Political – हरियाणा: जमानत जब्त हुई सीटों पर जीत के लिए BJP-कांग्रेस ने कैसे बिछाई सियासी बिसात?- #INA
हरियाणा में चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला
हरियाणा की सियासत में 10 साल से सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जीत की हैट्रिक लगाने की जुगत में है तो वहीं कांग्रेस अपनी वापसी के लिए बेताब है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही चुनावी जंग में अपने-अपने सिपहसलार उतार दिए हैं. हरियाणा में फर्श से अर्श पर पहुंची बीजेपी ने 2019 में भले ही 40 सीटें जीतकर दूसरी बार सरकार बनाने में सफल रही हो, लेकिन 3 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी. इसी तरह से कांग्रेस ने बीजेपी को पिछले चुनाव में कांटे की टक्कर दी थी, लेकिन 27 सीट पर पार्टी कैंडिडेट अपनी जमानत नहीं बचा सके थे.
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इस बार पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतरी हैं. ऐसे में 2019 में जमानत जब्त हुई विधानसभा सीटों को जीतने के लिए खास रणनीति बनाई गई है. हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार दोनों ही पार्टियों ने इन सभी सीटों पर पिछले चुनाव में शिकस्त खाए हुए उम्मीदवारों पर दांव लगाने के बजाय नए चेहरों को उतारा है. ऐसे में अब देखना है कि खास रणनीति के साथ उतरी कांग्रेस और बीजेपी अपनी-अपनी जमानत जब्त सीटों पर जीत का स्वाद चखने में कामयाब होंगी?
जमानत जब्त सीट पर बीजेपी का प्लान
हरियाणा के पिछली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 3 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. 2019 में पुंडरी, रानिया और पृथला विधानसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. पुंडरी विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी वेदपाल एडवोकेट को 20,990 (15.33 फीसदी) वोट मिले थे. रानिया सीट पर बीजेपी प्रत्याशी रामचंद्र कम्बोज को 20,709 (14.42 फीसदी) वोट मिले थे और पृथला सीट पर पार्टी कैंडिडेट सोहन पाल के खाते में 21,322 (14.50 फीसदी) वोट आए थे. इस तरह बीजेपी के ये तीनों उम्मीदवार जमानत नहीं बचा सके.
बीजेपी ने इस बार पुंडरी, रानिया और पृथला विधानसभ सीट पर जमानत जब्त कराने वाले उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया. बीजेपी ने पुंडरी सीट पर वेदपाल की जगह सतपाल जाम्बा को उतारा है तो रानियां सीट पर रामचंद्र कंबोज की जगह शिशपाल कंबोज और पृथला सीट पर सोहन पाल की जगह टेकचंद शर्मा को टिकट दिया है. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने इस तरह से 2014 में जमानत जब्त वाली 12 विधानसभा सीटों पर पुराने चेहरों की जगह नए उम्मीदवारों पर दांव खेला था, जो कई सीटों पर सफल भी रहा. बीजेपी उनमें से कुछ सीटें जीतने में कामयाब रही तो रानिया सीट छोड़कर बाकी विधानसभा सीट पर अपनी जमानत जब्त होने से बचा ले गई थी.
कांग्रेस की 27 सीटों पर जमानत जब्त
कांग्रेस ने साल 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कांटे की टक्कर दी थी. कांग्रेस ने 90 में से 31 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन 27 विधानसभा सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. हरियाणा की अंबाला कैंट, अंबाला ग्रामीण, यमुनानगर, शाहबाद, नीलोखेड़ी, इंद्री, पानीपत ग्रामीण, उचाना, जुलाना, जींद, उकलाना, नारनौंद, हांसी, बरवाला, भिवानी, अटेली, नांगल चौधरी, गुरुग्राम, बादशाहपुर, सोहना, पटौदी, नरवाना, टोहना, फेतहाबाद, रानियां और सिरसा विधानसभा सीट पर कांग्रेस कैंडिडेट अपनी जमानत नहीं बचा सके थे. कांग्रेस प्रत्याशियों में हांसी सीट पर ओमप्रकाश और उचाना सीट पर बलराम को सबसे कम वोट मिले थे. हांसी में कांग्रेस को 2.7 फीसदी वोट तो उचाना में 3.14 फीसदी वोट मिले थे.
कांग्रेस ने भी पिछले चुनाव में जमानत जब्त कराने वाले एक उम्मीदवार को छोड़कर सभी के टिकट इस बार काट दिए हैं. 2019 में जमानत जब्त हुई 27 सीटों में से 26 पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही हैं और एक सीट उसने सीपीआई-एम को चुनाव लड़ने के लिए दे दी है. कांग्रेस ने नरवाना सीट पर विद्या रानी दनोदा की जगह सतबीर, फतेहाबाद में प्रह्लाद सिंह की जगह बलवान सिंह, रानियां में विनीत कंबोज की जगह सर्वमित्र कंबोज, सिरसा में होशियारी लाल की जगह गोकुल सेतिया, अंबाला कैंट में वेणु सिंगला की जगह परिमल परी, अंबाला शहर जसबीर मलौर की जगह चौधरी निर्मल सिंह, यमुनानगर में निर्मल चौहान की जगह मन त्यागी, शाहबाद सीट पर अनिल धंतौड़ी का जगह रामकरन और नीलोखेड़ी में बंता राम के स्थान पर धर्मपाल गोंदर को उतारा है.
नए उम्मीदवारों के भरोसे कांग्रेस
इसी तरह कांग्रेस ने इंद्री सीट पर नवजोत कश्यप की जगह राकेश कुमार कंबोज, पानीपत ग्रामीण सीट पर ओमप्रकाश जैन की जगह सचिन कुंडू, जुलाना में धर्मेंद्र ढुल की जगह विनेश फोगाट, जींद सीट पर अंशुल सिंगला की जगह महाबीर गुप्ता, उचाना में बलराम की जगह बृजेंद्र सिंह, उकलाना में बाला देवी की जगह नरेश सेलवाल, नारनौंद में बलजीत सिहाग की जगह जसबीर सिंह, हांसी में ओमप्रकाश की जगह राहुल मक्कड़ और बरवाला सीट पर भूपेंद्र गंगवा की जगह राम निवास घोरेला को प्रत्याशी बनाया है.
कांग्रेस ने चरखी-दादरी में नृपेंद्र सांगवान की जगह सोमबीर सांगवान, अटेली सीट पर अर्जुन सिंह की जगह अनीता यादव, नांगल चौधरी सीट पर राजा राम की जगह पर मंजू चौधरी और गुरुग्राम सीट पर सुखबीर कटारिया की जगह मोहित ग्रोवर को प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस ने पटौदी सीट पर सुधीर कुमार की जगह पर्ल चौधरी, बादशाहपुर सीट पर राव कमलबीर की जगह वर्थन यादव और सोहना सीट पर शमशुद्दीन की जगह पर रोहताश खटाना को प्रत्याशी बनाया है.
वहीं, कांग्रेस ने टोहाना सीट पिछली बार चुनाव लड़ने वाले परमवीर पर एक बार फिर से भरोसा जताया है. पिछली बार परमवीर की जमानत जब्त हो गई थी. इसके बाद भी पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है. इसके अलावा भिवानी में कांग्रेस अमर सिंह हलुवासिया की जमानत जब्त हो गई थी. कांग्रेस ने इस बार भिवानी विधानसभा सीट को सीपीआई-एम के लिए छोड़ दी है. इस तरह कांग्रेस ने नए चेहरे ही नहीं बल्कि मजबूत प्रत्याशी उतारने का दांव चला है. विनेश फोगाट और बृजेश सिंह जैसे नेताओं को उतारा है.
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