया जाता है। इसका रस बूंद-बूंद कर नाक के माध्यम से पीलिया की बीमारी में आरामदेह है। इसके साथ ही तोरई के सूखे मेवे को सुखाकर इसका सूखा पेस्ट बनाकर भी प्रयोग में लाया जा सकता है। इसके साथ ही इलेक्ट्रोलाइटिक लेप का उपयोग स्किन एसोसिएटेड और एनालिटिक इलेक्ट्रोलाइट्स में भी किया जा सकता है। तोरी के दुकानदारों का काढ़ा भी बनाया जाता है, जो पाचन संबंधी विकारों के लिए हानिकारक होता है।
पहले प्रकाशित : 30 सितंबर, 2024, 14:37 IST
अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
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