सेहत – टाइ पीर का कौन सा संस्करण सबसे खतरनाक होता है? यह संक्रमण किस कारण से होता है, डॉक्टर से जान लें
कौन अधिक गंभीर है, डेंगू या टाइफाइड: क्वालिटी सीज़न में तैयार किए गए और टाइ पेपर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जूतों के बाद मच्छरों से हाथी वाली जनजातियाँ बढ़ जाती हैं, जबकि खान-पान का ध्यान रखने से भी कई तरह का संक्रमण हो सकता है। कई लोगों को लगता है कि संरचना और टायर को एक ही तरह की बीमारी है और दोनों में बुखार आ रहा है। हालाँकि, लेबल और टाइफायर दोनों में अलग-अलग तरह के संक्रमण होते हैं, लेकिन उपचार भी अलग-अलग औषधियों से किया जाता है। आज डॉक्टर से जाएंगे कि लेवल और टायर डॉक्टर में क्या अंतर है। साथ ही यह भी जानेंगे कि कौन सा साज़िश सबसे खतरनाक है।
नई दिल्ली सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस डिपार्टमेंट की ओर से डॉ. सोनिया रावत ने News18 को बताया उस संस्करण में एक वायरल इंफेक्शन है, जो मच्छर के टुकड़े से बना है। रेटिंग में लोगों को तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द और त्वचा पर दाने जैसे लक्षण नजर आते हैं। फेवर में लोगों की प्लेटलेट गिनती में तेजी से गिरावट आ रही है। चॉकलेट बुख़ार का इलाज़ नुस्खा के आधार पर किया जाता है और यह एक खतरनाक संक्रमण होता है। अगर सही समय पर इलाज का इलाज न किया जाए, तो इससे मृत्यु भी हो सकती है। ब्लड के टेस्ट की विधि निर्धारित की जाती है।
डॉक्टर ने बताया कि टाइ पैमर एक स्पेक्ट्रा इंफेक्शन है, जो साल्मोनेला टाइफी डॉक्टर से कंटामिन से संबंधित खान-पीन की वजह से लोगों में रुचि रखता है। टाइफाइड होने पर लोगों में तेज बुखार, पेट में दर्द, उल्टी, दस्त जैसे लक्षण नजर आते हैं। टाई आमेर का भी ब्लड टेस्ट के माध्यम से पता लगाया जाता है। टाइ आमेर लंबे समय तक चल सकता है और इसकी अंतिम एंटीबायोटिक दवाएं ली जा सकती हैं। जब टाइफाइड फोटोग्राफर के फोटोग्राफर औषधियां मर जाती हैं, तब रोगी को आराम से मिलना प्रतीत होता है। अगर सही समय पर टाइमैर का इलाज न किया जाए, तो यह भी गंदा साबित हो सकता है। हालाँकि टाइफाइड का टीका उपलब्ध है और डॉक्टर की सलाह पर 2-3 साल में एक बार टीका अवश्य लगवाना चाहिए।
स्वास्थ्य वैज्ञानिकों की रेटिंग तो रेटिंग और टाइफाइड चिकित्सक दोनों ही गंभीर बीमारियाँ हैं। ठीक-ठीक कारण और प्रभाव अलग-अलग होता है, लेकिन सही समय पर इलाज न मिले, तो दोनों ही स्थिर कारणों से लोगों की मौत हो सकती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि कई बार लोगों का मूल्यांकन और टाइफिमोर एक साथ भी हो सकता है। ऐसी कंडीशन में प्रयोगशाला को लेकर कंफ्यूजन हो जाता है। इससे बचने के लिए डॉक्टर से सामूहिक जांच करानी चाहिए, ताकि सही ढंग से मूल्यांकन किया जा सके। रेगुलेशन में प्लेटलेट काउंट बेहद तेजी से कम हो रहा है और आंतरायिक रक्तस्राव का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में कोई भी वैराइटी नहीं मिलनी चाहिए।
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पहले प्रकाशित : 10 अक्टूबर 2024, 10:40 IST
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