सेहत – अमृत ​​​​दिखने से कम नहीं, चने जैसी वाली ये चीज, इसके आगे बादाम- काजू भी टूट गया, जड़ से मिटेगा जोड़ों का दर्द!

कुल्लु. इंदौर में चल रहे सरस मेले में पहाड़ी लहसुन बिक रहा है। लहसुन की यह वैरायटी कई मसालों में इस्तेमाल की जाती है। इसकी कीमत भी बाजार में बिक रहे डॉगी डॉकल से ज्यादा है। इस पहाड़ी लहसुन का नाम भी जाना जाता है। क्या आप जानते हैं कि लहसुन में सेहत से जुड़े कई फायदे होते हैं।

डॉक्युमेंट्री से महँगी पहाड़ी लहसुन
पहाड़ों में मिलने वाले कई सारे फायदे हैं, लेकिन पहाड़ों में मिलने वाले लहसुन वाली की एक वैरायटी जिसे पहाड़ी लहसुन या स्थाली लहसुन के नाम से जाना जाता है, यह पहाड़ी लहसुन वाली लहसुन की एक वैरायटी है, जिसे पहाड़ी लहसुन वाले लहसुन की एक वैरायटी के नाम से जाना जाता है। यूक्रेन में चल रहे सरस मॉल में भुंतर से आये स्वयं सहायता समूह के द्वारा लहसुन की यह वैरायटी स्थापित की जा रही है। यह लहसुन, अन्य डॉक्युमेंट्री आर्किटेक्चर से भी महंगी बिक रही है। भुंतर की रहने वाली कंपनी ने बताया कि इसकी कीमत बाजार में 1500 रुपये प्रति किलो है और इस पहाड़ी लहसुन के कई फायदे भी हैं।

कई गुणवत्ता से भरा है पहाड़ी लहसुन
भुंतर के बगीचों में रहने वाले सनातन देवी ने बताया कि उनके स्वयं सहायता समूह का नाम नवज्योति स्वयं सहायता समूह है। वे यहां पहाड़ी लहसुन-पिलीप जा रही हैं। जिसमें स्वास्थ्य से जुड़े कई सारे बेनिट हैं। इस लहसुन के तेल को नमक के साथ मिलाकर जोड़ों में दर्द और खून को पतला करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। हृदय रोग के लोगों के लिए यह पहाड़ी लहसुन एक चमत्कारी औषधि है। लोगों द्वारा भी लहसुन की इस वैरायटी को अब पसंद किया जा रहा है। इस लहसुन को लोग रोल में डाल कर इस्तेमाल कर रहे हैं और दावे के तौर पर भी इसे खा रहे हैं।

3 साल बाद तैयार हुई पहाड़ी लहसुन की फसल
राक्षसी देवी ने बताया कि पहाड़ी लहसुन मुख्यतः पहाड़ी इलाके में पाया जाता था। और जंगल में खुद से ही उगता था। लेकिन अब ज्योतिष में भी इसकी सफल शुरुआत हो गई है। उन्होंने बताया कि 5 साल पहले उनके पति इस पहाड़ी लहसुन का बीज लेकर आए थे। जिसके बाद अटल देवी ने इसे रत्न में बीजा और 3 साल बाद इसकी फ़सल तैयार हो गई। उन्होंने बताया कि लहसुन की यह वैरायटी आम लहसुन की तरह ही बीजा होती है। और इससे फसल तैयार करने में 3 साल का समय लगता है। इस लहसुन से उगने वाले फल देखने में आम लहसुन से छोटा और गहरा पीला रंग की होती है। हालाँकि स्वाद और मसाले दोनों में लहसुन एक जैसा ही दिखता है।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


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