सेहत – रसोई में ये 5 खाद्य पदार्थ के टुकड़े तो हमेशा के लिए बीमार, अलग-अलग बदले में रखें ये घटिया सामान, बीपी-डायबिटीज भी भागेंगे

आपकी रसोई में हानिकारक खाद्य पदार्थ: खाने-पीने की कई चीजें हमारे किचन में ऐसी होती हैं, जिनके बिना हमारा काम नहीं होता, लेकिन आश्रम में मौजूद कई चीजें ऐसी होती हैं, जो हमारे किचन में काम आती हैं। इरेज़र ने होन या चीनी हो या पिकेट में बंद सामान का उत्पादन किया। ये खाद्य पदार्थ हमारे लिए किसी भी तरह से अच्छे नहीं होते हैं। इन खाद्य पदार्थों की वजह से उच्च रक्तचाप, हृदय से संबंधित बीमारियां, मोटापा, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं का शिकार होना पड़ता है। असल, अमांडा डेनमार्क को एशिया से इस तरह के केमिकल में बनाया जाता है कि ये खाना पूरी तरह से अनहेल्दी हो जाता है और हमारे लिए परेशानी का सबब पैदा होता है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर में डायटिशन मनप्रीत ने इन अनहेल्ड एनीम्स को एनेस्थेट से लेकर एक विशाल तरकीब बताई है। जो सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाता है वह है, इन खाद्य पदार्थों के भोजन के टुकड़ों से, इनमें से एक के बारे में सिद्धांत।

किचन की इन अनहेल्दी मूर्तियों को छोटा किया गया

1.चीनी- चीनी के बिना अधूरा है लेकिन चीनी हमारी सेहत के लिए मीठा जहर है। अधिक चीनी खाने से वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। वहीं चीनी दांतों में कैविटी का कारण बन सकता है। अधिकांश चीनी रोगियों में एचआईवी प्रतिरोध बढ़ जाता है, जिससे टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। अधिक मात्रा में चीनी के सेवन से दिल की कमजोरी का खतरा भी बढ़ सकता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि अधिक चीनी का सेवन अवसाद और चिंता के दवाओं को बढ़ा सकता है। इसके साथ ही सबसे ज्यादा चीनी का सेवन कील, मुंहासे और त्वचा की परेशानी को बढ़ाता है। मनप्रीत बताते हैं कि चीनी की जगह आप गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो बिकता है और ज्यादा स्वादिष्ट होता है।

2. रामबाण तेल- बाज़ार में अधिकतर तेल उत्पाद पाए जाते हैं। जिसे आप रिस्पेक्ट कहते हैं उससे सबसे ज्यादा नुकसान होता है। विशिष्ट तेल, विशेष रूप से ट्रांस फ़िट वाले, दिल की धड़कन, स्ट्रोक और टाइप 2 मधुमेह के खतरे को बढ़ाया जा सकता है। इन तेलों के अधिक सेवन से शरीर में सूजन बढ़ सकती है, जो कई समस्याओं का कारण बनती है। विशिष्ट तेलों में पोषक तत्वों की कमी होती है, जिससे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। कोल्ड प्रेस्ड तेल वह होता है जो केवल क्रश या शोरूम में मशीनों में पाया जाता है। इसमें गर्मागर्मी नहीं की जाती है और न ही कोई अन्य चीज का सामान दिया जाता है।

3. अंतिम विवरण- यहां हम लोग पैकेट लगे में बंद मसाले का सेवन ज्यादा से ज्यादा करते हैं। हर घर में लोग रेफ्रिजरेटर में सामान रखते हैं लेकिन याद रखें कि आपके लिए रेफ्रिजरेटर में सामान रखना बहुत ज्यादा सही नहीं है। इनमें से पल्प निकल जाता है जिससे इसमें माइक्रोन्यूट्रेंट्स नहीं रहते और फ्रुक्टोज की मात्रा बढ़ जाती है जो शुगर है। इसमें ब्लड शुगर सहित कई नाइट्रोजन को बढ़ाया जा सकता है। इस तरह के फलों का स्वाद बिना चीनी के मिलना चाहिए।

4. रिक्खा आटा और मैदा-मैदा तो पूरी तरह से अलग-अलग प्रकार की होती है जिसमें कई केमिकल मिले होते हैं और इससे इसकी गांठ तो नष्ट होती ही है, संरचना की संरचना से भी तरह की क्षति भी बहुत होती है। इसलिए मैदा से बनी नीबी का इस्तेमाल करना बिल्कुल भी जरूरी नहीं है। वहीं आजकल जो भी बाजार में आटा देखा जाता है उनमें से अधिकांश में आटा निकाला जाता है। इससे भी कोई फ़ायदा नहीं होता. इसलिए इसके स्थान पर मोटे अनाज या मिलेट्स को गेहू में मिलाकर मिश्रित कर दिया जाता है और इसे पीसा में मिलाया जाता है। फिर से शोधित वैज्ञानिक की जगह इसका प्रयोग करें।

5. फ्रोजन वेजिटेबल- बहुत सी एसिअल जो सुपर मार्केट में जीरो डिग्री से कम पर स्टोर करती है। या हम अपने रेफ्रीजरेटर में भी बहुत सारे सी-स्टोर स्टोर कर रख देते हैं। यह तरीका गलत है क्योंकि इस तरह के विद्यार्थियों से बहुत सारे पोषक तत्व निकल जाते हैं। इसलिए इन स्टालों की जगह ताजी स्टालों का उपयोग किया जाता है।

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