Sports – Ganesh Chaturthi 2024: आखिर गणेश जी ने चूहे को अपना वाहन क्यों चुना, क्या आप जानते हैं? #INA
Ganesh Ji Mushak Sawari Story: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है. इस बार गणेश चतुर्थी 7 सितंबर से शुरू हो रही है. गणेश जी को विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता के रूप में पूजा जाता है. जहां भगवान शिव का वाहन नंदी और मां दुर्गा का वाहन शेर माना जाता है, तो वहीं गणेश जी का वाहन एक छोटा-सा चूहा है. यह सोचने वाली बात है कि इतने शक्तिशाली देवता ने आखिर एक छोटे और दुर्बल जीव, चूहे को ही क्यों अपना वाहन बनाया? आइए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर गणेश जी ने एक छोटे से चूहे को अपने वाहन के रूप में क्यों चुना.
मुनि वामदेव ने दिया श्राप
दरअसल, इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं, जिनमें से एक प्रसिद्ध कथा मुनि वामदेव और क्रौंच गंधर्व से संबंधित है. पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार इंद्र देव के दरबार में क्रौंच नामक गंधर्व मौजूद था. इंद्र का दरबार चल रहा था और सभी देवता वहां एकत्रित थे. इसी बीच क्रौंच हंसी-मजाक में मशगूल था, जिससे दरबार की मर्यादा भंग होने लगी. उसकी इस हरकत से मुनि वामदेव नाराज हो गए. क्रोधित होकर मुनि वामदेव ने क्रौंच को चूहा बनने का श्राप दे दिया. क्रौंच, चूहे का रूप धारण कर पृथ्वी पर आया, लेकिन उसका स्वभाव नहीं बदला. उसने ऋषि पराशर के आश्रम में बहुत उत्पात मचाया और सबके लिए परेशानी का कारण बन गया.
गणेश जी ने चूहे को क्यों बनाया अपना वाहन
ऋषि पराशर और अन्य ऋषियों ने इस उत्पात से परेशान होकर गणेश जी से मदद की गुहार लगाई. भगवान गणेश ने अपनी दिव्य शक्ति से चूहे को पाश में बांध दिया. जब चूहा गणेश जी के सामने आया, तो उसने अपनी गलती के लिए क्षमायाचना की और गणेश जी से दया की प्रार्थना की. गणेश जी ने उसकी विनती सुनकर उसे क्षमा कर दिया और उसे अपना वाहन बना लिया. यह कहानी यह दर्शाती है कि गणेश जी के भीतर दया और करुणा का भाव है और वे दुर्बल और कमजोरों पर भी अपनी कृपा बरसाते हैं.
गणेश जी की इस कथा से मिलने वाली सीख
गणेश जी द्वारा एक छोटे और दुर्बल चूहे को वाहन बनाना यह दर्शाता है कि वे हर प्राणी को महत्वपूर्ण मानते हैं, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो. यह कथा हमें सिखाती है कि हमें किसी को भी तुच्छ नहीं समझना चाहिए. हर व्यक्ति या प्राणी के पास अपनी अलग उपयोगिता और क्षमता होती है. गणेश जी का चूहे को वाहन बनाना इस बात का प्रतीक है कि संसार में सबका अपना महत्व है और हमें किसी को भी छोटा या कमजोर नहीं समझना चाहिए.
इस कथा से हमें यह भी सीख मिलती है कि किसी के जीवन में कठिनाइयां आने पर उसकी सहायता करके उसे सही मार्ग दिखाना ही सच्चा धर्म है. गणेश जी का यह गुण हमें भी सिखाता है कि हमें दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए, चाहे वह कोई भी हो.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
डिस्क्लेमरः यह न्यूज़स्टेट डॉट कॉम न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ आई एन ए टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज़स्टेट डॉट कॉम की ही होगी.https://www.newsnationtv.com/religion/dharm/ganesh-chaturthi-2024-why-ganesh-ji-chosen-rat-as-vehicle-ganesh-ji-mushak-sawari-story-6953840