सेहत – 35 साल की उम्र में बढ़ी मां बनने का ट्रेंड, पीछे की वजह से चौंका देवी, डॉक्टर बोले बेस्ट नहीं ये उम्र
35 वर्ष की आयु के बाद प्रसव: आज 35 साल की उम्र में मां बनने का ट्रेंड बढ़ा है। बेशक यह उम्र कुछ गुण से ठीक हो, लेकिन डॉक्टर इसका प्रभाव नहीं मानते हैं। असल में, उम्र बढ़ने के साथ-साथ ओवरी में एग काउंट कम होने लगता है। इससे महिलाओं में गर्भधारण के चांस कम हो जाते हैं। यदि किसी महिला को कंसीव भी होता है तो बच्चे में हाइपरटेंशन, क्रोमैटो, क्रोमोसोम असामान्यता या सी-सेक्शन की जरूरत पड़ सकती है। यही वजह है कि डॉक्टर सही उम्र में कंसीव करने की सलाह देते हैं। हालाँकि, कुछ अध्ययनों में बच्चे की बेहतर उपलब्धि को लेकर बड़ी उम्र में माँ बनने के लाभ भी दिए गए। अब सवाल है कि आखिर 35 साल की उम्र में क्यों बढ़ गया मां बनने का ट्रेंड? प्रभावशाली उम्र क्या होनी चाहिए? 35 साल की उम्र के बाद माँ बनने के जोखिम और लाभ? इन सवालों के बारे में न्यूज़18 को जानकारी दे रही हैं लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में महिला एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. अनुपम रानी-
इतनी उम्र में क्यों बनी पीछे की मां?
आज बड़ी संख्या में महिलाएं देर से मां जैसी दिखती हैं। इसका कारण उनका वैयक्तिक, नैतिकतावादी या देर से विवाह होना हो सकता है। एक मानकडी के अनुसार, 35 साल की उम्र में मां बनने वाली महिलाओं को कुछ ज्यादा ही फायदा मिलता है। इसका एक फायदा ये है कि ज्यादा उम्र में मां बनने वाली महिलाएं 7 से 11 साल की उम्र में गर्लफ्रेंड को निर्देश देती हैं। इन वाद्यों में अस्थैवहारिक, सोशल और इमोशनल साझीदार कम आते हैं। ये बच्चों की पढ़ाई पर आधारित हैं। साथ ही बड़ी उम्र की महिलाओं की जोड़ी मैच्योर होती है और प्रेसीडेंटेंसी के दौरान मंदिर कम करने में सक्षम होते हैं।
टॉयलेट रिपोर्ट में ताज़ा खबर
दिल्ली की एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक, 35 साल की उम्र में मां बनने का प्रतिशत 2010 में 2.25% था, जोकी साल 2023 में 8.39% हो गया। वहीं, 30 से 34 साल के बीच 2010 में 9.46% महिलाएं मां बनी रहीं। जोक 2023 में यह संख्या 24.71% हो गई। इसके अलावा, 20 से 29 साल की उम्र के बीच 86.67% मां बनी थी, जो 2023 में एक से भी कम रह गई।
भर्ती कंसीव करने की सही उम्र क्या है?
डॉ. अनोखी रानी का कहना है कि, 35 साल की उम्र के बाद मां बनने का खतरा पैदा हो जाता है। जैसे-जैसे महिला की आयु आधी होती है, अंडों की संख्या में कमी आती है। कुछ अंडे भी होते हैं जो आसानी से पुरुषों के स्कोर द्वारा निषेचित नहीं होते हैं। वहीं, अगर कोई महिला कंसीव भी करती है तो उसमें सी-सेक्शन की शुरुआत का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में कंसीव करने के लिए 20 से 30 साल की उम्र पर असर पड़ता है।
35 के बाद मां बनने के क्या हैं जोखिम?
35 साल की उम्र के बाद माँ बनने पर जे. ऐसी स्थिति में शिशु का आहार संबंधी सामान बेकार हो सकता है, जिससे भंडारण में समय लग सकता है। इसके अलावा, कुछ महिलाओं को प्री-कॉन्सेन्सी के दौरान हाई-स्पोर्ट्स स्टूडियो, प्राइम-मैकेनिकल स्टॉक या सी-सेज़ फ़्रैक्शन की ज़रूरत होती है। इसके अलावा, जैसे-जैसे आपकी आयु अधिक होती है, आपकी जन्म क्षमता कम होती जाती है। इससे मिसकैरेज या मृत शिशुगृह के जन्म का भी खतरा बढ़ गया है।
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पहले प्रकाशित : 28 अगस्त, 2024, 12:09 IST
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