सेहत – जीवनशैली स्वास्थ्य बावची औषधीय गुणों से भरपूर है, कफ सूजन त्वचा संबंधी रोगों में कारगर है

चूँकि. हमारे आस-पास कई ऐसे पेड़-पौधे हैं, जिनके आधार पर लोग अंजान हैं। प्रकृति ने हमें ऐसे कई उपाय बताए हैं, जैसे कि अचूक औषधि का सेवन कैसे काम करता है। इन उपचारों में जबरदस्त खूबियाँ मौजूद हैं और कई सिद्धियाँ प्रभावशाली भी साबित होती हैं। आज एक ऐसे ही औषधीय उपचार के बारे में बताया जा रहा है, जो बेहद प्रभावशाली है। इस उपाय का नाम है बावर्ची, जो अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। बावलीची में कोई साधारण पौधा नहीं बल्कि कई स्थिर में रामबाण औषधि का काम करता है।

लीकोडर्मा और कफ के लिए असरदार है बाबची

मोहनपुर स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा आयुर्वेदिक आयुर्वेदाचार्य बालेश्वर शर्मा ने लोकल 18 को बताया कि लीकोडर्मा और कफ से संबंधित बीमारियों के इलाज में विशेष रूप से बॉल्ची के बीज और तेल का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा यह मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी में भी सहायक है। बाबची मस्तिष्क की रचनात्मकता को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे स्मृति, एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता में सुधार होता है। इस पौधे के एंटी-एंग्जाइटी गुण के बारे में भी जाना जाता है, जो तनाव और चिंता के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर में मुक्त से विश्राम में सहायता करते हैं, जिससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया प्रभावित होती है।

दिव्य औषधियों से कम नहीं है बाबची

मोहनपुर के स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल आयुर्वेदिक आयुर्वेदाचार्य बालेश्वर शर्मा ने स्थानीय 18 को बताया कि इसमें सूजन-रोधी गुण भी हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके सेवन से पाचन संबंधी विकारों में भी सुधार होता है और इसका उपयोग त्वचा की मजबूती और अस्थमा के इलाज में भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि बावर्ची एक दिव्य औषधि है। इसका स्वाद लघु और उष्ण होता है, इसलिए यह रामबाण के लिए रामबाण से संबंधित सभी दवाएं हैं। आयुर्वेदाचार्य ने बताया कि इसके बीज और तेल लोग विभिन्न दुकानों के उपचार में उपयोग करते हैं। बावची का पौधा एक शक्तिशाली औषधीय स्रोत है, जो स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने में अद्वितीय है। आयुर्वेद चिकित्स्क से सलाह लेकर ही इसका उपयोग करें, क्योंकि इसमें तासीर गर्म होती है। इसलिए, कम मात्रा में उपयोग करना भी प्रभावशाली है।


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