Political – जम्मू-कश्मीर की इन 10 सीटों पर सियासी दलों की निगाहें, थोड़ा भी दाएं-बाएं हुआ तो बदल जाएगा गेम – Hindi News | Eyes on these 10 less margin seats congress bjp pdp national conference- #INA
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में बीजेपी, नेशनल कॉफ्रेंस, कांग्रेस, पीडीपी सहित तमाम पार्टियां पूरे दमखम के साथ जुटी हुई हैं. दस साल के बाद सूबे में हो रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है. ऐसे में कई सीटों पर टफ फाइट होने की संभावना है. ऐसे में जम्मू-कश्मीर की 10 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर कुछ वोटों के इधर-उधर होने से सियासी गेम बदल सकता है. यही वजह है कि सभी की निगाहें कम मार्जिन वाली सीटों पर लगा है.
2014 में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए थे, उस साल 50 विधानसभा सीटें ऐसी थी जिन पर फैसला कुल वोटों के 10 फीसदी से कम के अंतर से हुआ था. कम मार्जिन वाली 18 सीटें पीडीपी ने जीतीं थी, उसके बाद 13 सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीती थी. इसके अलावा बीजेपी ने सात और कांग्रेस ने छह सीटें जीतीं जबकि बाकी छह सीटें निर्दलीय और छोटी पार्टियों के खाते में गईं. कुल मिलाकर जीत का औसत अंतर 6,700 वोट था, लेकिन इसमें दस सीटें ऐसी हैं, जिन पर हार-जीत का अंतर एक हजार वोटों से भी कम का था.
जम्मू-कश्मीर में 1000 से कम अंतर वाली 10 सीटें
जम्मू-कश्मीर में एक हजार से कम अंतर वाली 10 सीट- कुपवाड़ा, गुरेज, सोनावारी, गांदरबल, ईदगाह, बीरवा, कुलगाम, दुरू, पहलगाम, जांस्कर शामिल हैं. कुपवाड़ा में पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के बशीर धार महज 151 जीते थे. गुरेज सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नजीर अहमद खान महज 141 वोट से ही जीत दर्ज की थी. सोनावारी सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के मो. अकबर लोन 406 वोट से जीत हासिल की थी. इसी तरह से गांदरबल सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के इशफाक अहमद शेख ने 597 वोटों से जीत दर्ज की थी.
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ईदगाह विधानसभा सीट पर नेशनल कॉफ्रेंस के मुबारिक अहमद गुल सिर्फ 608 वोटों से ही जीत दर्ज किए थे. बीरवा सीट पर एनसी के उमर अब्दुल्ला 910 वोटों से ही जीत दर्ज किए थे. कुलगाम विधानसभा सीट पर सीपीआई (एम) के मो. युसुफ तरीगामी ने 334 वोट से जीत सके थे. दुरू विधानसभा सीट पर नेशनल कॉफ्रेंस के अलताफ अहमद वानी ने 904 वोटों से जीत दर्ज किए थे. जांस्कर विधानसभा सीट पर निर्दलीय सैयद मो. बाकिर रिजवी ने 566 वोट से जीत दर्ज की थी.
1000 से कम अंतर वाली सीटों पर NC की जीत
एक हजार से कम अंतर वाली 10 सीटें है, जिसमें ज्यादातर सीटें नेशनल कॉफ्रेंस ने जीती दर्ज की थी. पीडीपी इन सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी. धारा 370 के समाप्त किए जाने के बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में परिसीमन के चलते कई सीटों का स्वरूप बदल गया है. एससी और एसटी समुदाय के लिए विधानसभा सीटें आरक्षित है. इसके अलावा काफी मतदाता इधर से उधर हो गए हैं. इस तरह नए माहौल में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, जिसके चलते कम मार्जिन वाली सीटों पर सभी की निगाहें लगी हुई है.
विधानसभा चुनाव में एक हजार मतदाता का इधर से उधर होने पर सारा खेल बिगड़ सकता है. इस बार जिस तरह से तमाम क्षेत्रीय दल भी चुनाव मैदान में उतर रहे हैं और निर्दलीय भी किस्मत आजमा रहे हैं. ऐसे में कम अंतर वाली सीटों पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं. राजस्थान में सिर्फ एक वोट से हार के चलते सीपी जोशी मुख्यमंत्री बनने की रेस से बाहर हो गए थे. इसके अलावा अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सिर्फ एक वोट से अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार भी गिर गई थी.
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