सेहत – बेहद चमत्कारी है यह फल, इसमें छुपा है कैंसर जैसी कई बीमारियों का इलाज, सिर्फ दो महीने मिलता है
जयपुर. भारत आयुर्वेदिक पद्धति में समृद्ध राष्ट्र माना जाता है. देश के कई भागों में ऐसे फल और सब्जियां हैं जो चमत्कारिक रूप से कई बीमारियों को ठीक कर देती हैं. मई-जून में धरती को तपा देने वाली इन गर्मियों के बीच लेसवा एक ऐसा छोटा फल है जिसका आयुर्वेद में बड़ा महत्व माना जाता है. लेसवे को लसोड़ा भी कहा जाता है. ये केवल गर्मी के 2 महीने आता है. लसोड़े का फल और सब्जी दोनों तरह से उपयोग किया जाता है.
कच्चे लेसवे का प्रयोग सब्जी बनाने में किया जाता है. पक जाने के बाद यह मीठा, चिपचिपा रसीला फल बन जाता. इसका प्रयोग अचार बनाने में किया जाता है. यह फल केवल मई -जून 2 महीने में ही आता है.
लसौड़े के 5 फायदे
(1)लसोड़े में चमत्कारिक आयुर्वेदिक गुण होते हैं. इसके सेवन से कई बीमारियां छूमंतर हो जाती हैं. लेसवा एलर्जी और बीपी के मरीजों के लिए बेहद गुणकारी होता है. इसे एंटी डायबिटीज गुण वाला फल भी कहा जाता है.
(2) स्किन डिसीज के लिए यह लेसवा वरदान है. यह दाद, खाज, खुजली जैसी स्किन समस्याओं से काफी हद तक राहत दिला सकता है.
(3) लेसवा प्रोटीन, कार्ब्स, फाइबर, कैल्शियम, फॉस्फोरस और आयरन का अच्छा स्रोत है. यह शरीर को मजबूत बनाता है और एनर्जी देता है.
(4) लेसवे के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाने से जल्द ठीक होने में मदद मिलती है. इसे अल्सर के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है.
(5) इस अनोखे फल को खाने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है. इसमें एंटी-कैंसर और एंटी-एलर्जिक प्रॉपर्टी भी पाई जाती हैं.
कैसे करें प्रयोग
कच्चे लेसवे का प्रयोग सब्जी बनाने के लिए होता है. इसका अचार भी बनाया जाता है. अचार बनाने के लिए फल के अनुपात में तेल का प्रयोग किया जाता है. मसाले में कलौंजी, सौंफ, मैथी,राई, हींग. काला और साधारण नमक का भी प्रयोग होता है. लेसवे का अचार बहुत लाभकारी होता है.
(Disclaimer: चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, फेंगशुई आदि विषयों पर आलेख अथवा वीडियो समाचार सिर्फ पाठकों/दर्शकों की जानकारी के लिए है. इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है. हमारा उद्देश्य पाठकों/दर्शकों तक महज सूचना पहुंचाना है. इसके अलावा, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की होगी. Local 18 इन तथ्यों की पुष्टि नहीं करता है.)
FIRST PUBLISHED : June 5, 2024, 19:49 IST
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