सेहत – बाजार में बिकता नहीं है इस जानवर का दूध! बोले..ज्यादा प्रोडक्ट होता है तो लोग यही कहते हैं
खरगोन. गाय या भैंस किसका दूध सबसे अच्छा? इस पर चर्चा होती रहती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि गाय और बफ़ेलो की तुलना में बकरी का दूध सबसे बेहतर माना जाता है। बकरी के दूध में कैल्शियम, प्रोटीन जैसे कई पोषक तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। फैट की मात्रा कम होती है, जिसे पचाना आसान है। वेटनरी के आकाओं तो बकरी का दूध कई तरह की गेंदों के लिए भी आज़माया जाता है।
खरगोन के सरकारी पशु चिकित्सा में अस्पताल में आपूर्ति पशु चिकित्सा सहायक सर्जन डॉ. बेल पटेल ने लोकल 18 को बताया कि बकरी का दूध बहुत खतरनाक है। लेकिन, उत्पाद कम की वजह से बाजार में उपलब्ध नहीं है, इसलिए लोग गाय या भैंस के दूध का उपयोग सबसे ज्यादा करते हैं। अन्यथा प्रचुर मात्रा में बकरी का दूध उपलब्ध होने लगा तो अधिकांश लोग इसे ही उपयोग में लाते हैं।
बकरी के दूध में पोषक तत्व और फायदे
बकरी के दूध में कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है, क्योंकि खनिज लवण शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। गाय के दूध में 4 से 5%, बफ़ेलो में 7 से 8% तक वसा (फैट) की मात्रा होती है, जबकि बकरी के दूध में केवल 3.5% तक वसा होती है, जो गाय और बफ़ेलो की तुलना में काफी हल्की होती है। पाचन आसानी से किया जा सकता है। डॉ. पटेल कहते हैं कि बकरी के दूध का सेवन करने से हृदय रोग, किडनी, मधुमेह, एलर्जी से जुड़ी समस्याओं में काफी राहत मिलती है। इसके अलावा शारीरिक उपकरणों से लेकर जनरेटर की क्षमता को भी बढ़ाने में सहायक है।
बकरी का दूध महिला के दूध के समान
डॉक्टर के अनुसार, प्राचीन समय से ही नवजात शिशु को बकरी का दूध सेवन करने की सलाह दी जा रही है। आज भी जब प्रसव के बाद मां का दूध कम हो रहा है या बच्चे का पोषण नहीं हो रहा है तो उसे बकरी का दूध पिलाया जाता है, क्योंकि बकरी का दूध मां का दूध एक समान होता है, जिसे बच्चे से आसानी से पचाया जा सकता है . बड़े शहरों में 6 से 7 महीने बाद नवजातों के लिए अतिरिक्त दूध के लिए बकरी का दूध ही पिलाने की सलाह दी जाती है।
किसान वृद्धि साँची ने बनाई योजना
बता दें कि बकरी पालन से बाजार में दूध की खेती कम होती है। लेकिन, लाइसेंस पर पावडर के रूप में उपलब्ध है। हालाँकि, पिछले साल कुछ साँची ने भी बकरी के दूध का संकलन और उपलब्ध कार्यों के लिए योजना बनाई थी, जो अभी मूर्तिरूप नहीं ले पाई है। साँची दुग्ध संघ इसके लिए प्रयासरत है।
पहले प्रकाशित : 28 नवंबर, 2024, 18:29 IST
अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
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